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शिवराज सरकार के दावे की हकीकत! महिला सशक्तिकरण के लिए बनाए गए शौर्य दल, 8 सालों से नहीं मिला फंड - एमपी शौर्य दल को 8 सालों से नहीं मिला फंड

2015 में शिवराज सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शौर्य दल बनाने का एलान किया. शौर्य दल सभी आंगनबाड़ियों में बनाए गए, इसमें महिलाओं को ट्रेनिंग के लिए राशि का प्रावधान भी किया गया. 11 लाख 94 हजार की राशि शौर्य दलों के लिए आवंटित की थी, लेकिन अभी तक प्रदेश के शौर्य दल राशि का इंतजार कर रहे हैं.

mp Shaurya Dals did not get funds for 8 years
एमपी शौर्य दल को 8 सालों से नहीं मिला फंड
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Published : Mar 18, 2023, 7:19 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शौर्य दल बनाए. दल में शामिल महिलाओं को ट्रेनिंग के लिए राशि का प्रावधान किया गया था, बजट के अभाव में अभी तक शौर्य दलों को राशि तक नहीं मिली है. कांग्रेस विधायक योगेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से विधानसभा में ये जानकारी मांगी, जिसमें जवाब दिया गया है कि योजना में बजट का प्रावधान नहीं होने से राशि नहीं मिल पाई थी. अब योजना में बजट राशि का प्रावधान किया गया है, इस साल 2023-24 में ये भुगतान कर लिए जाएंगे.

2015 से राशि का इंतजार कर रहे शौर्य दल: गांवों में महिलाओं व बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जाग्रत करने और हक दिलाने के लिए 8 साल पहले बने शौर्य दल अब सिर्फ कागजों में ही है. प्रत्येक आंगनबाड़ियों में शौर्य गठित किए गए हैं, लेकिन बजट के अभाव में शौर्य दलों ने दम तोड़ दिया है. अब 8 साल बाद कैबिनेट ने शौर्य दल योजना में वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक की व्यय राशि की कार्योंत्तर स्वीकृति व योजना को आगामी 3 वर्ष 2022-23 से 2024-25 की अवधि में संचालित किये जाने की स्वीकृति दे दी है.

शौर्या दल गठन: 51 जिलों के ग्राम/वार्डों में आंगनवाडी केन्द्र स्तर पर लगभग 82, 204 दलों का गठन किया गया है.

प्रशिक्षण: महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास संस्थान, जबलपुर के जरिए शौर्य दलों के सदस्यों को प्रशिक्षण देने के लिए 313 ब्लाक में प्रति ब्लाक 2 मास्टर ट्रैनर्स तैयार किये गयें हैं. विभाग का दावा है कि सेक्टर लेवल पर शौर्य दलों के सदस्यों को एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. शौर्य दलों का गठन ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में आंगनवाड़ी स्तर पर किया जा रहा है. शौर्य दल में 10 सदस्य होते हैं, इस दल में ग्राम/वार्ड के संवेदनशील व जनसमुदाय में स्वीकार्यता रखने वाले 5 महिला और 5 पुरूष को चुना जाता है, जो प्रकृति, समाज और अपने गांव व मोहल्ले के लिये संवेदनशील व स्वेच्छा पूर्वक सामाजिक कार्य के लिये तत्पर हों.

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क्या काम करता है महिलाओं का शौर्य दल

