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बीजेपी के लिए आफ़त बनी बगावत, टिकट वितरण से नाराज दिग्गज थाम सकते हैं कांग्रेस का हाथ - Madhya Pradesh

लोकसभा चुनाव के टिकट वितरण के बाद बीजेपी में अंतरकलह शुरु हो गया है. पार्टी के कई दिग्गज टिकट कटने से नाराज हैं, जिससे बगावत के सुर मुखर हो रहे हैं. खबर है कि कई पार्टी नेता कांग्रेस के संपर्क में है और कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.

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Published : Mar 26, 2019, 7:49 PM IST

भोपाल। लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूची जारी होने के साथ ही बीजेपी में नाराज नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है. बीजेपी द्वारा घोषित किए गए अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ स्थानीय कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है. भिंड, सिंगरौली, मंदसौर और टीकमगढ़ में अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ नाराजगी है तो वहीं बीजेपी के दिग्गज नेता और दिवंगत प्रधामंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा भी टिकट काटे जाने से नाराज हैं. खबर है कि बीजेपी के कई नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं.

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इस्तीफा सौंपकर वापस ले चुके हैं सिंगरौली अध्यक्ष
उधर रूठों को मनाने के लिए बीजेपी पदाधिकारी सक्रिय हो गए हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जो भी नेता नाराज हैं, उन्हें मना लिया जाएगा. पार्टी में यह घमासान लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों के वितरण के साथ ही शुरू हो गया है. बीजेपी द्वारा अधिकृत तौर पर घोषित किए गए उम्मीदवारों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं का गुस्सा सामने आ रहा है. सीधी से रीति पाठक को उम्मीदवार बनाए जाने के खिलाफ सिंगरौली के जिला अध्यक्ष कांत देव सिंह नाराज बताए जा रहे हैं. हालांकि, उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपने के बाद वापस ले लिया है.


हिमाद्री सिंह का हो रहा है भारी विरोध
शहडोल में हिमाद्री सिंह का भी जमकर विरोध हो रहा है. कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुई हिमाद्री के खिलाफ सांसद ज्ञान सिंह के समर्थक नाराजगी जता चुके हैं. वहीं मंदसौर में उम्मीदवार सुधीर गुप्ता का विरोध बंशीलाल गुर्जर कर रहे हैं. इसी तरह भिंड में संध्या राय के खिलाफ महापौर अशोक अर्गल ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है क्योंकि वे इस सीट से सबसे सशक्त दावेदार माने जा रहे थे. वहीं सांसद भागीरथ प्रसाद को भी टिकट वितरण के कारण नाराज बताया जा रहा है.


अनूप मिश्रा भी हैं नाराज
टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार बनाए गए सांसद वीरेंद्र खटीक के खिलाफ भी स्थानीय स्तर पर आरडी प्रजापति सहित कई बड़े नेता नाराजगी जता रहे हैं. वहीं मुरैना से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पार्टी उम्मीदवार बनाया गया, जिससे अनूप मिश्रा भी नाराज चल रहे हैं. खास बात तो ये है कि ग्वालियर लोकसभा सीट के लिए बनाए गए पैनल में भी अनूप मिश्रा का नाम नहीं है. ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र के लिए बनाए गए पैनल में माया सिंह, विवेक शेजवलकर के नाम हैं. उधर कांग्रेस में इस सीट से अशोक सिंह पार्टी के मजबूत दावेदार हैं.


नेताओं को मनाने का दौर जारी
कयास लगाए जा रहे हैं कि टिकट से नाराज चल रहे बीजेपी के कुछ नेता कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. हालांकि इस मुद्दे पर जब बीजेपी के प्रदेश प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कोई कहीं नहीं जा रहा, सब पार्टी के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि कब कौन कहां क्या बन जाए यह कह नहीं सकते. पार्टी सभी कार्यकर्ताओं का ध्यान रखती है, रामनाथ कोविंद का पहले टिकट काटा गया था, लेकिन आज वे देश के राष्ट्रपति हैं. बीजेपी के प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि कोई भी पार्टी में नाराज नहीं है और जो नाराज हैं उन्हें मना लिया जाएगा, सभी पार्टी के फैसले के साथ खड़े हैं.


उधर नेताओं की नाराजगी को देखते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता रूठों को मनाने में जुट गए हैं. डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी पार्टी उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने संभाली है. बताया जा रहा है कि सहस्त्रबुद्धे ने नाराज नेताओं से बातचीत शुरू कर दी है. वे प्रदेश में पार्टी के दूसरे प्रमुख नेताओं से भी चर्चा कर असंतोष को काबू में करने की कोशिश कर रहे हैं.

भोपाल। लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूची जारी होने के साथ ही बीजेपी में नाराज नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है. बीजेपी द्वारा घोषित किए गए अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ स्थानीय कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है. भिंड, सिंगरौली, मंदसौर और टीकमगढ़ में अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ नाराजगी है तो वहीं बीजेपी के दिग्गज नेता और दिवंगत प्रधामंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा भी टिकट काटे जाने से नाराज हैं. खबर है कि बीजेपी के कई नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं.

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इस्तीफा सौंपकर वापस ले चुके हैं सिंगरौली अध्यक्ष
उधर रूठों को मनाने के लिए बीजेपी पदाधिकारी सक्रिय हो गए हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जो भी नेता नाराज हैं, उन्हें मना लिया जाएगा. पार्टी में यह घमासान लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों के वितरण के साथ ही शुरू हो गया है. बीजेपी द्वारा अधिकृत तौर पर घोषित किए गए उम्मीदवारों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं का गुस्सा सामने आ रहा है. सीधी से रीति पाठक को उम्मीदवार बनाए जाने के खिलाफ सिंगरौली के जिला अध्यक्ष कांत देव सिंह नाराज बताए जा रहे हैं. हालांकि, उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपने के बाद वापस ले लिया है.


हिमाद्री सिंह का हो रहा है भारी विरोध
शहडोल में हिमाद्री सिंह का भी जमकर विरोध हो रहा है. कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुई हिमाद्री के खिलाफ सांसद ज्ञान सिंह के समर्थक नाराजगी जता चुके हैं. वहीं मंदसौर में उम्मीदवार सुधीर गुप्ता का विरोध बंशीलाल गुर्जर कर रहे हैं. इसी तरह भिंड में संध्या राय के खिलाफ महापौर अशोक अर्गल ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है क्योंकि वे इस सीट से सबसे सशक्त दावेदार माने जा रहे थे. वहीं सांसद भागीरथ प्रसाद को भी टिकट वितरण के कारण नाराज बताया जा रहा है.


अनूप मिश्रा भी हैं नाराज
टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार बनाए गए सांसद वीरेंद्र खटीक के खिलाफ भी स्थानीय स्तर पर आरडी प्रजापति सहित कई बड़े नेता नाराजगी जता रहे हैं. वहीं मुरैना से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पार्टी उम्मीदवार बनाया गया, जिससे अनूप मिश्रा भी नाराज चल रहे हैं. खास बात तो ये है कि ग्वालियर लोकसभा सीट के लिए बनाए गए पैनल में भी अनूप मिश्रा का नाम नहीं है. ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र के लिए बनाए गए पैनल में माया सिंह, विवेक शेजवलकर के नाम हैं. उधर कांग्रेस में इस सीट से अशोक सिंह पार्टी के मजबूत दावेदार हैं.


नेताओं को मनाने का दौर जारी
कयास लगाए जा रहे हैं कि टिकट से नाराज चल रहे बीजेपी के कुछ नेता कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. हालांकि इस मुद्दे पर जब बीजेपी के प्रदेश प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कोई कहीं नहीं जा रहा, सब पार्टी के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि कब कौन कहां क्या बन जाए यह कह नहीं सकते. पार्टी सभी कार्यकर्ताओं का ध्यान रखती है, रामनाथ कोविंद का पहले टिकट काटा गया था, लेकिन आज वे देश के राष्ट्रपति हैं. बीजेपी के प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि कोई भी पार्टी में नाराज नहीं है और जो नाराज हैं उन्हें मना लिया जाएगा, सभी पार्टी के फैसले के साथ खड़े हैं.


उधर नेताओं की नाराजगी को देखते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता रूठों को मनाने में जुट गए हैं. डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी पार्टी उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने संभाली है. बताया जा रहा है कि सहस्त्रबुद्धे ने नाराज नेताओं से बातचीत शुरू कर दी है. वे प्रदेश में पार्टी के दूसरे प्रमुख नेताओं से भी चर्चा कर असंतोष को काबू में करने की कोशिश कर रहे हैं.

