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हर-घर जल पर बिजली बिल भारी! अब MP पंचायतों में सोलर ऊर्जा से होगी पानी सप्लाई - हर घर जल पर बिजली बिल भारी

हर घर जल पर बिजली बिल भारी पड़ते नजर आ रहा है, इसके चलते अब एमपी पंचायतों में सोलर ऊर्जा से पानी सप्लाई किया जाएगा. (Water will be supplied by solar energy) हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले भी खंडवा और खरगोन में ऐसा प्रयोग किया जा चुका है.

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Published : Nov 9, 2022, 12:42 PM IST

भोपाल। बीजेपी सरकार की महत्वकांक्षी हर घर जल योजना के तहत गांव के एक-एक घर को नल से जोड़ने की योजना पर बिजली के बिल भारी पड़ सकता है, दरअसल इस योजना के तहत गांव के एक एक घर को पीने की नल से जोड़ा जा रहा है. घर-घर पानी सप्लाई के लिए पंचायतों कर बिजली के बिल भुगतान का भार बढ़ने वाला है. वर्तमान में करीब 450 करोड़ रुपए से ज्यादा बिजली का बिल पंचायतों में आ रहा है, जिसका भुगतान करने में पंचायतों के पसीने छूट रहे हैं और पंचायतों की हालत सबसे ज्यादा खराब है, जहां राजस्व प्राप्ति के कोई साधन उपलब्ध नहीं है. इसको देखते हुए अब पंचायतों में सोलर चैनल के माध्यम से जोड़ने की तैयारी की जा रही है.

सभी पंचायतों में सोलर पैनल लगाने की तैयारी: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की कोशिश सभी पंचायतों में सोलर प्लांट लगाने की है, जिससे पंचायत भवन के अलावा, पानी की सप्लाई में उपयोग होने वाली मोटर स्ट्रीट लाइट सौर ऊर्जा से चल सकें. इससे जहां प्रदेश में बिजली की खपत को कम होगी, वहीं पंचायतों पर बिजली भुगतान के रूप में पढ़ने वाले आर्थिक बोझ को कम किया जा सके. माना जा रहा है कि 2024 तक मध्य प्रदेश के करीब सवा करोड़ घरों को नल से जोड़ दिया जाएगा, जिससे बिजली बिल की खपत 2000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है. बताया जा रहा है मौजूदा समय में करीब 450 करोड रुपए से ज्यादा बिजली का बिल पंचायतों में आ रहा है, जिसका भुगतान पंचायतों की आर्थिक सेहत पर भारी साबित हो रहा है.(Water will be supplied by solar energy) इसको देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के साथ मिलकर पंचायतों में सोलर पैनल लगाने की रणनीति पर काम करना शुरू किया है. इसके लिए जिला पंचायत के माध्यम से पंचायतों से सोलर पैनल के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे, सोलर संयंत्र लगाने पर सरकार से पंचायतों को सब्सिडी भी दी जा रही है.

चंबल से ग्वालियर तक पानी लाने के प्रोजेक्ट पर संकट, साडा और जीडीए के इलाके को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नहीं किया जाएगा शामिल

खंडवा और खरगोन में किया जा चुका प्रयोग: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा खंडवा और खरगोन जिले के 11 ब्लॉक को सोलर ऊर्जा से रोशन किया गया है, जिसके बेहतर प्रणम सामने आए हैं. इन ब्लॉक के सभी हाट बाजार, जनपद पंचायत, पंचायत भवन और स्ट्रीट लाइट को सोलर ऊर्जा से रोशन किया जा रहा है, इस तरह पहले चरण में 714 पंचायतों को इस प्रोजेक्ट के तहत लिया गया, जहां बेहतर परिणाम सामने आए हैं.

भोपाल। बीजेपी सरकार की महत्वकांक्षी हर घर जल योजना के तहत गांव के एक-एक घर को नल से जोड़ने की योजना पर बिजली के बिल भारी पड़ सकता है, दरअसल इस योजना के तहत गांव के एक एक घर को पीने की नल से जोड़ा जा रहा है. घर-घर पानी सप्लाई के लिए पंचायतों कर बिजली के बिल भुगतान का भार बढ़ने वाला है. वर्तमान में करीब 450 करोड़ रुपए से ज्यादा बिजली का बिल पंचायतों में आ रहा है, जिसका भुगतान करने में पंचायतों के पसीने छूट रहे हैं और पंचायतों की हालत सबसे ज्यादा खराब है, जहां राजस्व प्राप्ति के कोई साधन उपलब्ध नहीं है. इसको देखते हुए अब पंचायतों में सोलर चैनल के माध्यम से जोड़ने की तैयारी की जा रही है.

सभी पंचायतों में सोलर पैनल लगाने की तैयारी: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की कोशिश सभी पंचायतों में सोलर प्लांट लगाने की है, जिससे पंचायत भवन के अलावा, पानी की सप्लाई में उपयोग होने वाली मोटर स्ट्रीट लाइट सौर ऊर्जा से चल सकें. इससे जहां प्रदेश में बिजली की खपत को कम होगी, वहीं पंचायतों पर बिजली भुगतान के रूप में पढ़ने वाले आर्थिक बोझ को कम किया जा सके. माना जा रहा है कि 2024 तक मध्य प्रदेश के करीब सवा करोड़ घरों को नल से जोड़ दिया जाएगा, जिससे बिजली बिल की खपत 2000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है. बताया जा रहा है मौजूदा समय में करीब 450 करोड रुपए से ज्यादा बिजली का बिल पंचायतों में आ रहा है, जिसका भुगतान पंचायतों की आर्थिक सेहत पर भारी साबित हो रहा है.(Water will be supplied by solar energy) इसको देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के साथ मिलकर पंचायतों में सोलर पैनल लगाने की रणनीति पर काम करना शुरू किया है. इसके लिए जिला पंचायत के माध्यम से पंचायतों से सोलर पैनल के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे, सोलर संयंत्र लगाने पर सरकार से पंचायतों को सब्सिडी भी दी जा रही है.

चंबल से ग्वालियर तक पानी लाने के प्रोजेक्ट पर संकट, साडा और जीडीए के इलाके को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नहीं किया जाएगा शामिल

खंडवा और खरगोन में किया जा चुका प्रयोग: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा खंडवा और खरगोन जिले के 11 ब्लॉक को सोलर ऊर्जा से रोशन किया गया है, जिसके बेहतर प्रणम सामने आए हैं. इन ब्लॉक के सभी हाट बाजार, जनपद पंचायत, पंचायत भवन और स्ट्रीट लाइट को सोलर ऊर्जा से रोशन किया जा रहा है, इस तरह पहले चरण में 714 पंचायतों को इस प्रोजेक्ट के तहत लिया गया, जहां बेहतर परिणाम सामने आए हैं.

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