भोपाल। शहर में शुरु हुए महर्षि कप टूर्नामेंट (Maharishi Cup Tournament Bhopal) में प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से वैदिक और कर्मकांडी ब्राम्हणों की टीमें जुटी हैं. 12 टीमें 3 दिन तक इस कंदुक क्रीडा यानी क्रिक्रेट के मैदान में उतरेंगी. हर दिन वैचिक मंत्रोच्चार के साथ ही मैच की शुरुआत होगी. खिलाड़ियों का ड्रेस कोड धोती कुर्ता है. खास बात ये है कि इस क्रिक्रेट मैच की पूरी कंमेट्री भी संस्कृत में ही की जा रही है.
लोगों की बढ़ी दिलचस्पी: यहां मैच देखने वाले लोगों की दिलचस्पी क्रिक्रेट के रोमांच से ज्यादा संस्कृत की कमेंट्री और धोती कुर्ता में दौड़कर रन बनाते और विकट लेते पंडितों को देखने की है. यह मैच टेनिस बॉल से खेला गया और एक मैच 10 ओवर का रखा गया था. पहले दिन के मैच में शअरी लक्ष्मी नारायण गुरुकुल और प्रियांश कात्यान दल सबसे पहले मैदान में उतरे.
खेल के साथ बढ़ रही देश की संस्कृति: संस्कृति बचाओ मंच के चंद्रशेखऱ तिवारी ने कहा कि क्रिक्रेट भले अंग्रेजों का खेल है, लेकिन हमने उस खेल को भी भारतीय संस्कृति में ढाल दिया है. कमेट्री भी संस्कृत में की जा रही है. इस इस आयोजन में और खिलाड़ियों की वेशभूषा भी पारंपरिक है. धोती कुर्ते में ही सारे खिलाड़ी प्रतियोगिता में उतर रहे हैं. इससे लोगों को प्रेरणा देने का प्रयास है कि अगर आप पहल करें तो भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत होकर हर खेल का रंग रुप बदला जा सकता है.
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संस्कृति का गौरव बढ़ाने का प्रयास: चंद्रशेखर तिवारी की मानें तो इस तरह से अपनी संस्कृति का गौरव बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि, अंतिम मुकाबले में प्रथम विजेता टीम को 31 हजार द्वितीय विजेती टीम को 21 हजार और तृतीय विजेता टीम को पांच हजार की राशि दी जाएगी. सभी खिलाड़ियों को स्मृति चिन्ह दिया जाएगा. ताकि उका मनोबल बना रहे. विगत 3 वर्ष से ये आयोजन हो रहा है जो आगे भी जारी रहेगा.