भोपाल। बीती 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन पर सहमति दे दी. कोर्ट ने तीन माह के भीतर महिलाओं के लिए सेना में स्थायी कमीशन का गठन किए जाने के निर्देश भी दिए थे. अब मध्यप्रदेश बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं.
एमपी बीजेपी प्रवक्ता राजो मालवीय का कहना है कि यह प्रकरण कांग्रेस की सरकार के समय का है और जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया है, तो सभी बहनों में बहुत प्रसन्नता है, लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि कांग्रेस के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे लोग भी अपनी स्मृति खो बैठे हैं और वह हमारी सरकार पर कटाक्ष कर रहे हैं.
वहीं इस मामले में एमपी कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने संबंधी अपने ऐतिहासिक और स्वागत योग्य फैसले के साथ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है, उससे भाजपा और संघ का महिला विरोधी चेहरा उजागर हो गया है.
दुर्गेश शर्मा का कहना है कि बीजेपी को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए, क्योंकि बीजेपी में ना तो कभी कोई महिला मप्र बीजेपी की अध्यक्ष बन पाई और ना ही संघ में संघ प्रमुख के बगल में बैठने का सौभाग्य हासिल कर पाई, जबकि हमारी पार्टी ने तो इस देश को पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रूप में दी थी.