भोपाल। इंदौर के बाद अब भोपाल में भी मेट्रो ट्रेन का ट्रायल होना है. इसको लेकर राजधानी में जोरदार तैयारियां चल रही हैं. करीब तीन हजार लोगों की टीम दिन रात काम कर रही है, ताकि तय समय यानी सितंबर माह में मेट्रो का ट्रायल कर सकें. इधर, गुजरात से लाए गए तीनों कोच को कनेक्ट कर दिया गया है.
सुभाष नगर फाटक के सामने बना भोपाल मेट्रो का डिपो : भोपाल शहर में मेट्रो संचालन के लिए सुभाष नगर फाटक के सामने मेट्रो का डिपो बनाया गया है. इसी डिपो में टेस्टिंग का काम चल रहा है. गुजरात से लाए गए तीनों कोच को सोमवार को अनलोड किया गया था. इसके बाद इन्हें कनेक्ट करके टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गइ है. गुजरात के सांवली (बड़ोदरा) से लाए गए तीनों कोच को ट्रायल रन से पहले कनेक्ट करने के बाद मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल के अलावा सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की टीम जांच रही है. तीनों ही टीम एक साथ टेस्टिंग कर रही है. यह काम मंगलवार से शुरू हो गया है.
25 सितंबर तक मेट्रो का ट्रायल रन होगा पूरा : सुभाषनगर डिपो में तीनों शिफ्ट में यानी 24 घंटे काम किया जा रहा है. मैकेनिकल, इलेक्टिकल और सॉफ्टवेयर टीम के साथ मेट्रो ट्रेन बनाने वाली कंपनी एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड के कर्मचारी भी मौके पर मौजूद रहकर काम कर रहे हैं. जानकारी मिली है कि 25 सितंबर यानी सोमवार या उसके अगले दिन मेट्रो का ट्रायल रन पूरा कर लिया जाएगा. टीम अभी सुभाषनगर डिपो में बने इंस्पेक्शन बे लाइन (IBL) पर सीनयर इंजीनियर्स, टेक्निकल एक्सपर्ट्स, सुपरवाइजर समेत 50 से ज्यादा लोगों की निगरानी में काम कर रही है. गौरतलब है कि मेट्रो का हर कोच एंटी बैक्टीरिया और एंटी वायरल सिस्टम वाला रहेगा.
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पहले डिपो के अंदर ट्रायल होगा और फिर ट्रैक पर: टेस्टिंग और अन्य काम को पूरा होने में अभी 15 से 20 दिन का समय लग सकता है, यह कहना है कि मेट्रो के सिस्टम डायरेक्टर शोभित टंडन का. उन्होंने बताया कि "ट्रैक पर मेट्रो कोच उतारने के बाद अब टेस्टिंग जिसमें सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रिकल वर्क आदि समेत अन्य प्रोसेस पूरी की जा रही हैं. पहले डिपो के अंदर ट्रायल करेंगे और फिर ट्रैक पर सेफ्टी ट्रायल रन किया जाएगा."
मेट्रो भोपाल की विशेषता: बता दें कि जो मेट्रो भोपाल और इंदौर में चलाई जाएगी, उसके कोच की लंबाई 22 मीटर और चौड़ाई 2.9 मीटर है. इनमें से एक कोच में करीब 50 पैसेंजर बैठ सकते हैं. जबकि, करीब 300 पैसेंजर खड़े रहकर यात्रा कर सकते हैं. सभी कोच एसी युक्त रहेंगे. पहली टेस्टिंग साढ़े तीन किलोमीटर सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक के ट्रैक पर होगी.