भोपाल: कोरोना महामारी के दौर में अपनी जान की परवाह किए बिना डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे रहे. इस दौरान कई हेल्थ वर्कर्स कोरोना वायरस की चपेट में आए और कईयों की मौत भी हुई. हाई रिस्क जोन में होने के कारण हेल्थ वर्कर्स को कोविड-19 से संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है, इसलिए सरकार ने भी यही तय किया है कि जब कोरोना वैक्सीन आ जाएगी तो सबसे पहले प्रथम चरण में हेल्थ वर्कर्स को डोज दिए जाएंगे. राजधानी भोपाल में भी वैक्सीन आने के बाद की तैयारियां जोरों-शोरों पर चल रही हैं और डाटा तैयार करने में राजधानी भोपाल सबसे ज्यादा आगे है.
भोपाल के डाटा की सबसे पहले एंट्री
चूंकि कोरोना वैक्सीन सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स को लगाई जानी है, जिसके लिए हेल्थ वर्कर्स का डाटा तैयार किया जा रहा है. राजधानी भोपाल में डाटा कलेक्शन की क्या स्थिति है, इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि हमने शहर की जितनी भी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थाएं हैं, उनके हेल्थ वर्कर्स का डाटा तैयार कर लिया है और डिजिटिलाइज कर सॉफ्टवेयर में उसकी एंट्री भी शुरू कर दी गई है. अभी तक सबसे ज्यादा एंट्री भोपाल जिले से हुई है और हमें उम्मीद है कि हम सबसे पहले अपनी एंट्री पूरी कर लेंगे. हमारे पास लगभग 25 हजार हेल्थ वर्कर्स का डाटा आया था, जिसमें से अभी तक हम करीब 12 हजार का डाटा एंटर कर चुके हैं.
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जिला अस्पताल में बनाया गया कोल्ड स्टोरेज
बता दें कि राजधानी भोपाल के जिला अस्पताल जेपी में कोविड-19 वैक्सीन को रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाया गया है. जहां पर वैक्सीन आने के बाद उसका संग्रहण किया जाएगा. इसके साथ ही वैक्सीन वितरण वाहन से ही वैक्सीन का वितरण भारत सरकार की आगामी गाइडलाइन के मुताबिक लोगों तक किया जाएगा. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि फरवरी-मार्च 2021 तक भारत में कोरोना वैक्सीन आ सकती है.