  1. समिति गठन के 1 माह के अंदर प्रशिक्षण कराना. सामान्य समिति के 10 (6 सामान्य समिति के + 04 विशेष कार्य समिति) सदस्यों एवं विशेष कार्य समिति के 16 (04 समन्वयक सामान्य समिति के सदस्य) सदस्यों, कुल 26 सदस्यों को 05 दिवस का मूलभूत प्रशिक्षण दिए जाने की योजना.
  2. प्रशिक्षण, बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक द्वारा दिए जाने की योजना.
  3. मूलभूत प्रशिक्षण सेक्टर स्तर पर किये जायेंगे. मूलभूत प्रशिक्षण के 1 वर्ष पश्चात् प्रत्यास्मरण प्रशिक्षण दिया जाएगा.
  4. जागरूकता के साथ सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार करना.
  5. महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं एवं बच्चों से संबंधित कार्यों, शासकीय योजनाओं की जानकारी देना.
  6. आंगनवाड़ी केंद्र में दी जा रही सेवाओं में सहयोग करना.
  7. महिला व बालिकाओं से संबंधित मुद्दे जैसे बाल विवाह, दहेज-प्रथा, घरेलु हिंसा, लिंग आधारित भेदभाव आदि पर ग्रामवासियों को जागरूक करना.
  8. कुप्रथा व अपराध से प्रभावित महिला व किशोरी बालिका को सहयोग व मार्गदर्शन प्रदान करना. सभी शालात्यागी व शाला अप्रवेशी बालिकाओं को शाला में प्रवेश कराना.
  9. शाला जाने की उम्र पार कर चुकी बालिकाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने, पर्यवेक्षक को सूची उपलब्ध कराना.
  10. अशिक्षित महिलाओं के लिए साक्षरता कक्षाएं चलाना और पर्यवेक्षक को जानकारी देना.
  11. ग्राम/वार्ड की महिलाओं को बैंक के कार्य, विभिन्न शासकीय विभागों, अस्पताल, पुलिस स्टेशन पर FIR लिखना, आदि कार्यों की जानकारी देना. महिलाओं को उनकी क्षमता व योग्यता के अनुसार छोटे-छोटे लघु उद्योग स्थापित करने प्रोत्साहित करना तथा संबंधित विभाग की जानकारी देना. किचन गार्डन अनाज बैंक, जैसी समाजोपयागी योजनाऐं बनाना.
  12. एनीमिया, कुपोषण पर जागरूकता फैलाना व ऐसे प्रकरणों को ए.एन.एम को बताना.
  13. प्रत्येक माह 2 बार बैठक आयोजित कर अपने ग्राम की महिलाओं बालिकाओं व बच्चों की स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता पर चर्चा करना. बैठकों में ग्राम/व्यक्तिगत समस्या पर मिल बैठकर विचार विमर्श करना तथा समस्या को हल करने प्रयास करना.
  14. ग्राम सभा की बैठकों में सक्रिय भाग लेना, वन स्टॉप सेंटर का भ्रमण व समन्वय करना.

भोपाल। मध्यप्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शौर्य दल बनाए. दल में शामिल महिलाओं को ट्रेनिंग के लिए राशि का प्रावधान किया गया था, बजट के अभाव में अभी तक शौर्य दलों को राशि तक नहीं मिली है. कांग्रेस विधायक योगेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से विधानसभा में ये जानकारी मांगी, जिसमें जवाब दिया गया है कि योजना में बजट का प्रावधान नहीं होने से राशि नहीं मिल पाई थी. अब योजना में बजट राशि का प्रावधान किया गया है, इस साल 2023-24 में ये भुगतान कर लिए जाएंगे.

2015 से राशि का इंतजार कर रहे शौर्य दल: गांवों में महिलाओं व बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जाग्रत करने और हक दिलाने के लिए 8 साल पहले बने शौर्य दल अब सिर्फ कागजों में ही है. प्रत्येक आंगनबाड़ियों में शौर्य गठित किए गए हैं, लेकिन बजट के अभाव में शौर्य दलों ने दम तोड़ दिया है. अब 8 साल बाद कैबिनेट ने शौर्य दल योजना में वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक की व्यय राशि की कार्योंत्तर स्वीकृति व योजना को आगामी 3 वर्ष 2022-23 से 2024-25 की अवधि में संचालित किये जाने की स्वीकृति दे दी है.

शौर्या दल गठन: 51 जिलों के ग्राम/वार्डों में आंगनवाडी केन्द्र स्तर पर लगभग 82, 204 दलों का गठन किया गया है.

