भोपाल. मुख्यमंत्री निवास में हुई अतिथि विद्वानों और अतिथि व्याख्याता की पंचायत में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कई घोषणा की. शिवराज ने यहां पर अतिथि विद्वानों का वेतन मासिक करने के साथ ही उन्हें अवकाश और पीएससी की परीक्षा में भी 25 प्रतिशत पद देने की बात कही.
चुनावी साल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर वर्ग को छूने की कोशिश कर रहे हैं और उनके लिए कई सौगात में लेकर आ रहे हैं.
क्या बोले मुख्यमंत्री?: अतिथि विद्वानों की पंचायत में शिवराज ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा - "बड़ी देर भाई नंदलाला, मैंने लाल परेड ग्राउंड पर कई पंचायत बुलाई, लेकिन आप विद्वान है और बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. इसलिए आपको गुरु का दर्जा देता हूं और इसलिए गुरुओं को मैंने अपने निवास में आमंत्रित किया है."
उन्होंने कहा, "उच्च शिक्षा की मशाल को आप लोगों ने जला के रखा है. आप वही योग्यता रखते हैं जो हमारे प्रोफेसर और व्याख्याता रखते हैं. मैं जहां जहां गया वहां मुझे अतिथि विद्वान मिलते थे. आप सारी योग्यता रखते हो. मैंने उनकी आंखों में आंसू तक देखे हैं. मैं एक कॉलेज भवन का इनॉग्रेशन करने गया था तो वहां पर दो बहनें जो अतिथि विद्वान थी, उन्होंने मिलने की कोशिश की, कि कैसे भी ज्ञापन मुख्यमंत्री को दे सकें. जब मैं चाय पीने प्रिंसिपल साहब के कमरे में गया और उनके सिर पर हाथ रखकर मैंने तय किया था कि उनकी आंखों में आंसू नहीं रहने देंगे."
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सभी शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों को अब कार्य दिवस के बजाए सीधे-सीधे 50 हजार रुपये तक मासिक वेतन दिया जायेगा।
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शासकीय सेवकों के समान आपको अवकाश की सुविधा भी दी जाएगी।
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 11, 2023
शासकीय सेवकों के समान आपको अवकाश की सुविधा भी दी जाएगी।
एक अकादमिक सत्र में अपने महाविद्यालय के स्थान पर आप जो चाहेंगे, आपके आसपास महाविद्यालय में… pic.twitter.com/4htuZqTW8zसभी शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों को अब कार्य दिवस के बजाए सीधे-सीधे 50 हजार रुपये तक मासिक वेतन दिया जायेगा।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 11, 2023
शासकीय सेवकों के समान आपको अवकाश की सुविधा भी दी जाएगी।
एक अकादमिक सत्र में अपने महाविद्यालय के स्थान पर आप जो चाहेंगे, आपके आसपास महाविद्यालय में… pic.twitter.com/4htuZqTW8z
मुख्यमंत्री ने यहां घोषणा: सभी शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि विद्वानों को प्रति दिवस की बजाय सीधे-सीधे मासिक वेतन दिया जाएगा. वह ₹50000 तक का होगा. इसमें तकनीकी वाले भी शामिल माने अपने आप को. शासकीय सेवकों के समान अवकाश की सुविधा भी दी जाएगी. आपके आसपास के महाविद्यालय में ही स्थानांतरण की सुविधा दी जाएगी. फॉल इन आउट किए जाने वाले लोगों को भी इन किया जाएगा. रिक्त पदों को भरा जाएगा.
यूजीसी की गाइडलाइन के कारण कुछ दिक्कतें हैं. उसमें रास्ता निकल रहे हैं. इसलिए अतिथि विद्वानों और व्याख्याता के लिए अभी व्यवस्था नहीं है, मैं पीएससी की परीक्षा में संशोधन कर 25% पद उनके लिए रखे जाएंगे.
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प्रतिवर्ष 4 और अधिकतम 20 अंक अतिरिक्त दिए जाते हैं और पेपर होता है 900 अंक का, इसलिए एक मुझे कम लगता है. इसको बढ़कर अब 10% तक अंक दिए जाएंगे. अब कोई भी अतिथि विद्वान और व्याख्याता जो लगातार पढ़ाने का काम कर रहा है. उसको बाहर नहीं किया जाएगा.
साढे 4 हजार लोगों को तो हम दिल में समा ही सकते हैं. इतना बड़ा मध्य प्रदेश है और इसलिए हम यह व्यवस्था बनाएंगे कि अब फॉल एंड आउट की नौबत ना आए. इसमें आईटीआई वाले भी बैठे हैं.
आईटीआई वाले जो हमारे प्रवक्ता भी हैं व्याख्याता भी हैं. मैंने बातें कहीं वह आप पर भी लागू होगी. अतिथि प्रवक्ताओं का भी वेतन बढ़कर 20000 किया जाएगा. बच्चों के भविष्य को बेहतर से बेहतर बनाने की जिम्मेदारी आपकी है. इसलिए मैं आपसे कहना चाहूंगा कि मैं सरकार नहीं परिवार चलता हूं. आप मेरे परिवार के अभिन्न अंग हैं. इसलिए आप सबको निश्चित होकर बेहतर शिक्षा की व्यवस्था और काम आपको करना है. आपकी चिंता हम करेंगे.