भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पहली बार वॉटर विजन 2047 (Water Vision 2047) तैयार करने के लिये विभिन्न राज्यों के जल संसाधन एवं संबंधित विभागों के मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया जायेगा. यह आयोजन भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में 5 और 6 जनवरी को किया जाएगा. आयोजन की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने सोमवार को बताया कि सभी राज्यों के मंत्री पानी को लेकर आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालेंगे और अगले 25 साल के लिए रोड मैप तैयार करेंगे. इस सम्मेलन में पीएम मोदी वर्चुअली शामिल हो सकते हैं.
पहली बार हो रहा आयोजन: केंद्रीय मंत्री पटेल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इसके अलावा, देश की जल संकट की जांच के लिए एक प्लान तैयार किया जाएगा. भारत में पहली बार सभी राज्यों के जल संसाधन, जन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और सिंचाई मंत्री अखिल भारतीय सम्मेलन के लिए मिलेंगे. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सम्मेलन में भाग लेंगे. पटेल ने कहा कि सम्मेलन आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य जल दृष्टि 2047 पर राज्यों से इनपुट प्राप्त करना था. चुनौतियों के समाधान के लिए वाटर विजन जरूरी है. समस्याओं को चिन्हित करना और समाधान को सामने रखना है. चूंकि पानी राज्य का विषय है इसलिए सम्मेलन केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय बनाने का प्रयास करेगा.
अमृतकाल विजन का हिस्सा: केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री ने कहा कि गांवों में वॉटर सप्लाई यदि 30 साल तक है तो स्थाई स्त्रोत माना जाएगा.शुद्ध पानी के लिए जल एवं स्वच्छता समिति होगी ये पंचायत समिति से अलग बनेगी. ये नल-जल योजना के संचालन और संधारण का काम करेगी. ग्रे वाटर मैनेजमेंट पर अब एक्शन प्लान बनेगा. पटेल ने बताया कि वाटर विजन 2047 ये हमारे आजादी के अमृतकाल के विजन का हिस्सा है. इसकी शुरुआत के लिए पीएम ने दो रास्ते सुझाए 10 विभागों के सचिवों का एक समूह बनाया.
(PTI)