भोपाल। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) के एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में आरएसएस की पढ़ाई (Study of RSS) के बयान के बाद सोमवार को उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (Higher Secondary Education Minister Mohan Yadav) ने पढ़ाई को लेकर नया बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के कॉलेजों में अब हिंदू धर्म (Study of Hinduism) की पढ़ाई होगी. छात्रों को उपनिषद और पुराणों (Study of Upanishad and Puranas) की शिक्षा दी जाएगी. इससे छात्र हिंदू धर्म को और अधिक जानेंगे.
छात्र पढ़ेंगे भगवान राम और हनुमान
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि बीए के छात्रों को अब धार्मिक शिक्षा भी दी जाएगी. छात्रों को तुलसीदास की जीवनी की तरह भगवान राम (Lord Rama) और हनुमान (Lord Hanuman) के बारे में भी पढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही वेद, उपनिषद और पुराणों की शिक्षा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत नये पाठ्यक्रम यह जोड़ दिया गया है और इसी सत्र से यह लागू हो जाएगा.
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उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि बीए प्रथम वर्ष के दर्शनशास्त्र में यह एक नया पाठ्यक्रम जोड़ा गया है. हालांकि यह विषय वैकल्पिक रहेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य में बुरी शक्तियां धर्म को नुकसान न पहुंचाएं, इसलिए छात्रों को धार्मिक और नैतिक शिक्षा जरूरी है, क्योंकि छात्र देश की बुनियादी नींव होते हैं.
कांग्रेस ने उठाए सवाल
लेकिन अब कांग्रेस ने इसपर सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि जब "जब श्रीराम कण-कण में बसे हैं, जब कण-कण में राम बसा हो, ऐसे में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव उन्हें पाठ्यक्रम में शामिल कर रहे हैं, ये सनातन धर्म का अपमान है. जो लोग राम को धर्म की अपेक्षा अपनी आर्थिक समृद्धि के लिए इस्तेमाल करते हैं. राम, हनुमान, कृष्ण की जीवनी उपलब्ध नहीं है, वो अवतार थे. ऐसे में मोहन यादव इनको पाठ्यक्रमों में शामिल करेंगे, तो ये हमारे आराध्यों का अपमान है."
राम, सीता, हनुमान और गीता होंगे कोर्स में शामिल
वहीं ग्रेजुएशन के पाठ्यक्रमों में भगवान राम, सीता, हनुमान, गीता और वेदों को शामिल करने पर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव सामान्य मानते हैं. उच्च शिक्षा मंत्री का कहना है कि पूरे विश्व में भगवद गीता, वेदों और ग्रंथों पर काम हो रहा है, ऐसे में यदि इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है तो इसमें क्या बुराई है. उच्च शिक्षा मंत्री का मानना है कि इस पाठ्यक्रम में हमने गौरवशाली इतिहास को सिलेबस में शामिल करने का फैसला लिया है. इससे छात्रों को हमारे गौरवशाली इतिहास को पढ़ने और समझने का मौका मिलेगा.
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रामसेतु के बारे में पढ़ेंगे छात्र
इसके साथ ही इंजीनियरिंग छात्र रामसेतु के बारे में भी पढेंगे, इंजीनियरिंग छात्रों को पढ़ाया जाएगा कि "भगवान श्रीराम के काल में किस तरह से विज्ञान विकसित था और उन्होंने राम सेतु का निर्माण कराया. मोहन यादव तर्क देते हैं कि नासा ने भी इस पर अध्ययन किया है. यह जो भी सब्जेक्ट सिलेबस में शामिल किए जा रहे हैं, वह विद्वानों ने ही शामिल किए हैं. इसमें आपत्ति वाला कोई विषय नहीं होना चाहिए." वहीं बीजेपी तर्क दे रही है कि इससे छात्र जान सकेंगे कि हमारे वेद और ग्रंथों में क्या है.
क्या पढ़ाया जाएगा बीए के सैद्धांतिक पाठ्यक्रम में ?
पाठ्यक्रम का शीर्षक: रामचरित मानस का व्यवहारिक दर्शन
पाठ्यक्रम का प्रकार: इलेक्टिव
इस पाठ्यक्रम के अध्ययन के पश्चात विद्यार्थी व्यक्तित्व विकास के विभिन्न आयामों पर केंद्रित संतुलित नेतृत्व क्षमता और मानवतावादी दृष्टिकोण को विकसित करने योग्य बना सकेगा. विद्यार्थी जीवन मूल्यों को भी जान सकेगा जिनकी समाज में आज आवश्यकता है. विद्यार्थी तनाव प्रबंधन और व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र में प्रेरक उद्बोधन करता और कुशल वक्ता बन सकेगा
व्याख्यान की कुल संख्या: 60 घंटे
पाठ्यक्रम की विषय वस्तु में कई तरह के विषयों को शामिल किया गया है, जिसमें भारतीय संस्कृति की पृष्ठभूमि, वेद उपनिषद और पुराणों में वर्णित चार युग की प्रकृति के परिपेक्ष में तीनों गुणों की व्याख्या, सत्र एवं तम रामायण एवं श्री रामचरितमानस में अंतर समेत कई तत्वों को शामिल किया गया है.