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बलि ले लेगी...मुझे मेरी मां से बचा लो...भोपाल की युवती ने लगाई मद्रास हाईकोर्ट में गुहार, बीजेपी संघ पर आरोप के छीटे

मध्यप्रदेश में मानव बलि के मामले का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. भोपाल की एक युवती शालिनी शर्मा ने अपनी सौतेली मां पर उसकी बलि लेने का आरोप लगाया है. शालिनी ने अपनी ही मां और परिवारजनों से अपनी सुरक्षा के लिए मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जस्टिस वी चंद्रशेखरन की पीठ में इस मामले की सुनवाई हुई.

Madras High Court
मद्रास हाईकोर्ट
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Published : Feb 24, 2023, 9:25 PM IST

भोपाल। शहर की रहने वाली 23 बरस की शालिनी ने आरोप लगाया है कि, उसकी सौतेली मां और उसके परिवार के सदस्य उसकी बलि देने की तैयारी में थे. शालिनी का आरोप है उसके माता पिता बीजेपी और आरएसएस का समर्थन मिला हुआ है. इसीलिए उसकी सुनवाई नहीं हुई. इधर भोपाल में कोलार थाने में 16 फरवरी को युवती के भाई ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. लोकेशन मिलने पर भोपाल से पुलिस ने तमिलनाडू में युवती से संपर्क भी किया लेकिन उसने पुलिस से मिलने बात करने से इंकार कर दिया. उधर बीजेपी की ओर से भी इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं आई है.

भागती नहीं तो मां ले लेती बलि: जस्टिस जी चंद्रशेखर की अदालत में पेश होने के साथ शालिनी ने बताया कि उसकी सौतेली मां सुधा शर्मा उसकी बलि लेकर उसकी जान लेना चाहती है. शालिनी का आरोप है कि उसके पहले उसका छोटे भाई दस साल की उम्र में मां का शिकार बन चुका है. जब उसे पता चला कि वो दो और भाईयों को इस तरह से शिकार बना चुकी है और अब उसकी बारी है. तो अपने दोस्त की मदद से वो तमिलनाडू आ गई. शालिनी ने अपनी मां सुधा पर ये बड़ा आरोप भी लगाया है कि उसकी मां बीजेपी और आरएसएस से जुडी हुई है और और इसी प्रभाव की वजह से कोई उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत की हिम्मत नहीं जुटा पाया.

संघ बीजेपी पर आए आरोप के छीटे: अदालत में दिए गए शपथ पत्र में शालिनी ने कहा कि पारिवारिक दबाव की वजह से उसने अखिला भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली थी. उत्तर प्रदेश में पैदा हुई शालिनी का परिवार भोपाल पहुंचा. जहां कृषि विभाग से उसके पिता 2017 में रिटायर हुए. न्यूट्रिशन और डायटिक्स में मास्टर्स कर रही शालिनी ने बताया कि वो महारानी लक्ष्मी बाई कॉलेज की छात्रा है. और अब योगा में डिप्लोमा की तैयारी कर रही है. शालिनी ने बताया कि फरवरी 17 को वो तमिलनाडू इसलिए आई कि ये महिलाओँ के लिए सुरक्षित जगह है. यहां ये युवती टीपीडीके राजनीतिक दल के सचिव के घर पर रुकी हुई है. युवती का कहना है कि एबीवीपी के लोग उसे घर वापिस ले जाने दबाव डाल सकते हैं. उसने अपनी और अपने दो दोस्तों विग्नेश एवं दक्षिणमूर्ति की सुरक्षा की गुहार लगाई है जिन्होने उसे रहने की जगह दी.

परिवार और भोपाल पुलिस को नोटिस के आदेश: मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस चंद्रशेखरन ने इस पर चिंता जताई की 21 वी सदी में भी मानव बलि के मामले सामने आ रही हैं उन्होने तमिलनाडू राज्य पुलिस से युवती को सुरक्षा देने के साथ इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है और युवती के माता पिता के साथ पुलिस कमिश्नर भोपाल को नोटिस देकर तीन सप्ताह के भीतर इस मामले में जवाब मांगा है.

16 फरवरी को भाई ने लिखाई गुमशुदगी की रिपोर्ट: भोपाल के कोलार थाने में इस मामले में युवती शालिनी शर्मा के भाई ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी. मोबाईल सर्च के आधार पर पुलिस टीम तमिलनाडू की जानकारी मिली. युवती से संपर्क भी साधा गया लेकिन उन्होने बात करने से इंकार कर दिया.

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नोटिस मिलने के बाद कुछ कहेंगे: इस मामले में अतिरिक्त उपायुक्त जोन 4 महावीर मुजाल्दे ने बताया कि, इस पूरे मामले में गुमशुदगी दर्ज होने के बाद भोपाल से पुलिस टीम उसे तलाश करने के लिए गई थी लेकिन उसने भोपाल पुलिस से मिलने से इनकार कर दिया. बालिग होने की वजह से युवती सीधे वहां न्यायालय में उपस्थित हुई है. उसके बाद भोपाल पुलिस की टीम वापस आ गई है. श्री मुजाल्दे का कहना है कि तमिलनाडू हाईकोर्ट की ओर से भोपाल पुलिस कमिश्नर से जब कोई नोटिस या जानकारी इस मामले में आधिकारिक रूप से मांगी जाएगी. उसके बाद ही हम इस मामले में कुछ कहने की स्थिति में होंगे.

