भोपाल। कोरोना की दो लहर से दो-चार हो चुका देश अब तीसरी लहर के कहर से निपटने की तैयारी कर रहा है. कोरोना गाइडलाइन का पालन ही सबसे बड़ा उपचार है, जबकि त्योहारी सीजन के चलते लोग यात्रा करने से भी नहीं चूक रहे हैं, ऐसे में रेलवे के सामने इससे निपटना सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि अभी दशहरा-दिवाली आने में महीनों का वक्त बचा है, पर लंबी दूरी की ट्रेनों की सभी श्रेणी की सीटे फुल हैं.
पसोपेश में हैं यात्री
इस बीच यदि कोरोना की तीसरी लहर आ जाती है तो रेलवे कैसे यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाएगा, जबकि बहुत से लोग अभी टिकट कराने के इंतजार में हैं, पर किसी भी श्रेणी की सीट खाली ही नहीं है, ऐसे में जिन यात्रियों ने टिकट करा लिया है, उन्हें भी सुरक्षा कि चिंता सता रही है और जिनका टिकट नहीं हो पा रहा है वो टिकट कराने के लिए परेशान हैं.
दशहरा-दिवाली के लिए अभी से ट्रेनें फुल
कोरोना की दूसरी लहर से उबरने के बाद सरकारों ने कुछ शर्तों के साथ अनलॉक कर दिया है, पर सामने त्योहारी सीजन है, जिसमें लोग अपनों के बीच रहना ज्यादा पसंद करते हैं. खासकर त्योहारों के समय पूरे परिवार के जुटने की परंपरा भी है, विशेष परिस्थितियों में लोग त्योहार के वक्त अपनों से दूर रहते हैं, यही वजह है कि यात्रियों का दबाव झेलना रेलवे के लिए भी बड़ी चुनौती बन गई है.
अतिरिक्त ट्रेनें चला सकता है रेलवे
15 अगस्त के बाद 22 अगस्त को ही रक्षा बंधन है, इसके बाद दशहरा और दीपावली जैसे बड़े त्योहार हैं, जिसके लिए लोग अभी से ट्रेनों में टिकट बुक करा रहे हैं, पर सभी ट्रेनों की सभी श्रेणी की सीटें अभी से फुल हो गई हैं. हालांकि, भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनों में यात्रियों का दबाव बढ़ा तो त्योहार के दौरान वरिष्ठ कार्यालय से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने की मांग करेंगे.
यूपी-बिहार जाने वाली ट्रेनें अभी से फुल
4 नवंबर को दीपावली है, भोपाल से पटना जाने वाली ट्रेन में स्लीपर-एसी सभी सीटें फुल है. 2 नवंबर और 3 नवंबर को भी रिजर्वेशन की स्थिति क्लीयर नहीं है. इसी तरह उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली ट्रेनों में भी स्लीपर-एसी सभी सीटें फुल हैं. फ्लाइट से जाना हर किसी के बस की बात नहीं है. टिकट बुक करने वाली साइट पर ईटीवी भारत ने लंबी दूरी की कई ट्रेनों में टिकट बुकिंग की स्थिति जाना, पर ज्यादातर ट्रेनों में टिकट न के बराबर ही बचे हैं, जबकि अभी समय लंबा बचा है.
ऐसे में यदि आने वाले समय में कोरोना की तीसरी लहर आ जाती है तो रेलवे के पास क्या विकल्प बचेगा. क्या रेलवे जिन यात्रियों का टिकट है, उन्हें अतिरिक्त कोच लगाकर या अतिरिक्त ट्रेनें चलाकर उनके गंतव्य तक पहुंचाएगा या कोरोना महामारी की आड़ में हाथ खडे़ कर देगा. हालांकि, रेलवे की तरफ से अभी स्थिति कुछ साफ नहीं है. एक तो कोरोना का डर, ऊपर से टिकट के लिए मारामारी.
दुर्घटना से देर भली: चलती ट्रेन में चढ़ते वक्त गिरी बुजुर्ग महिला, फिर जो हुआ...देखें वीडियो
रेलवे कर रहा कोरोना गाइडलाइन का पालन
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रेलवे सभी ट्रेनों में सैनिटाइजेशन से लेकर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रख रहा है, इसके अलावा रेलवे स्टेशनों पर कोविड-19 जांच का भी इंतजाम किया गया है. लोगों को अनाउसमेंट के जरिए से कोरोना गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा सैनिटाइजर के उपयोग के लिए प्रेरित करता रहता है.