भोपाल। मध्यप्रदेश में हाथ ठेला से सजे बाजारों में अब पथ विक्रेताओं से तहबाजारी का शुल्क नहीं लिया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में तत्काल प्रभाव से तहबाजारी पर रोक लगा दी है. सीएम हाउस में बुलाई गई पथ विक्रेता और हाथ ठेला चालकों की पंचायत में सीएम शिवराज ने कहा कि "मुझे पता चला है कि पथ विक्रेताओं को सिर्फ नगर निगम ही नहीं, बल्कि पुलिस वाले भी परेशान करते हैं. इधर-उधर से आए और पता चला कि गोभी ही उठा ले गए. बिना पैसे यदि कोई चीज उठाई तो यह संज्ञेय अपराध होगा."
सीएम बोले मैं आपकी परेशानी जानता हूं: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "मैं जानता हूं कि आपकी जिंदगी बहुत कठिन होती है. मैं पता कर रहा था कि कठिनाई आपके सामने कौन-कौन सी आती है. मैं सिर्फ भोपाल की बात नहीं कर रहा. बल्कि अलग-अलग जगह जो पथ विक्रेता हैं उनकी एक परेशानी आपके बीच से ही निकाली तो बताया गया कि कई जगह सामान बेचने जाते हैं तो रोज पैसा देना पड़ता है. कई जगह ठेकेदारों को दे देते हैं. कई जगह रंगदार भी आ जाते हैं. कई तरह की परेशानी आती है, जिनसे हमें गुजरना पड़ता है. हम भी इंसान हैं, मेहनत करके खाना हमारा अधिकार है. छोटी-मोटी पूंजी की व्यवस्था करके आप लोगों तक सामान पहुंचाते हैं. उससे आपका गुजर-बसर होता है इसलिए आज यह फैसला कर रहे हैं कि मध्यप्रदेश में कहीं भी किसी भी शहर में रोज वसूली नहीं होगी. यह वसूली तत्काल बंद की जाएगी."
पढ़ें ये खबरें... |
विभाग से कहा योजनाएं बनाएं: कार्यक्रम में आगे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "मुझे शिकायत मिली है कि हाथ ठेला को जब्त कर लिया जाता है, यह पाप है. आज मैं तत्काल प्रभाव से निर्देश दे रहा हूं कि किसी के हाथ ठेला जप्त नहीं होंगे." सीएम ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह से कहा कि "यह नियम बन जाए कोई हाथ ठेला जब्त नहीं किया जाएगा. नगरीय विकास विभाग ऐसी योजना बनाए कि जिसके पास हाथ ठेला नहीं है, उसे सब्सिडी पर हाथ ठेला दिया जाए, ताकि इन्हें ठेकेदारों से हाथ ठेला न लेना पड़े. एक ठेला 10 हजार में बनता है इसलिए इन्हें हम 5 हजार रुपए देंगे. पथ विक्रेताओं के लिए ऐसी व्यावहारिक जगह तय होनी चाहिए जहां लोग आसानी से सामान खरीदने जा सकें. इतनी दूर स्थान तय न किया जाएं कि जहां लोग पहुंच ही न सकें."