भोपाल। शहर की रहने वाली 23 बरस की शालिनी ने आरोप लगाया है कि, उसकी सौतेली मां और उसके परिवार के सदस्य उसकी बलि देने की तैयारी में थे. शालिनी का आरोप है उसके माता पिता बीजेपी और आरएसएस का समर्थन मिला हुआ है. इसीलिए उसकी सुनवाई नहीं हुई. इधर भोपाल में कोलार थाने में 16 फरवरी को युवती के भाई ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. लोकेशन मिलने पर भोपाल से पुलिस ने तमिलनाडू में युवती से संपर्क भी किया लेकिन उसने पुलिस से मिलने बात करने से इंकार कर दिया. उधर बीजेपी की ओर से भी इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं आई है.

भागती नहीं तो मां ले लेती बलि: जस्टिस जी चंद्रशेखर की अदालत में पेश होने के साथ शालिनी ने बताया कि उसकी सौतेली मां सुधा शर्मा उसकी बलि लेकर उसकी जान लेना चाहती है. शालिनी का आरोप है कि उसके पहले उसका छोटे भाई दस साल की उम्र में मां का शिकार बन चुका है. जब उसे पता चला कि वो दो और भाईयों को इस तरह से शिकार बना चुकी है और अब उसकी बारी है. तो अपने दोस्त की मदद से वो तमिलनाडू आ गई. शालिनी ने अपनी मां सुधा पर ये बड़ा आरोप भी लगाया है कि उसकी मां बीजेपी और आरएसएस से जुडी हुई है और और इसी प्रभाव की वजह से कोई उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत की हिम्मत नहीं जुटा पाया.

संघ बीजेपी पर आए आरोप के छीटे: अदालत में दिए गए शपथ पत्र में शालिनी ने कहा कि पारिवारिक दबाव की वजह से उसने अखिला भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली थी. उत्तर प्रदेश में पैदा हुई शालिनी का परिवार भोपाल पहुंचा. जहां कृषि विभाग से उसके पिता 2017 में रिटायर हुए. न्यूट्रिशन और डायटिक्स में मास्टर्स कर रही शालिनी ने बताया कि वो महारानी लक्ष्मी बाई कॉलेज की छात्रा है. और अब योगा में डिप्लोमा की तैयारी कर रही है. शालिनी ने बताया कि फरवरी 17 को वो तमिलनाडू इसलिए आई कि ये महिलाओँ के लिए सुरक्षित जगह है. यहां ये युवती टीपीडीके राजनीतिक दल के सचिव के घर पर रुकी हुई है. युवती का कहना है कि एबीवीपी के लोग उसे घर वापिस ले जाने दबाव डाल सकते हैं. उसने अपनी और अपने दो दोस्तों विग्नेश एवं दक्षिणमूर्ति की सुरक्षा की गुहार लगाई है जिन्होने उसे रहने की जगह दी.

परिवार और भोपाल पुलिस को नोटिस के आदेश: मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस चंद्रशेखरन ने इस पर चिंता जताई की 21 वी सदी में भी मानव बलि के मामले सामने आ रही हैं उन्होने तमिलनाडू राज्य पुलिस से युवती को सुरक्षा देने के साथ इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है और युवती के माता पिता के साथ पुलिस कमिश्नर भोपाल को नोटिस देकर तीन सप्ताह के भीतर इस मामले में जवाब मांगा है.

16 फरवरी को भाई ने लिखाई गुमशुदगी की रिपोर्ट: भोपाल के कोलार थाने में इस मामले में युवती शालिनी शर्मा के भाई ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी. मोबाईल सर्च के आधार पर पुलिस टीम तमिलनाडू की जानकारी मिली. युवती से संपर्क भी साधा गया लेकिन उन्होने बात करने से इंकार कर दिया.

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नोटिस मिलने के बाद कुछ कहेंगे: इस मामले में अतिरिक्त उपायुक्त जोन 4 महावीर मुजाल्दे ने बताया कि, इस पूरे मामले में गुमशुदगी दर्ज होने के बाद भोपाल से पुलिस टीम उसे तलाश करने के लिए गई थी लेकिन उसने भोपाल पुलिस से मिलने से इनकार कर दिया. बालिग होने की वजह से युवती सीधे वहां न्यायालय में उपस्थित हुई है. उसके बाद भोपाल पुलिस की टीम वापस आ गई है. श्री मुजाल्दे का कहना है कि तमिलनाडू हाईकोर्ट की ओर से भोपाल पुलिस कमिश्नर से जब कोई नोटिस या जानकारी इस मामले में आधिकारिक रूप से मांगी जाएगी. उसके बाद ही हम इस मामले में कुछ कहने की स्थिति में होंगे.

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