भोपाल। 2023 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने BJP पर हमलों की धार तेज कर दी है. 20 मार्च 2020 को हुए दलबदल के दिन को कांग्रेस ने गद्दार दिवस का नाम दिया है और इस दिन से बीजेपी के नेताओं को कठघरे में खड़ा करने की शुरुआत कर रही है. पार्टी ने एलान किया है कि कांग्रेस 23 मार्च से 29 मार्च तक यानि पूरे सप्ताह हर दिन प्रदेश भर में प्रेसवार्ता करके शिवराज सरकार की जनविरोधी नीतियों के साथ सरकार की झूठी घोषणाओं से जनता को अवगत कराएगी. कांग्रेस वो सूची भी दिखाएगी कि प्रदेश में कहां कहां शिलान्यास करके काम अधूरा छोड़ दिया गया है. यही नहीं इन जगहों पर पार्टी के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन भी कर सकते हैं.
23 मार्च से कांग्रेस मनाएगी लोकतंत्र बचाओ सप्ताह: कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि ''प्रदेश में जो स्थितियां बन गई हैं, इसे लेकर कांग्रेस द्वारा 23 से 29 मार्च तक पूरे एक सप्ताह लोकतंत्र बचाओ सप्ताह मनाया जाएगा. इस दौरान हर दिन पार्टी के वरिष्ठ नेता जिलों/शहरों में प्रेस वार्ताएं लेकर शिवराज सरकार की जनविरोधी नीतियों, झूठी घोषणाओं, कभी न पूरे होने वाले शिलान्यासों के झूठ और फरेब से आम जनता को अवगत कराएंगे''.
घर में नहीं है दाने, मामा चले भुनाने: कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने मध्य प्रदेश को मद्य (शराब) प्रदेश का नाम देते हुए कहा है कि ''प्रदेश में आर्थिक आपातकाल लग चुका है. प्रदेश 3.80 लाख करोड़ के कर्ज के बोझ के तले दब चुका है. इस प्रदेश में पैदा होने वाला हर बच्चा 50 हजार रु. कर्ज का बोझ लेकर पैदा हो रहा है. राज्य सरकार ने महज 55 दिनों में 20 हजार करोड़ का कर्ज लिया, सिर्फ 2023 में हीं सात मर्तबा कर्ज लिया. पिछले सप्ताह ही 3000 करोड़ का कर्ज लिया, अब फिर 2000 करोड़ का कर्ज ले रही है''. उन्होंने कहा कि ''बावजूद इसके हमारे घोषणावीर मुख्यमंत्री घोषणाएं ऐसी कर रहे हैं जैसे कुबेर का खजाना इनकी ही जेब में है. इन गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए यह कहना प्रासंगिक होगा कि 'घर में नहीं हैं दाने-मामा चले भुनाने''. कांग्रेस की मांग है कि प्रदेश की आर्थिक बदहाली और कर्ज की लांघती हुई सीमा पर राज्य सरकार ‘श्वेत-पत्र’ जारी करे.