भोपाल। एमपी में कांग्रेस की पहली सूची जारी होने के बाद से बवाल मचा हुआ है. इस दौरान एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. जिसमें शिवपुरी समर्थक उनसे वीरेंद्र रघुवंशी को टिकट देने की बात कह रहे हैं, जिसपर कमलनाथ ने कहा था कि दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के कपड़े जाकरक फाड़िए. इसके पहले वचन पत्र जारी होने के बाद भी दोनों नेताओं में तल्खी देखने को मिली थी. वहीं, दिग्विजय सिंह लगातार इस पर बयान दे रहे हैं, और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद से अबतक 9 बार से ज्यादा बार दिग्विजय ट्वीट कर चुके हैं. आइए जानते हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में क्या-क्या कहा...
दिग्विजय सिंह का पहला टवीट: जब परिवार बड़ा होता है तो सामूहिक सुख और सामूहिक द्वंद्व दोनों होते हैं. समझदारी यही कहती है कि बड़े लोग धैर्यपूर्वक समाधान निकालें. ईश्वर भी उन्हीं का साथ देते हैं जो मन और मेहनत का मेल रखते हैं. नर्मदे हर.
दिग्विजय सिंह का दूसरा ट्वीट: इस ट्वीट में उन्होंने एक वीडियो लिंक शेयर किया है. ये वीडियो वचन पत्र के दौरान हुई कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच की हल्की फुल्की बातचीत है. इसपर उन्होंने पोस्ट किया- बे-तकल्लुफ़ वो औरों से हैं, नाज़ उठाने को हम रह गए !!
दिग्विजय सिंह का तीसरा ट्वीट: कमल नाथ जी से मेरे पारिवारिक रिश्ता १९८० से है। हमारे बीच में कई बार कई मुद्दों पर मतभेद रहे है। दो मित्रों में मतभेद होना स्वाभाविक ही है लेकिन मनभेद नहीं रहे. एमपी कांग्रेस के घोषणा पत्र के समय मेरे और कमल नाथ जी के बीच का मज़ाक़िया संवाद. अवश्य सुनिए.
दिग्विजय सिंह का चौथा ट्वीट: मापदंड क्या हो सकता है? जिला कांग्रेस से नाम लिए गए। वरिष्ठ कॉंग्रेस जनों से नाम लिए गए. आईसीसी के सचिवों ने हर विधान सभा क्षेत्र में जा कर कार्यकर्ताओं से चर्चा की. एआईसीसी की स्क्रीनिंग कमेटी ने भोपाल में आ कर सभी से मिलने का प्रयास किया.
दिग्विजय सिंह का पांचवा ट्वीट: निष्पक्षता से हर विधान सभा क्षेत्र का सर्वे करवाया गया. प्रदेश कांग्रेस ने अलग अलग लोगों से सर्वे कराया. फिर प्रयास किया है आम सहमति बने. अधिक से अधिक वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया जाए. महिलाओं व युवाओं को अवसर दिया जाए. फिर भी सभी को संतुष्ट करना संभव नहीं है.
दिग्विजय सिंह का छटवां ट्वीट: प्रत्याशियों में असंतोष होना स्वाभाविक है. क्योंकि हर उम्मीदवार यह समझता है केवल वही चुनाव जीत सकता है. जनता बदलाव चाहती है। विकल्प केवल कांग्रेस है. जिनको उम्मीदवार नहीं बना पाए हैं. उनको संघटन में स्थान दिया जाना चाहिए.
दिग्विजय सिंह के सातवां ट्वीट: आप सभी से विनम्र अपील है. आपको जो कहना है वह तथ्यों के आधार पर आईसीसी के महासचिव, सचिव व पर्यवेक्षक जी को लिखित में अपना प्रतिवेदन दें. न्याय अवश्य मिलेगा। धन्यवाद.
दिग्विजय सिंह का आठवां ट्वीट: यदि सरकार बनती है तो सभी योग्य लोगों को सम्माननीय स्थान पर अवसर मिलना चाहिए। मैं सभी टिकट प्राप्त करने में असफल रहे. उम्मीदवारों से अपील करना चाहता हूं आप धैर्य रखें. हम सभी को मिलजुल कर सरकार बनाना है.
दिग्विजय सिंह का नवा ट्वीट: मुझे १९८५ में राजीव जी ने ३८ वर्ष की आयु में मप्र कॉंग्रेस का अध्यक्ष बनाया था. तब से टिकट वितरण प्रक्रिया से जुड़ा रहा हूं. यह सबसे कठिन काम है. इस चुनाव में लगभग ४००० उम्मीदवार चुनाव लड़ना चाह रहे हैं. इनमें से केवल २३० का चयन होना है.