प्रशिक्षण: महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास संस्थान, जबलपुर के जरिए शौर्य दलों के सदस्यों को प्रशिक्षण देने के लिए 313 ब्लाक में प्रति ब्लाक 2 मास्टर ट्रैनर्स तैयार किये गयें हैं. विभाग का दावा है कि सेक्टर लेवल पर शौर्य दलों के सदस्यों को एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. शौर्य दलों का गठन ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में आंगनवाड़ी स्तर पर किया जा रहा है. शौर्य दल में 10 सदस्य होते हैं, इस दल में ग्राम/वार्ड के संवेदनशील व जनसमुदाय में स्वीकार्यता रखने वाले 5 महिला और 5 पुरूष को चुना जाता है, जो प्रकृति, समाज और अपने गांव व मोहल्ले के लिये संवेदनशील व स्वेच्छा पूर्वक सामाजिक कार्य के लिये तत्पर हों.

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क्या काम करता है महिलाओं का शौर्य दल

  1. समिति गठन के 1 माह के अंदर प्रशिक्षण कराना. सामान्य समिति के 10 (6 सामान्य समिति के + 04 विशेष कार्य समिति) सदस्यों एवं विशेष कार्य समिति के 16 (04 समन्वयक सामान्य समिति के सदस्य) सदस्यों, कुल 26 सदस्यों को 05 दिवस का मूलभूत प्रशिक्षण दिए जाने की योजना.
  2. प्रशिक्षण, बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक द्वारा दिए जाने की योजना.
  3. मूलभूत प्रशिक्षण सेक्टर स्तर पर किये जायेंगे. मूलभूत प्रशिक्षण के 1 वर्ष पश्चात् प्रत्यास्मरण प्रशिक्षण दिया जाएगा.
  4. जागरूकता के साथ सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार करना.
  5. महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं एवं बच्चों से संबंधित कार्यों, शासकीय योजनाओं की जानकारी देना.
  6. आंगनवाड़ी केंद्र में दी जा रही सेवाओं में सहयोग करना.
  7. महिला व बालिकाओं से संबंधित मुद्दे जैसे बाल विवाह, दहेज-प्रथा, घरेलु हिंसा, लिंग आधारित भेदभाव आदि पर ग्रामवासियों को जागरूक करना.
  8. कुप्रथा व अपराध से प्रभावित महिला व किशोरी बालिका को सहयोग व मार्गदर्शन प्रदान करना. सभी शालात्यागी व शाला अप्रवेशी बालिकाओं को शाला में प्रवेश कराना.
  9. शाला जाने की उम्र पार कर चुकी बालिकाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने, पर्यवेक्षक को सूची उपलब्ध कराना.
  10. अशिक्षित महिलाओं के लिए साक्षरता कक्षाएं चलाना और पर्यवेक्षक को जानकारी देना.
  11. ग्राम/वार्ड की महिलाओं को बैंक के कार्य, विभिन्न शासकीय विभागों, अस्पताल, पुलिस स्टेशन पर FIR लिखना, आदि कार्यों की जानकारी देना. महिलाओं को उनकी क्षमता व योग्यता के अनुसार छोटे-छोटे लघु उद्योग स्थापित करने प्रोत्साहित करना तथा संबंधित विभाग की जानकारी देना. किचन गार्डन अनाज बैंक, जैसी समाजोपयागी योजनाऐं बनाना.
  12. एनीमिया, कुपोषण पर जागरूकता फैलाना व ऐसे प्रकरणों को ए.एन.एम को बताना.
  13. प्रत्येक माह 2 बार बैठक आयोजित कर अपने ग्राम की महिलाओं बालिकाओं व बच्चों की स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता पर चर्चा करना. बैठकों में ग्राम/व्यक्तिगत समस्या पर मिल बैठकर विचार विमर्श करना तथा समस्या को हल करने प्रयास करना.
  14. ग्राम सभा की बैठकों में सक्रिय भाग लेना, वन स्टॉप सेंटर का भ्रमण व समन्वय करना.
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