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'कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रही बीजेपी अब कांग्रेस युक्त'

कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखने वाली कांग्रेस अब कांग्रेस युक्त होती जा रही है. भाजपा किसी भी तरह से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को अपने पाले में शामिल करती जा रही है.

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Published : Oct 5, 2021, 6:56 AM IST

Updated : Oct 5, 2021, 9:53 AM IST

congress bjp
कांग्रेस बीजेपी

भोपाल। कांग्रेस मुक्त भारत (Congress Free India) की बात करने वाली बीजेपी अब कांग्रेस युक्त दिखाई दे रही है. ताजा उदाहरण ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का देखा जा सकता है. वह कांग्रेस के 22 विधायकों के साथ खुद भाजपा में शामिल हो गए. अब उपचुनाव में भी बीजेपी जोड़-तोड़ में लगी है और कांग्रेसियों को अपने घर लाने में आगे निकल गई है. हाल ही में जोबट सीट, जो कि कांग्रेस की थी उसमें सेंध लगाकर कांग्रेस की पूर्व विधायक सुलोचना रावत (Ex-MLA Sulochana Rawat)और उनके बेटे विजय रावत को आधी रात को बीजेपी में शामिल करा लिया गया.

कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव.

कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में कर रही भाजपा
पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी ने चुनावों के दौरान कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को तोड़कर अपनी पाले में लिया है. 2013 के विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) की बात करें तो संजय पाठक जोकि कहते रहे कि उनके खून में कांग्रेस का डीएनए है, लेकिन 2013 के चुनावी रण में कांग्रेस से जीते और बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी ने उनको मंत्री पद भी दे दिया. इसी तरह चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी, जिनका कद कांग्रेस में बड़ा था. आखिरी वक्त पर कांग्रेस को धोखा देकर बीजेपी में शामिल हुए, लेकिन जिस तरह सोच कर आए थे बीजेपी में वह तवज्जो नहीं मिली. नारायण त्रिपाठी दल बदलू विधायकों में शामिल हैं. 2016 में उन्होंने उपचुनाव में कांग्रेस का दामन छोड़ा बीजेपी में शामिल हुए.

लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने छीने थे कैंडिडेट
वहीं लोकसभा 2014 में बीजेपी ने भागीरथ प्रसाद को छीन लिया, जबकि कांग्रेस से उनका टिकट फाइनल हो गया था, जिसके साथ कांग्रेस के सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने भी चुनाव के पहले कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया था. इसी तरह हमने उपचुनाव में देखा कि बीजेपी ने कांग्रेस के नेताओं पर डोरे डाले और उन्हें तोड़ लिया.

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नेहा बग्गा.

कांग्रेस युक्त हुई भाजपाः कार्यकर्ता
अब बीजेपी भले ही कहे कि वह कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रही है, लेकिन जिस तरह से कांग्रेसी भाजपा में शामिल हो रहे हैं. उससे भाजपा का कार्यकर्ता ही कहने लगा है कि भाजपा अब पार्टी विद डिफरेंस नहीं बल्कि कांग्रेस युक्त भाजपा हो गई है. पार्टी का मानना है की बीजेपी की रीति-नीति से प्रभावित होकर कांग्रेसी बीजेपी का दामन थाम रहे हैं.

भाजपा को नहीं मिल रहे उम्मीदवार
वहीं कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी को उपचुनाव के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं. दिवालियापन की स्थिति है, इसलिए जोबट में सुलोचना रावत को कांग्रेस से लाकर टिकट देने की तैयारी है. पृथ्वीपुर में समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी शिशुपाल यादव को भाजपा में शामिल किया गया है. उन्हें उम्मीदवार बनाने की तैयारी है. खंडवा और रैगांव में दिवंगत नेताओं के परिजनों को भाजपा से टिकट दिया जा रहा है. भाजपा में कोई नहीं बचा है. कार्यकर्ता नहीं बचे हैं, उम्मीदवार ढूंढे से नहीं मिल रहे हैं, इसलिए इधर-उधर से उम्मीदवार आयतित किए जा रहे हैं.

कांग्रेस-बीजेपी ने अपने विधायकों को जारी किया व्हिप, स्पीकर ने देर रात जारी की अधिसूचना

हालांकि दमोह उपचुनाव में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. राहुल लोधी को जनता ने सबक सिखा दिया है. बीजेपी की तमाम कोशिशों के बावजूद राहुल लोधी हार गए. हालांकि पिछले उपचुनाव में जब सिंधिया के 22 विधायकों और बाकी निर्दलीय और बाकी लोगों ने कांग्रेस छोड़ी, तो 28 सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसमें बीजेपी को फिर से सरकार बनाने का मौका मिला. अब देखना होगा की इन उपचुनाव में आयतित कैंडिडेट क्या कमाल दिखा पाते हैं.

