भोपाल। निशातपुरा थाना प्रभारी रूपेश दुबे ने बताया कि 6 दिसंबर को अनिल धानक उम्र 24 वर्ष निवासी कर्मा देवी अस्पताल के पीछे हाउसिंग बोर्ड चौकी की करंट से झुलस जाने की सूचना पुलिस को हमीदिया अस्पातल से प्राप्त हुई थी. युवक 70 प्रतिशत से भी ज्यादा झुलसा होने के कारण होश में नहीं था. इस कारण मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा किसी प्रकार के बयान दर्ज नहीं किए जा सके थे. 12 दिसंबर को जब करीब दोपहर 3 बजे अनिल धानक को होश आया तो उसने बेहोशी की हालत में अपनी बहन को बताया कि उसे असलम, विशाल, बिटटू उर्फ योगेश सहित एक नाबालिग ने साजिश के तहत डीपी पर चढ़ाया.
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आरोपियों ने जुर्म स्वीकारा : इस पूरे कथन का वीडियो उसकी बहन द्वारा बना लिया गया था, जो थाना निशातपुरा में आकर 14 दिसंबर को प्रस्तुत किया गया. इसके आधार पर पुलिस ने उक्त आरोपियों की खिलाफ केस दर्ज किया था. युवक की मौत के बाद पुलिस ने धारा 307 को बदलकर धारा 302 की. घटना की गंभीरता को देखते वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम थाना प्रभारी निशातपुरा के नेतृत्व में तत्काल गठन किया गया. आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने जगह जगह दबिश दी. पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि अनिल से उधारी लेने के बाद विवाद चल रहा था. इसीलिए ये साजिश रची गई.