भोपाल। राजधानी भोपाल की बागसेवनिया पुलिस ने हत्या का राज खोल दिया है. दरअसल, इसी साल जुलाई में पुलिस को सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र के मीनाक्षी प्लैनेट के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा है. पुलिस ने सड़ी-गली हालत में शव बरामद किया. शव की पहचान के लिए मृतक के शरीर पर लिखा नाम दीपाली और उसके शरीर पर बने शेर व नाग के टैटू के अलावा पुलिस के हाथ में तलाशने के लिए कुछ भी नहीं था. पुलिस ने सबसे पहले यह जानकारी निकालने की कोशिश की कि इस तरह के टैटू किस जाति के लोग बनवाते हैं.
सख्ती से पूछताछ की तो खुला राज : टैंटू के बारे में कला संस्कृति विभाग के एक प्रोफेसर की भी मदद ली गई. इसके अलावा अन्य जाति जनजाति के बारे में भी जानकारी ली गई. इसके बाद पता चला कि ओम नगर में रहने वाले एक व्यक्ति के शरीर में इस तरह के टैटू बने हुए थे, वह काफी दिनों से गायब है. पुलिस ने परिजनों से उसके गायब होने के बारे में जानकारी ली. इस पर परिजनों ने पुलिस को गुमराह किया लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की गई तो मृतक की पत्नी दीपाली ने बताया कि वह बोलता उड़ीसा के रहने वाली है और उसकी शादी बहुत छोटी उम्र में भोपाल के रहने वाले निरंजन मंडल से हुई थी. इसके बाद पति से विवाद होने पर वह अपने बच्चों को छोड़कर दिल्ली चली गई और जहां उसकी पहचान विजय पाल नाम के युवक से हुई.
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चार लोग गिरफ्तार : पुलिस के अनुसार विजय दिल्ली में नगर निगम में नौकरी करता था और उसकी पत्नी का देहांत हो चुका था. वहां पर दीपाली और विजय पति-पत्नी की तरह रहने लगे. कोरोना काल में विजय ने काफी कर्ज कर लिया. जिससे बचने के लिए विजय, दीपाली और अपनी पूर्व पत्नी के दो बच्चों के साथ भोपाल आकर बस गया. एक दिन दीपाली का विजयपाल से विवाद हो गया. इसी दौरान दीपाली, उसके बेटे तापस और एक मजदूर राजू भाकरे के साथ ही नाबालिग ने विजय की गला दबाकर हत्या कर दी. इस मामले में पुलिस उपायुक्त जोन श्रद्धा तिवारी ने बताया कि इस केस का खुलासा करने में पुलिस को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी.