भोपाल। डीजल चोरी से परेशान नगर निगम भोपाल ने अब कचरा उठाने वाली गाड़ियों में बदलाव किया है. डीजल से चलने वाली गाड़ियों की जगह अब सीएनजी कचरा गाड़ियां शहर में दौड़ती हुई नजर आएंगी. बुधवार को महापौर मालती राय ने नगर निगम के डिपो से इन गाड़ियों को रवाना किया. शुरुआत में 100 सीएनजी कचरा गाड़ियां शहर के वार्डो में जाकर डोर टू डोर कचरा उठाएंगी. इसके बाद 150 और गाड़ियां इस बेड़े में शामिल होंगी. कुल मिलाकर ढाई सौ सीएनजी कचरा गाड़ियां शहर के 85 वार्डों में दौड़ेंगी.
सीएनजी वाहन आने से होगी 28 लाख रुपये की बचत: महापौर मालती राय ने बताया कि "पहले जो कचरा उठाने में गाड़ियां लगाई गई थीं, उनमें प्रतिदिन 950 रुपये का डीजल खर्चा हो रहा था. जिससे निगम पर अतिरिक्त बोझ पढ़ रहा था. अब जो सीएनजी गाड़ियां लगाई गई हैं. उसमें 300 से 350 रुपए का खर्चा ही प्रतिदिन गैस का आएगा. जिससे नगर निगम के खाते में हर महीने ₹28 लाख की बचत भी होगी. इन सभी गाड़ियों को अलग मद के माध्यम से खरीदा गया है."
कचरा उठाने के लिए मुहैया कराई जायेगी CNG गाड़ियां: भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने बताया कि "पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी यह सीएनजी गाड़ियां बेहतर विकल्प के रूप में साबित होती नजर आ रही हैं. क्योंकि जो पुराने वाहन थे उनमें डीजल के माध्यम से पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा था. ऐसे में नगर निगम परिषद ने यह फैसला लिया जिसके बाद से शहर में कचरा उठाने के लिए सीएनजी गाड़ियां मुहैया कराई जा रही हैं. आने वाले दिनों में इन गाड़ियों की संख्या में और बदलाव किया जाएगा. फिलहाल 85 वार्डों में कहीं 3-3, तो कहीं 4-4 गाड़ियां मौजूदा समय में दी गई हैं."
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डीजल चोरी के मामले आये थे: वैसे नगर निगम के बेड़े में सीएनजी वाहन कोई नया विकल्प नहीं है. इसके पहले भी कचरा उठाने वाले डोर टू डोर कंटेनर में सीएनजी गाड़ियां शामिल हैं. जिनकी संख्या लगभग 50 के करीब है. अब 100 नए वाहनों को भी इसमें जोड़ा गया है. जबकि आने वाले दिनों में 150 और गाड़ियां भी इसमें शामिल हो जाएंगी. वैसे सीएनजी वाहनों को नगर निगम के बेड़े में शामिल करने का एक कारण नगर निगम कर्मचारियों द्वारा कई बार डीजल चोरी किए जाने की घटनाएं भी हैं. कई बार ऐसे वीडियो लगातार वायरल हो चुके हैं, जिसमें नगर निगम के कर्मचारी ही निगम के वाहन से डीजल चोरी करते हुए दिखाई देते थे. ऐसे में डीजल चोरी पर अंकुश लगाने के लिए नगर निगम के बेड़े में सीएनजी वाहनों को शामिल करने का फैसला भी लिया गया था.