भोपाल। "तुमको मुझे फांसी पर लटकाना है तो लटका देना, लेकिन गाड़ी तो लेकर जाऊंगा मैं." इतना कहकर पूर्व विधायक गौतम टेटवाल ने पुलिस का बैरीकेड अपने हाथों से हटा दिया और अपनी स्कोर्पियों गाड़ी लेकर आगे बढ़ गए, यह वाकया राजगढ़ जिले की खिलचीपुर तहसील में उस जगह हुआ जहां बागेश्वर धाम के मुख्य पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा चल रही थी. मामला शुक्रवार का है, दरअसल मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में 25 जून से 29 जून तक आयोजित 5 दिवसीय बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम के लिए पुलिस व प्रशासन ने अलग प्रवेश व्यवस्था बनाई है, इसमें आम जन के अलग और खास लोगों के लिए अलग प्रवेश व्यवस्था है.
पूर्व विधायक ने पहले की बहस फिर खुद हटाए बैरीकेड्स: शुक्रवार को वीवीआईपी गेट पर पूर्व विधायक और पुलिस के बीच बहस हुई, जो वीडियो सामने आया है, उसके अनुसार राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा सीट से भाजपा के पूर्व विधायक गौतम टेटवाल वीवीआईपी रास्ते से कार्यक्रम में जाना चाह रहे थे. जब इंट्री गेट पर पहुंचे तो उन्हें ट्राफिक पुलिस ने रोक दिया. गाड़ी आगे ले जाने से मना करने पर पूर्व विधायक आग बबूला हो गए और ट्रैफिक पुलिस से बहस करने लगे. ट्रैफिक पुलिस ने उनसे पास मांगा ताे उन्होंने कहा कि "नहीं है, मैं एसपी से बात करता हूं."
इस पर एक सिपाही बोला कि "करिए न एसपी से बात." इस पर टेटवाल बोले कि "मुझे फांसी पर लटका देना, लेकिन मैं गाड़ी निकाल कर रहूंगा." इसके साथ ही पूर्व विधायक वीडियो में ट्रैफिक पुलिस से यह बात भी बोलते नजर आ रहे हैं कि, "तुम्हारी मुझसे दुश्मनी है, इसलिए तुम मुझे और मेरी गाड़ी को आगे जाने नहीं दे रहे हो." इसके बाद भी ट्रैफिक पुलिस ने बैरीकेड्स नहीं हटाए तो भाजपा विधायक खुद ही बेरीकेट्स हटाकर गाड़ी निकालने लगे. इस पर ट्रैफिक सिपाही ने पूछा कि "आपका नाम तो बता दो, लेकिन पूर्व विधायक ने अपना नाम नहीं बताया और गाड़ी लेकर आगे चले गए. फिलहाल अब उनका यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है.
भाजपा पूर्व विधायक के बेटे करा रहे बागेश्वर धाम की कथा: गौरतलब है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पांच दिवसीय कथा राजगढ़ से भाजपा के पूर्व विधायक हरिचरण तिवारी के बेटे अंशुल तिवारी करवा रहे हैं. कुछ साल पहले तक अंशुल तिवारी भोपाल से राजनीति में सक्रिय थे, लेकिन अब खिलचीपुर से अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे हैं, जबकि वे रहते राजगढ़ में हैं. यह भी गौर करने वाली बात यह है कि खिलचीपुर सीट लंबे समय से कांग्रेस के पास है.