भोपाल। अक्सर हम निजी स्कूलों के मनमानी की खबरें सुनते रहते हैं, कभी फीस बढ़ाने को लेकर तो कभी यूनिफॉर्म और पुस्तकों को उनकी बताए जगह से खरीदने को लेकर. इसी तरह भोपाल में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी एक बार फिर सामने आई है. वैसे तो कक्षा 5 तक के बच्चों का अवकाश 30 जून तक शिक्षा विभाग ने घोषित कर दिया है और 1 जुलाई से स्कूल खोलना है. इसके बावजूद प्राइवेट स्कूल बच्चों से ऑनलाइन कक्षाओं में जुड़ने के लिए अभिभावकों को मैसेज कर रहे हैं. जिसकी अतिरिक्त फीस लिए जाने की बात अभिभावक भी कह रहे हैं.
अवकाश के बाद भी ऑनलाइन क्लासेज के मैसेज: कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के स्कूल 1 जुलाई से खुलना है. यह निर्णय शिक्षा विभाग ने इसलिए लिया है, क्योंकि मध्य प्रदेश में कई जिलों में गर्मी अपने शबाब पर पहुंच चुकी है. जिसके चलते छोटे बच्चों को बीमारियों का सामना ना करना पड़े और वह परेशान ना हो, इसलिए उनके ग्रीष्मकालीन अवकाश को बढ़ाया गया था, लेकिन भोपाल में कई प्राइवेट स्कूलों की मनमानी यहां पर सामने आ रही है. स्कूल तो 1 जुलाई से खोले जाएंगे, लेकिन 20 से 30 जून तक 10 दिन बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज के मैसेज स्कूलों द्वारा अभिभावकों को दिए जा रहे हैं. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में बच्चों के लिए 30 जून तक ग्रीष्म अवकाश घोषित किया गया है. आदेश में कहीं भी ऑनलाइन कक्षा का जिक्र नहीं किया गया है. उसके बावजूद निजी स्कूलों द्वारा इस प्रकार से संदेश भेजना कहां तक उचित है.
स्कूल शिक्षा मंत्री से कार्रवाई की मांग: इसको लेकर अभिभावकों ने भी नाराजगी व्यक्ति की है. उमाशंकर तिवारी कहते हैं कि कई बच्चे अपने पेरेंट्स के साथ बाहर गए हुए हैं. उनको अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. छोटे बच्चों को इससे ज्यादा परेशानी हो रही है. माता-पिता भी आदेश होने के बावजूद इस प्रकार के आए संदेश से परेशानी में दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में इन्होंने स्कूल शिक्षा मंत्री से इस मामले में ऐसे प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं अन्य अभिभावक गीतांजलि राठौर कहती है पहले स्कूल 20 जून से खोलना थे. ऐसे में इन्होंने उसकी पूरी तैयारी कर ली थी और बच्चे भी पूरी तरह से तैयार थे, लेकिन ग्रीष्मकालीन अवकाश बढ़ाते हुए 30 जून तक कर दिए गए और 1 जुलाई से स्कूल खोलने की बात स्कूल शिक्षा विभाग ने कही. फिर प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी क्यों चला रहे हैं, क्योंकि कक्षा एक से पांच तक के बच्चे छोटे होते हैं, और उनके पास मोबाइल नहीं होता. वह अपने माता-पिता के मोबाइल से ही ऑनलाइन कक्षाएं अटेंड करते हैं. जबकि इनके हस्बैंड सुबह 9:00 बजे ही ऑफिस चले जाते हैं, ऐसे में इस समय बच्चों को ऑनलाइन कक्षाएं यह कैसे उपलब्ध करवा पाएंगे.
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प्राइवेट स्कूलों की फीस की डिमांड: वहीं एक और अभिभावक रश्मि शुक्ला का कहना है कि प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अतिरिक्त फीस की डिमांड बाद में करते हैं. फिर उस पैसे को भी अभिभावकों को चुकाना पड़ता है. इससे अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है. इस ऑनलाइन कक्षाओं की फीस के कारण ही प्राइवेट स्कूल ग्रीष्म कालीन अवकाश होने के बाद भी ऐसे मैसेज भेज रहे हैं. इस मामले में भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार त्रिपाठी का कहना है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान प्राइवेट स्कूल कक्षाएं ऑनलाइन लगा सकते हैं, लेकिन इसके लिए अतिरिक्त फीस कि अगर कोई अभिभावक शिकायत करता है, तो निश्चित ही हम स्कूलों पर कार्रवाई करेंगे. भोपाल में जिन स्कूलों ने अभिभावकों को मैसेज भेजे हैं, उसमें डीपीएस, बिलाबोंग, रयान स्कूल, सागर पब्लिक स्कूल, मोंट कान्वेंट स्कूल शामिल है.