भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने किसानों को मुआवजा देने की बाद कही है. कमलनाथ ने उन किसानों को मुआवजा देने की बात ही है, जिन्हें कम बारिश की वजह से नुकसान उठाना पड़ा है.
न्यूज एजेंसी ANI की मानें तो कमलनाथ ने पत्र में लिखा है. प्रदेश के कई किसान आपकृतिक आपदा के चलते नुकसान झेल रहे हैं. इनमें खरगोन, सीहोर, विदिशा, धार, नीमच, हरदा और होशंगाबाद में के इलाके हैं, जहां कम बारिश के चलते किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है.
इसके अलावा उन्होंने लिखा कि लंबे समय तक कम बारिश के बाद पूरे राज्य में सूखे की स्थिति बन गई. इसके अलावा तम्बाकू इल्ली के हमले के हमले के कारण भी सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है.
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इल्लियों का प्रकोप कंट्रोल में नहीं: पीसीसी चीफ ने किसान का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें किसानों ने बताया कि दो-तीन बार कीटनाशकों का छिड़काव करने के बाद भी इल्लियों का प्रकोप कंट्रोल में नहीं है. इसकी वजह भी बाजार में मिलने वाले नकली और मिलावटी कीटनाशक को माना है. क्षति और राहत राशि का वितरण के लिए किसान फसल के सर्वेक्षण की मांग को लेकर कई जिलों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अब तक इस मामले में कोई भी प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है. इसके अलावा उन्होंने लेटर में लिखा है, कि प्रदेश के अधिकतर किसान आंदोलन करने की राह पर हैं.
कमलनाथ ने पत्र में लिखा- 'प्रदेश के किसान सोयाबीन की फसल के नुकसान से बेहद पीड़ित और चिंतित हैं. अभी तक सरकार की ओर से फसल नुकसान के सर्वेक्षण और राहत राशि वितरण को लेकर कोई सकारात्मक पहल नहीं दिख रही है. ये सरकार की किसानों प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है. राज्य में किसानों का दर्द और असंतोष लगातार बढ़ रहा है. राहत राशि के तत्काल वितरण की आवश्यकता है।'
उन्होंने कहा कि सरकार राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के आधार पर किसानों की फसलों को हुआ नुकसान का सर्वे करे और क्षति का आकलन कर 7 दिन के अंदर मुआवजा राशि दे. इससे किसानों को तत्काल राहत मिल सके.