भोपाल। मध्यप्रदेश में जातिगत राजनीति हावी होने लगी है. सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली करणी सेना के आंदोलन को तोड़ने के लिए क्षत्रीय समाज का बड़ा सम्मेलन बुला लिया गया और उनकी मांगों को पूरी करने का आश्वासन भी मंच से दे दिया गया. चुनावी साल में जातिगत आंदोलन कहीं सरकार के विरोध में न हो इसके जतन में बीजेपी जुट गई है. (Shivraj accepted demands from platform)
पद्मावती स्मारक का किया भूमि पूजनः करणी सेना ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 8 जनवरी को अपनी मांगों को लेकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है, लेकिन आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने क्षत्रीय समाज को दो धड़ों में बांट दिया है. आंदोलन के पहले ही मुख्यमंत्री ने क्षत्रीय समाज का सम्मेलन बुलाकर कई घोषणाएं की और मांगे भी मान ली हैं. इसके साथ ही सीएम शिवराज सिंह ने भोपाल के मनुआभान टेकरी पर रानी पद्मावती स्मारक के लिए भूमि पूजन किया. (Bhoomi Poojan done for padmavati memorial)
सम्मेलन में पहुंची साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुरः मुख्यमंत्री निवास में राजपूत समाज का क्षत्रिय सम्मेलन आयोजित किया गया. जिसमें भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने समाज को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार हमारी है. इसलिए सरकार के सामने हमें मांग नहीं बल्कि अधिकार पत्र रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह क्षत्रिय समाज ने हमेशा देश की सीमा की सुरक्षा करने के साथ देश का नाम रोशन किया है उसी प्रकार सरकार को भी क्षत्रिय समाज के हित में निर्णय लेना चाहिए. साध्वी ने समाज से कहा कि अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह है इसलिए उनके सामने आप जो मांगे रखेंगे वे पूरी होंगी. (sadhvi pragya thakur reached conference)
करणी सेना ने कहा-माई का लाल का नारा गूंजेगाः मध्यप्रदेश में करणी सेना ने माई के लाल का नारा लगाते हुए सरकार के खिलाफ 8 जनवरी को भोपाल के जंबूरी मैदान में आंदोलन की चेतवानी दी है. करणी सेना आर्थिक आधार पर आरक्षण, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य, एट्रोसिटी एक्ट में परिवर्तन, गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने जैसी 22 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन करने जा रही है.आंदोलन को लेकर करणी सेना का कहना है कि हम वही माई के लाल हैं जिन्होंने 2018 में सत्ता का परिवर्तन किया था और सरकार हमें दबाने का प्रयास करेगी तो हम 2023 में भी सत्ता पलटने में सक्षम हैं. (karni sena said slogan of mai Ka Lal will echo)
आंदोलन दबाने की कोशिशः करणी सेना के प्रदेश संगठन मंत्री शैलेंद्र सिंह झाला ने आरोप लगाया कि भोपाल में 8 जनवरी को एक विशाल आंदोलन होने जा रहा है और सरकार इसे दबाने का काम कर रही है. आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने अपने अनुषांगिक संगठनों की मदद से 5 तारीख को एक विशाल आयोजन सीएम निवास पर बुलाया है. इनका आरोप है कि यह एक तरह से 8 तारीख को होने वाले आंदोलन को दबाने की कोशिश है. करणी सेना ने आरोप लगाया कि सरकार जंबूरी मैदान आंदोलन स्थल पर आसपास टीन की चादर और पत्थर लगाकर उसे कवर कर रही है. जिससे आंदोलन प्रभावित हो सके और वहां लोग एकत्रित ना हो. (Attempt to suppress the movement)
करणी सेना की प्रमुख मांगेः
1.महाराणा प्रताप की जयंती पर प्रदेश में अवकाश रखा जाएगा.
2.फिल्म पद्मावत पर प्रतिबंध की मांग को लेकर हुए आंदोलनों संबंधी प्रकरण वापिस लिए जाएंगे.
3.आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास बनाने के संबंध में समाज के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी.
4.प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों से कम परीक्षा शुल्क लिया जाएगा.
5.ऐतिहासिक तथ्यों और परिवारों की वंशावली आदि से छेड़छाड़ करने वालों पर कानून कार्यवाही की जाएगी.
6.पाठ्यक्रम समिति में एक प्रतिनिधि राजपूत समाज का होगा.
7.इतिहास के पाठ्यक्रमों की गड़बड़ियों को ठीक किया जाएगा.
8.सामान्य वर्ग के गरीब विद्यार्थियों को विशेष सहयोग की व्यवस्था की जाएगी.
9.सवर्ण आयोग में एक राजपूत क्षत्रिय प्रतिनिधि आवश्यक रूप से सम्मिलित किया जाएगा.
10.सीडीएस स्व. विपिन रावत की प्रतिमा लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा भूमि उपलब्ध कराई जाएगी.निकाय की सहायता से प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
11.राजपूत क्षत्रिय समाज के युवाओं को जरूरत पड़ने पर आर्थिक सहयोग के लिए सहकारिता विभाग द्वारा केस क्रेडिट सोसाइटी बनाई जाएगी.
12.आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए आरक्षण में आय सीमा 8 लाख रुपये तक होगी.
13.गौशालाओं को अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा तथा गाय के गोबर व गौमूत्र खरीदने-बेचने की पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध की जाएगी.
14.महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित करने के लिए चर्चा कर कदम उठाए जायेंगे.
15.भोपाल स्थित मनुआभान की टेकरी पर रानी पद्मावती की मूर्ति स्थापित करने के लिए आज ही भूमि पूजन किया जाएगा.
16.एमपीपीएससी की भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यार्थियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था होगी. (Main demands of karni sena)