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नगरीय निकाय चुनाव: बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया राजीव गांधी के सपनों को कुचलने का आरोप - BJP spokesperson Rajneesh Aggarwal

प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में हो रही देरी के चलते बीजेपी कांग्रेस एक-दूसरे पर कानूनी अड़चने पैदा करने के आरोप लगा रही हैं.

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नगरीय निकाय चुनाव पर सियासत
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Published : Feb 19, 2020, 5:27 PM IST

भोपाल। प्रदेश की ज्यादातर नगरीय निकायों का कार्यकाल समाप्त हो गया है और सरकार ने इन नगरीय निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति कर दी है.नगरीय निकाय चुनाव में हो रही देरी को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी का आरोप है कि, कमलनाथ सरकार राजीव गांधी के सपनों को कुचलने का काम कर रही है. वहीं कांग्रेस का आरोप है कि, सरकार समय पर चुनाव कराना चाहती है, लेकिन बीजेपी द्वारा कानूनी अड़चनें पैदा करके जानबूझकर चुनाव में देरी की जा रही है. फिलहाल नगरीय निकायों की सरकार अफसरों के भरोसे चल रही हैं. हालांकि नगरीय प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मई में चुनाव कराने का प्रस्ताव सौंपा है.

नगरीय निकाय चुनाव पर सियासत

प्रदेश में नवंबर और दिसंबर 2019 में ज्यादातर नगरीय निकायों के चुनाव संपन्न हो जाने थे. लेकिन कमलनाथ सरकार द्वारा नगरीय निकाय एक्ट में परिवर्तन किए जाने के कारण कुछ समय के लिए यह चुनाव टल गए है. सरकार बदलने से नए सिरे से परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया कराई गई है.

इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, 'मुख्यमंत्री कमलनाथ राजीव गांधी के सपने को, जो उन्होंने संविधान में 73 और 74 वा संशोधन कराया था, उसको कुचलने का काम कर रही हैं. लोकतंत्र की हत्या का काम किया जा रहा है. चुनाव टालने का काम इसलिए कर रहे हैं कि, जनता से डरे हुए हैं, ये जनता के आक्रोश से बचने का काम कर रहे हैं'. उन्होंने कहा कि अगर हिम्मत है तो तत्काल चुनाव कराएं, कहीं-कहीं नगरीय निकाय के चुनाव 6-6 महीने टालने का काम हुआ है. ऐसे ही हाल पंचायतों के हैं, कभी परिसीमन के नाम पर, तो कभी आरक्षण के नाम पर, नियम प्रावधानों का उल्लंघन कर चुनाव टाले जा रहे हैं.

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि, कांग्रेस पार्टी और सरकार चाहती थी कि नगरीय निकाय चुनाव समय पर हों, लेकिन बीजेपी के नेताओं को नगरीय निकाय चुनाव में हार निश्चित दिख रही है, इसलिए न्यायालयों में अड़चन डाली गई हैं. ताकि चुनाव को टाला जा सके. कांग्रेस चाहती है कि जल्द से जल्द नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में जो न्यायालय में याचिकाएं लगाई गई हैं, उनका निराकरण हो. हम पूरी उम्मीद कर रहे हैं कि, मई-जून में ही नगरी निकाय चुनाव संपन्न हो जाएंगे और कांग्रेस पार्टी को निश्चित ही सफलता मिलेगी.

भोपाल। प्रदेश की ज्यादातर नगरीय निकायों का कार्यकाल समाप्त हो गया है और सरकार ने इन नगरीय निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति कर दी है.नगरीय निकाय चुनाव में हो रही देरी को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी का आरोप है कि, कमलनाथ सरकार राजीव गांधी के सपनों को कुचलने का काम कर रही है. वहीं कांग्रेस का आरोप है कि, सरकार समय पर चुनाव कराना चाहती है, लेकिन बीजेपी द्वारा कानूनी अड़चनें पैदा करके जानबूझकर चुनाव में देरी की जा रही है. फिलहाल नगरीय निकायों की सरकार अफसरों के भरोसे चल रही हैं. हालांकि नगरीय प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मई में चुनाव कराने का प्रस्ताव सौंपा है.

नगरीय निकाय चुनाव पर सियासत

प्रदेश में नवंबर और दिसंबर 2019 में ज्यादातर नगरीय निकायों के चुनाव संपन्न हो जाने थे. लेकिन कमलनाथ सरकार द्वारा नगरीय निकाय एक्ट में परिवर्तन किए जाने के कारण कुछ समय के लिए यह चुनाव टल गए है. सरकार बदलने से नए सिरे से परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया कराई गई है.

इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, 'मुख्यमंत्री कमलनाथ राजीव गांधी के सपने को, जो उन्होंने संविधान में 73 और 74 वा संशोधन कराया था, उसको कुचलने का काम कर रही हैं. लोकतंत्र की हत्या का काम किया जा रहा है. चुनाव टालने का काम इसलिए कर रहे हैं कि, जनता से डरे हुए हैं, ये जनता के आक्रोश से बचने का काम कर रहे हैं'. उन्होंने कहा कि अगर हिम्मत है तो तत्काल चुनाव कराएं, कहीं-कहीं नगरीय निकाय के चुनाव 6-6 महीने टालने का काम हुआ है. ऐसे ही हाल पंचायतों के हैं, कभी परिसीमन के नाम पर, तो कभी आरक्षण के नाम पर, नियम प्रावधानों का उल्लंघन कर चुनाव टाले जा रहे हैं.

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि, कांग्रेस पार्टी और सरकार चाहती थी कि नगरीय निकाय चुनाव समय पर हों, लेकिन बीजेपी के नेताओं को नगरीय निकाय चुनाव में हार निश्चित दिख रही है, इसलिए न्यायालयों में अड़चन डाली गई हैं. ताकि चुनाव को टाला जा सके. कांग्रेस चाहती है कि जल्द से जल्द नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में जो न्यायालय में याचिकाएं लगाई गई हैं, उनका निराकरण हो. हम पूरी उम्मीद कर रहे हैं कि, मई-जून में ही नगरी निकाय चुनाव संपन्न हो जाएंगे और कांग्रेस पार्टी को निश्चित ही सफलता मिलेगी.

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