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बीजेपी विधायक ने पृथक विंध्य प्रदेश के लिए प्रधानमंत्री को लिखा खत

मध्य प्रदेश में विंध्य प्रदेश की मांग तेज होती जा रही है. अब बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने पृथक विंध्य प्रदेश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है.

bjp mla writes letter to pm for separate vindhya pradesh
पृथक विंध्य प्रदेश के लिए प्रधानमंत्री को लिखा खत
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Published : Jul 26, 2021, 5:18 PM IST

भोपाल, 26 जुलाई (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के विधायक नारायण त्रिपाठी लगातार प्रथक विंध्य प्रदेश की मांग करते आ रहे हैं. अब उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है. भाजपा विधायक त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री को लिखे खत में कहा है कि विंध्य क्षेत्र में खनिज संपदा के दोहन से मध्य प्रदेश को सर्वाधिक राजस्व की प्राप्त होता है, परंतु इस क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं सड़क, बिजली, सिंचाई, स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा के बेहतर इंतजाम नहीं हैं. पिछड़ेपन की इन्हीं स्थितियों के चलते यहां का आम जनमानस पृथक विंध्य प्रदेश की मांग लगातार करता रहा है.

त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने खत में आगे कहा है कि वर्ष 1956 में विंध्य का विलय मध्य प्रदेश में किया गया था, तब वादा किया गया था कि विंध्य से प्राप्त राजस्व से यहां का सर्वांगीण विकास किया जाएगा व रीवा को उप राजधानी का दर्जा देकर यहां प्रदेश स्तरीय मुख्यालय खोले जाएंगे.

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प्रधानमंत्री को लिखे खत में भाजपा विधायक ने याद दिलाया है कि विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए श्रीनिवास तिवारी ने पृथक विंध्य प्रदेश के निर्माण का प्रस्ताव मध्यप्रदेश विधानसभा से पारित कराकर केंद्र को भिजवाया था जो अब तक लंबित है. साथ ही उन्होंने मांग की है कि विंध्य क्षेत्र के खनिज से प्राप्त राजस्व को इस क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने और मूलभूत सुविधाओं के विकास में खर्च किए जाने की विशेष व्यवस्था की जाए. साथ ही पृथक विंध्य प्रदेश निर्माण के लंबित प्रस्ताव पर सार्थक कदम उठाए जाएं.

-आईएएनएस

भोपाल, 26 जुलाई (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के विधायक नारायण त्रिपाठी लगातार प्रथक विंध्य प्रदेश की मांग करते आ रहे हैं. अब उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है. भाजपा विधायक त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री को लिखे खत में कहा है कि विंध्य क्षेत्र में खनिज संपदा के दोहन से मध्य प्रदेश को सर्वाधिक राजस्व की प्राप्त होता है, परंतु इस क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं सड़क, बिजली, सिंचाई, स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा के बेहतर इंतजाम नहीं हैं. पिछड़ेपन की इन्हीं स्थितियों के चलते यहां का आम जनमानस पृथक विंध्य प्रदेश की मांग लगातार करता रहा है.

त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने खत में आगे कहा है कि वर्ष 1956 में विंध्य का विलय मध्य प्रदेश में किया गया था, तब वादा किया गया था कि विंध्य से प्राप्त राजस्व से यहां का सर्वांगीण विकास किया जाएगा व रीवा को उप राजधानी का दर्जा देकर यहां प्रदेश स्तरीय मुख्यालय खोले जाएंगे.

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प्रधानमंत्री को लिखे खत में भाजपा विधायक ने याद दिलाया है कि विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए श्रीनिवास तिवारी ने पृथक विंध्य प्रदेश के निर्माण का प्रस्ताव मध्यप्रदेश विधानसभा से पारित कराकर केंद्र को भिजवाया था जो अब तक लंबित है. साथ ही उन्होंने मांग की है कि विंध्य क्षेत्र के खनिज से प्राप्त राजस्व को इस क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने और मूलभूत सुविधाओं के विकास में खर्च किए जाने की विशेष व्यवस्था की जाए. साथ ही पृथक विंध्य प्रदेश निर्माण के लंबित प्रस्ताव पर सार्थक कदम उठाए जाएं.

-आईएएनएस

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