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Bhopal News: बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, 9 जिलों से अपने बैलों और बैलगाडी के साथ पहुंचे प्रतिभागी - अपने बैलों और बैलगाडी के साथ पहुंचे प्रतिभागी

भोपाल में बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, इस आयोजन में प्रदेश के 9 जिलों से लोग इस प्रतियोगिता में शामिल हुए.

Bhopal News
भोपाल में बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता का किया आयोजन
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Published : Jun 20, 2023, 7:51 AM IST

भोपाल में बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता का किया आयोजन

भोपाल। राजधानी में एक नए तरीके का अनूठा आयोजन किया गया, जिसके तहत यहां एक छोटी बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस आयोजन में प्रदेश के 9 जिलों से लोग इस प्रतियोगिता में शामिल हुए. इस आयोजन के लिए 350 मीटर का ट्रक का निर्माण किया गया और उस पर शुरूवाती पॉइंट से आखिरी पॉइंट तक समय की गणना की गई. 350 मीटर की दूरी तय करने में सबसे कम समय 8.5 सेकेंड में इस दूरी को तय किया और इस जोड़ी को प्रथम पुरस्कार दिया गया. इस पूरे आयोजन में 30 जोड़ी बैलों ने भाग लिया और प्रदेश के अलग-अलग जिलों से यह लोग अपने बैलों और बैलगाड़ी को लेकर यहां पहुंचे थे.

विलुप्त होने की कगार पर परंपरागत खेलः बता दें बैलों की दौड़ प्रतियोगिता एक परंपरागत खेल है, जो आज लगभग विलुप्त होने की कगार पर है क्योंकि अब लगभग खेत में काम करने के लिए बैलों का प्रयोग करने का चलन समाप्त हो गया है. अधिकतर किसान अपनी खेती के लिए अब ट्रैक्टर व नए आधुनिक साधनों के माध्यम से खेती करने लगे हैं, ऐसे में लोगों ने अब गाय व अन्य जानवर पालने कम कर दिए हैं. हालांकि जो लोग इस प्रतियोगिता के शौकीन हैं, वे अभी भी बैलों को अपने बच्चों की तरह पालते हैं और विशेष रूप से इस प्रतियोगिता के लिए उन्हें तैयार करते हैं. कहा जा सकता है कि प्रतियोगिता के लिए ही विशेष रूप से बैल पाले जाते हैं.

प्रतियोगिता वाले बैलों का रखा जाता है खास ध्यानः इस प्रतियोगिता को आयोजित कराने आए जीवन सिंह मीणा ने बताया कि "प्रदेश में लगभग कुछ जगहों पर अब इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. इस प्रतियोगिता के आयोजन के लिए जिन बैलों को तैयार किया जाता है, उनके लिए उनकी खुराक का विशेष ध्यान रखा जाता है. बैलों को दिन भर में 4 से 5 लीटर दूध के अलावा सर्दी के मौसम में अंडे भी खिलाए जाते हैं, इसके अलावा इन्हें नियमित रूप से बादाम भी खिलाया जाता है. इसके अलावा इन बैलों को पालने वाले किसान इनके स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखते हैं, इन्हें बीमारियों से बचाने के लिए टीके लगाने के अलावा अगर इनका जरा भी स्वास्थ्य खराब होता है, तो तत्काल इन्हें इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले जाया जाता है."

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8.5 सेकंड में पूरी की दौड़ः इस अनूठी प्रतियोगिता के लिए आयोजक जीवन सिंह राजपूत ने और उनके परिवार ने अपने ही खेत पर पूरी व्यवस्था की थी, फन लोगों के लिए जो अलग-अलग जिलों से इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भोपाल पहुंचे थे. बैलों के साथ रुकने वालों के लिए खाने और पानी पीने की व्यवस्था की गई थी, साथ ही पूरी प्रतियोगिता में लगभग 1 लाख से अधिक रुपये के इनाम बांटे गए हैं. प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आने वाले बैल की जोड़ी का नाम विट्ठल और बादल रहे, जिन्होंने इस पूरी 350 मीटर की दूरी को 8.5 सेकंड में पूरी की. इस जोड़ी को 25 हजार का इनाम दिया गया, इस पूरे कार्यक्रम में 10 जोड़ी को अलग-अलग राशि का इनाम दिया गया है.

भोपाल में बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता का किया आयोजन

भोपाल। राजधानी में एक नए तरीके का अनूठा आयोजन किया गया, जिसके तहत यहां एक छोटी बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस आयोजन में प्रदेश के 9 जिलों से लोग इस प्रतियोगिता में शामिल हुए. इस आयोजन के लिए 350 मीटर का ट्रक का निर्माण किया गया और उस पर शुरूवाती पॉइंट से आखिरी पॉइंट तक समय की गणना की गई. 350 मीटर की दूरी तय करने में सबसे कम समय 8.5 सेकेंड में इस दूरी को तय किया और इस जोड़ी को प्रथम पुरस्कार दिया गया. इस पूरे आयोजन में 30 जोड़ी बैलों ने भाग लिया और प्रदेश के अलग-अलग जिलों से यह लोग अपने बैलों और बैलगाड़ी को लेकर यहां पहुंचे थे.

विलुप्त होने की कगार पर परंपरागत खेलः बता दें बैलों की दौड़ प्रतियोगिता एक परंपरागत खेल है, जो आज लगभग विलुप्त होने की कगार पर है क्योंकि अब लगभग खेत में काम करने के लिए बैलों का प्रयोग करने का चलन समाप्त हो गया है. अधिकतर किसान अपनी खेती के लिए अब ट्रैक्टर व नए आधुनिक साधनों के माध्यम से खेती करने लगे हैं, ऐसे में लोगों ने अब गाय व अन्य जानवर पालने कम कर दिए हैं. हालांकि जो लोग इस प्रतियोगिता के शौकीन हैं, वे अभी भी बैलों को अपने बच्चों की तरह पालते हैं और विशेष रूप से इस प्रतियोगिता के लिए उन्हें तैयार करते हैं. कहा जा सकता है कि प्रतियोगिता के लिए ही विशेष रूप से बैल पाले जाते हैं.

प्रतियोगिता वाले बैलों का रखा जाता है खास ध्यानः इस प्रतियोगिता को आयोजित कराने आए जीवन सिंह मीणा ने बताया कि "प्रदेश में लगभग कुछ जगहों पर अब इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. इस प्रतियोगिता के आयोजन के लिए जिन बैलों को तैयार किया जाता है, उनके लिए उनकी खुराक का विशेष ध्यान रखा जाता है. बैलों को दिन भर में 4 से 5 लीटर दूध के अलावा सर्दी के मौसम में अंडे भी खिलाए जाते हैं, इसके अलावा इन्हें नियमित रूप से बादाम भी खिलाया जाता है. इसके अलावा इन बैलों को पालने वाले किसान इनके स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखते हैं, इन्हें बीमारियों से बचाने के लिए टीके लगाने के अलावा अगर इनका जरा भी स्वास्थ्य खराब होता है, तो तत्काल इन्हें इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले जाया जाता है."

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8.5 सेकंड में पूरी की दौड़ः इस अनूठी प्रतियोगिता के लिए आयोजक जीवन सिंह राजपूत ने और उनके परिवार ने अपने ही खेत पर पूरी व्यवस्था की थी, फन लोगों के लिए जो अलग-अलग जिलों से इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भोपाल पहुंचे थे. बैलों के साथ रुकने वालों के लिए खाने और पानी पीने की व्यवस्था की गई थी, साथ ही पूरी प्रतियोगिता में लगभग 1 लाख से अधिक रुपये के इनाम बांटे गए हैं. प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आने वाले बैल की जोड़ी का नाम विट्ठल और बादल रहे, जिन्होंने इस पूरी 350 मीटर की दूरी को 8.5 सेकंड में पूरी की. इस जोड़ी को 25 हजार का इनाम दिया गया, इस पूरे कार्यक्रम में 10 जोड़ी को अलग-अलग राशि का इनाम दिया गया है.

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