भोपाल। कांग्रेस मुक्त भारत (Congress Free India) की बात करने वाली बीजेपी अब कांग्रेस युक्त दिखाई दे रही है. ताजा उदाहरण ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का देखा जा सकता है. वह कांग्रेस के 22 विधायकों के साथ खुद भाजपा में शामिल हो गए. अब उपचुनाव में भी बीजेपी जोड़-तोड़ में लगी है और कांग्रेसियों को अपने घर लाने में आगे निकल गई है. हाल ही में जोबट सीट, जो कि कांग्रेस की थी उसमें सेंध लगाकर कांग्रेस की पूर्व विधायक सुलोचना रावत (Ex-MLA Sulochana Rawat)और उनके बेटे विजय रावत को आधी रात को बीजेपी में शामिल करा लिया गया.

कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव.

कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में कर रही भाजपा
पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी ने चुनावों के दौरान कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को तोड़कर अपनी पाले में लिया है. 2013 के विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) की बात करें तो संजय पाठक जोकि कहते रहे कि उनके खून में कांग्रेस का डीएनए है, लेकिन 2013 के चुनावी रण में कांग्रेस से जीते और बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी ने उनको मंत्री पद भी दे दिया. इसी तरह चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी, जिनका कद कांग्रेस में बड़ा था. आखिरी वक्त पर कांग्रेस को धोखा देकर बीजेपी में शामिल हुए, लेकिन जिस तरह सोच कर आए थे बीजेपी में वह तवज्जो नहीं मिली. नारायण त्रिपाठी दल बदलू विधायकों में शामिल हैं. 2016 में उन्होंने उपचुनाव में कांग्रेस का दामन छोड़ा बीजेपी में शामिल हुए.

लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने छीने थे कैंडिडेट
वहीं लोकसभा 2014 में बीजेपी ने भागीरथ प्रसाद को छीन लिया, जबकि कांग्रेस से उनका टिकट फाइनल हो गया था, जिसके साथ कांग्रेस के सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने भी चुनाव के पहले कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया था. इसी तरह हमने उपचुनाव में देखा कि बीजेपी ने कांग्रेस के नेताओं पर डोरे डाले और उन्हें तोड़ लिया.

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नेहा बग्गा.

कांग्रेस युक्त हुई भाजपाः कार्यकर्ता
अब बीजेपी भले ही कहे कि वह कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रही है, लेकिन जिस तरह से कांग्रेसी भाजपा में शामिल हो रहे हैं. उससे भाजपा का कार्यकर्ता ही कहने लगा है कि भाजपा अब पार्टी विद डिफरेंस नहीं बल्कि कांग्रेस युक्त भाजपा हो गई है. पार्टी का मानना है की बीजेपी की रीति-नीति से प्रभावित होकर कांग्रेसी बीजेपी का दामन थाम रहे हैं.

भाजपा को नहीं मिल रहे उम्मीदवार
वहीं कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी को उपचुनाव के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं. दिवालियापन की स्थिति है, इसलिए जोबट में सुलोचना रावत को कांग्रेस से लाकर टिकट देने की तैयारी है. पृथ्वीपुर में समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी शिशुपाल यादव को भाजपा में शामिल किया गया है. उन्हें उम्मीदवार बनाने की तैयारी है. खंडवा और रैगांव में दिवंगत नेताओं के परिजनों को भाजपा से टिकट दिया जा रहा है. भाजपा में कोई नहीं बचा है. कार्यकर्ता नहीं बचे हैं, उम्मीदवार ढूंढे से नहीं मिल रहे हैं, इसलिए इधर-उधर से उम्मीदवार आयतित किए जा रहे हैं.

कांग्रेस-बीजेपी ने अपने विधायकों को जारी किया व्हिप, स्पीकर ने देर रात जारी की अधिसूचना

हालांकि दमोह उपचुनाव में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. राहुल लोधी को जनता ने सबक सिखा दिया है. बीजेपी की तमाम कोशिशों के बावजूद राहुल लोधी हार गए. हालांकि पिछले उपचुनाव में जब सिंधिया के 22 विधायकों और बाकी निर्दलीय और बाकी लोगों ने कांग्रेस छोड़ी, तो 28 सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसमें बीजेपी को फिर से सरकार बनाने का मौका मिला. अब देखना होगा की इन उपचुनाव में आयतित कैंडिडेट क्या कमाल दिखा पाते हैं.

Last Updated : Oct 5, 2021, 9:53 AM IST
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