Intro:लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूची जारी होने के साथ ही बीजेपी में असंतुष्ट नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। बीजेपी द्वारा घोषित किए गए अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ स्थनीय कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है। भिंड, सिंगरौली, मंदसौर और टीकमगढ़ में अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ नाराजगी है। यहीं बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व पीएम वाजपई के भांजे अनूप मिश्रा भी टिकट काटे जाने से नाराज है। खबर है कि बीजेपी के कई नेता काँग्रेस के सम्पर्क में हैं। उधर रूठों को मनाने के लिए बीजेपी पदाधिकारी सक्रिय हो गए हैं। बीजेपी नेताओं के मुताबिक जिनकी भी नाराजगी है उसे दूर कर लिया जाएगा


Body:लोकसभा टिकटों के वितरण के साथ ही बीजेपी में अंदरूनी घमासान शुरू हो गया है। बीजेपी द्वारा अधिकृत तौर पर घोषित किए गए उम्मीदवारों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं का गुस्सा सामने आ रहा है। सीधी से रीति पाठक को उम्मीदवार बनाए जाने के खिलाफ सिंगरौली के जिला अध्यक्ष कांत देव सिंह नाराज बताए जा रहे हैं हालांकि उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपने के बाद बाद में इसे वापस ले लिया वही शहडोल में हिमाद्री सिंह का भी जमकर विरोध हो रहा है कांग्रेसी बीजेपी में शामिल हुई हिमाद्री के खिलाफ सांसद ज्ञान सिंह के समर्थक नाराजगी जता चुके वहीं मंदसौर में उम्मीदवार सुधीर गुप्ता का विरोध बंशीलाल गुर्जर कर रहे हैं इसी तरह भिंड में संध्या राय के खिलाफ महापौर अशोक अर्गल ने अपनी कड़ी नाराजगी जताई है वे इस सीट से सबसे सशक्त दावेदार माने जा रहे थे वहीं सांसद भागीरथ प्रसाद भी नाराज चल रहे हैं। भागीरथ प्रसाद ने पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट मिलने की बात बीजेपी का दामन थाम लिया था इसी तरह टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार बनाए गए सांसद वीरेंद्र खटीक के खिलाफ भी स्थानीय स्तर पर आरडी प्रजापति सहित कई बड़े नेता नाराजगी जता रहे हैं। उधर अपना टिकट कटने से अनूप मिश्रा भी नाराज चल रहे हैं मुरैना से अनूप मिश्रा की जगह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पार्टी ने टिकट दिया है वही ग्वालियर लोकसभा सीट के लिए बनाए गए पैनल में अभी अनूप मिश्रा का नाम नहीं है इसको लेकर अनूप मिश्रा खा से नाराज बताए जा रहे हैं। ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र के लिए बनाए गए पैनल में माया सिंह विवेक शेजवलकर के नाम तो है लेकिन अनूप मिश्रा का नाम इसमें नहीं है उधर कांग्रेस मैं इस सीट से अशोक सिंह पार्टी के मजबूत दावेदार हैं। उधर कयास लगाए जा रहे हैं कि टिकट से नाराज चल रही कुछ नहीं था कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं हालांकि इस को लेकर जब बीजेपी के प्रदेश प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कोई कहीं नहीं जा रहा सब पार्टी के साथ खड़े हैं कब कौन कहां क्या बन जाए यह कह नहीं सकते उन्होंने कहा कि पार्टी सभी कार्यकर्ताओं का ध्यान रखती है रामनाथ कोविंद का पहली टिकट काटा गया था लेकिन आज भी देश के राष्ट्रपति हैं। बीजेपी के प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि कोई भी पार्टी में नाराज नहीं है और जो नाराज हैं उन्हें मना लिया जाएगा सभी पार्टी के फैसले के साथ खड़े हुए हैं।
उधर नेताओं की नाराजगी को देखते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता रूठे को मनाने में जुट गए हैं डैमेज कंट्रोल की जिम्मेवारी पार्टी उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने संभाली है बताया जा रहा है कि सहस्त्रबुद्धे ने नाराज नेताओं से बातचीत शुरू कर दी है सहज प्रदेश मसले पर पार्टी के दूसरे प्रमुख नेताओं से भी चर्चा कर असंतोष को काबू में करने की कोशिश कर रहे हैं अब देखना होगा कि अपनी कोशिशों में कितने कामयाब होते हैं


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