भोपाल। भील शैली को चित्रों के जरीए दिवारों पर उकेरने वाली मशहूर चित्रकार और पद्मश्री सम्मानित भूरी बाई आज देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जानी जाती है. जिस भारत भवन में एक मजदूर के तौर पर वह सिर पर ईंटे ढोती थी, आज भारत भवन के 39वें स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगी.
दरअसल, आज भारत भवन का स्थापना दिवस है. भारत भवन की स्थापना दिवस पर इस वर्ष मुख्य अतिथि के रुप में भूरीबाई को निमंत्रण दिया गया है. इसको लेकर भूरी बाई ने कहा था कि यह उनके लिए गौरव की बात है और यह सब एक सपने जैसा है.
जिस भारत भवन में कभी मजदूरी की, आज वहां मुख्य अतिथि होंगी भूरी बाई
झाबुआ जिले में जन्मी भूरी बाई को पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा की गई है. भूरी बाई ने अपने जीवन में कला की शुरुआत भारत भवन से ही की थी. जिस भारत भवन के निर्माण के लिए भूरी बाई ने अपने कंधों पर ईंटे उठाई, आज उसी भारत भवन में स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में वह शामिल होंगी.
पद्मश्री के लिए नामित भीली चित्रकार भूरी बाई से बातचीत
आज भारत भवन का 39वां स्थापना दिवस
भारत भवन का आज 39वां स्थापना दिवस है. शाम 6 बजे विभिन्न कलाकृतियां और नृत्य-नाटक आयोजित किए जाएंगे. भारत भवन के स्थापना दिवस में पद्मश्री सम्मानित भूरी बाई और कपिल तिवारी को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है.
भूरी बाई ने इसी भारत भवन में पहला चित्र बनाया था. उनके गुरु जय स्वामीनाथन ने उन्हें मजदूर से कलाकार बनाया था. भारत भवन में चित्रकला की शुरुआत करते हुए भूरी बाई आज पद्मश्री से सम्मानित हुई है.