भोपाल। राम मंदिर भूमि पूजन से मध्यप्रदेश में शुरू हुई हिंदुत्व की सियासत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. आगामी उपचुनाव के मद्देनजर दोनों प्रमुख राजनीतिक दल अपने आप को बड़ा धार्मिक बताने में लगे हुए हैं. वहीं जीतू पटवारी ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि बीजेपी के नेता राम के नाम पर वोट मांगते हैं. लेकिन उनकी कथनी और करनी में साफ अंतर नजर आ रहा है.
कांग्रेस के इन आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस अचानक राम भक्ति इसलिए दिखा रही है क्योंकि उपचुनाव पास में हैं. अपनी तुष्टीकरण की नीति के कारण कांग्रेस की यह पहचान बनी है.
कांग्रेस का वार
एमपी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की कमलनाथ सरकार ने राम वन गमन पथ में जो बजट आवंटन किया था, वह शिवराज सरकार ने शून्य कर दिया है. आप बजट की समीक्षा करेंगे, तो समझ में आएगा कि इन की धार्मिक भावनाएं किस तरह से सामने आई हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग गौमाता की बात कर वोट लेते थे. गाय के वध पर लोगों की हत्या करते थे. सीएम कमलनाथ ने 1000 गौशाला बनवाईं. लेकिन इन लोगों ने उसके चारों ओर रखरखाव के लिए न्यूनतम बजट आवंटन किया, कांग्रेस पार्टी ने इसे 100 करोड़ के ऊपर रखा था.
पटवारी ने कहा कि मैं मानता हूं कि इतनी धार्मिक भावनाएं भाजपा और सरकार की क्या है, यह समझ में आता है. आप देखेंगे मंदिरों के रखरखाव और पूजा पाठ के लिए पुजारी के मानदेय का जो निर्णय कांग्रेस सरकार ने लिया था. उसके हिसाब से 10% बजट का प्रावधान भी नहीं किया गया है. कुल मिलाकर जिस तरीके से केवल राम के नाम पर वोट लेना और राम के नाम पर यह कहना कि हम धार्मिक हैं, हमारी पार्टी धार्मिक है. इनकी कथनी और करनी में अंतर है.
बीजेपी का पलटवार
जीतू पटवारी के आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस में अचानक राम भक्ति और कृष्ण भक्ति मध्यप्रदेश में जागी है. ना राष्ट्रीय कार्यालय में कोई आयोजन है, ना राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा कोई कथन और आयोजन किया गया है. मध्य प्रदेश के अलावा दूसरे किसी राज्य में आयोजन नहीं किया गया है. क्योंकि मध्य प्रदेश में उपचुनाव है. उपचुनाव के कारण राम-कृष्ण सब याद आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण की नीति के कारण इनको चाहे हनुमान चालीसा का पाठ हो चाहे कृष्ण जन्माष्टमी का अवसर हो, बताना जताना क्यों पड़ रहा है क्योंकि आपके अतीत में इस प्रकार का संकट रहा है, जिसके कारण आपकी छवि अल्पसंख्यक परस्त और बहुसंख्यक विरोध की बनी है. आपको इस प्रकार बताने जताने का उपक्रम करना पड़ रहा है.
रजनीश अग्रवाल ने कहा कि आने वाले समय में हिंदू और भारतीय चेतना के जागरण के कारण समाज में अलगाव पैदा करने की वोट बैंक की राजनीति समाप्त की ओर है. इसलिए आप इस तरह की राजनीति करोगे, तो आइसोलेट हो जाओगे, क्वॉरेंटाइन हो जाओगे. भाजपा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की नीति पर चलती है. यही नीति करना होगी तुष्टीकरण की नीति नहीं चलेगी.
5 अगस्त को राम मंदिर शिलान्यास से शुरू हुई सियासत
एक तरफ 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर शिलान्यास की घोषणा हुई तो, वहीं एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने निवास के साथ ही कांग्रेस के प्रदेशभर के कार्यालयों में भजन कीर्तन के आयोजन की बात कही. बस फिर क्या था, खुद को हिंदुत्व की राजनीति का अगवा मानने वाली बीजेपी ने कांग्रेस और कमलनाथ पर सियासी हमले करना शुरू कर दिया.
बीजेपी ने आरोप लगाया कि एमपी में उपचुनाव के कारण कांग्रेस का हिंदू प्रेम जाग रहा है, वहीं बहुसंख्यक विरोध ही कांग्रेस की राजनीति का आधार रहा है. वहीं कमलनाथ ने कृष्ण जन्माष्टमी पर भी अपने घर पर एक आयोजन रखा.
अब एमपी में उपचुनाव के चलते बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही कभी राम तो कभी कृष्ण तो कभी गाय के नाम पर खुद का हिंदुत्व प्रेम दिखाकर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं.