भोपाल। मध्यप्रदेश में 16 वीं विधानसभा के पहले सत्र के दौरान विधायकों के साथ सिर्फ उनके परिजनों को ही आने की अनुमति मिलेगी. दिल्ली संसद में हुई घटना को देखते हुए मध्यप्रदेश विधानसभा में सुरक्षा के कई कदम उठाए जा रहे हैं. सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में इस बार बाहरी व्यक्तियों को प्रदेश नहीं मिलेगा. विधानसभा में आने वाले विधायकों के परिजनों को भी कड़ी चैकिंग व्यवस्था से गुजरना होगा. मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी.
सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक: 22 साल पहले हुए संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन संसद भवन में युवाओं द्वारा दर्शक दीर्घा से कूदने और स्प्रे से धुंआ फैलाने की घटना के बाद मध्यप्रदेश में सोमवार से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र को लेकर भी सुरक्षा के इंतजाम कड़े किए जा रहे हैं. सत्र 18 दिसंबर से शुरू होकर 21 दिसंबर तक चलेगा. दिल्ली की घटना को देखते हुए विधानसभा भवन में सुरक्षा की समीक्षा करने के लिए भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी सहित तमाम पुलिस अधिकारियों को बुलाया गया है.
विधानसभा की थ्री लेयर सुरक्षा व्यवस्था: इस बार विधानसभा की थ्री लेयर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी. सबसे पहले विधानसभा के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे. विधानसभा में विधायकों और आम लोगों के आने-जाने के लिए अलग-अलग गेट रहेंगे. इन गेट पर लोगों को एंट्री देने से पहले उनके पास के अलावा पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, पेन कार्ड या अन्य दस्तावेज पहचान के लिए देखे जाएंगे. पहचान पुख्ता करने के बाद ही उन्हें परिसर में एंट्री दी जाएगी. इसके बाद विधानसभा भवन में दाखिल होने के पहले भी एक बार फिर उनके दस्तावेज की जांच के अलावा बॉडी स्केन किया जाएगा.
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सिर्फ विधायक के परिजनों को ही एंट्री: विधानसभा के पहले सत्र में इस बार सिर्फ विधायकों के परिजनों को ही प्रवेश दिया जाएगा. परिजनों के अलावा विधायक अपने समर्थकों को सदन में प्रवेश नहीं दिला पाएंगे. इसके लिए विधानसभा सचिवालय द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह के मुताबिक ''विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों को सदन में शपथ दिलाई जाएगी. आमतौर पर परिजन उन्हें शपथ लेते देखना चाहते हैं, इसलिए सदन में सिर्फ परिजनों को ही प्रवेश दिया जाएगा. दिल्ली में जिस तरह की घटना हुई है, उसको देखते हुए चैकिंग का कड़ाई से पालन किया जाएगा.टट
दर्शक दीर्घा में कांच की दीवार खड़ी करने पर विचार: संसद भवन में प्रदर्शनकारी युवक दर्शकदीर्घा से सदन में कूदे थे, इसको देखते हुए मध्यप्रदेश विधानसभा में भी दर्शक दीर्घा में कांच की दीवार खड़ी करने पर विचार किया जा रहा है. विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव के मुताबिक ''सिक्योरिटी ऑडिट में यदि पुलिस अधिकारियों द्वारा इसकी जरूरत बताई गई तो इस पर विचार किया जाएगा. वैसे भी विधानसभा में दर्शक दीर्घा की ऊंचाई काफी ज्यादा है.''