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ये सरकारी स्कूल दे सकता है किसी भी प्राइवेट स्कूल को मात, जनसहयोग से हुआ कायाकल्प

राजधानी के एक सरकारी स्कूल की व्यवस्थाएं किसी भी प्राइवेट स्कूल से बेहतर हैं. इसका श्रेय स्कूल हेडमास्टर सुभाष सक्सेना को जाता है, जिन्होंने जनसहयोग से इस सरकारी स्कूल की कायापलट कर दी है.

हेडमास्टर ने किया स्कूल का कायापलट
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Published : May 7, 2019, 3:33 PM IST

Updated : May 7, 2019, 7:23 PM IST

भोपाल। राजधानी का एक सरकारी स्कूल किसी भी प्राइवेट स्कूल का मुकाबला कर सकता है. सकारात्मक सोच और नए विचार के बल पर इस स्कूल के हेड मास्टर ने लोगों की मदद से स्कूल का कायाकल्प कर दिया है.

हेडमास्टर ने किया स्कूल का कायापलट

सूरज नगर का ये सरकारी स्कूल किसी छोटे प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर नजर आता है. यहां की बाउंड्री वॉल पर आदिवासी संस्कृति से जुड़े चित्र बनाए गए हैं. दीवारों के आसपास करीब 50 पौधे लगाए गए हैं. इस स्कूल में बच्चों के बैठने की बेहतर व्यवस्था है, लेकिन ये स्कूल पहले ऐसा नहीं था. हेड मास्टर सुभाष सक्सेना के 'एक मिनट रुक जा' जनसहयोग ने इस स्कूल को किसी भी प्राइवेट स्कूल से बेहतर बना दिया है.

हेडमास्टर सुभाष सक्सेना बताते हैं कि स्कूल में पहले कम्प्यूटर भी नहीं था, इसलिए वो खुद का कम्प्यूटर स्कूल लाते थे और दस-दस बच्चों को कम्प्यूटर चलाना सिखाते थे. उन्होंने बताया कि इस अभियान के जरिए कोई उन्हें आर्थिक रूप से मदद करता है, तो कोई किताबें जैसी जरूरी चीजे मुहैया करा कर मदद करता है.

भोपाल। राजधानी का एक सरकारी स्कूल किसी भी प्राइवेट स्कूल का मुकाबला कर सकता है. सकारात्मक सोच और नए विचार के बल पर इस स्कूल के हेड मास्टर ने लोगों की मदद से स्कूल का कायाकल्प कर दिया है.

हेडमास्टर ने किया स्कूल का कायापलट

सूरज नगर का ये सरकारी स्कूल किसी छोटे प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर नजर आता है. यहां की बाउंड्री वॉल पर आदिवासी संस्कृति से जुड़े चित्र बनाए गए हैं. दीवारों के आसपास करीब 50 पौधे लगाए गए हैं. इस स्कूल में बच्चों के बैठने की बेहतर व्यवस्था है, लेकिन ये स्कूल पहले ऐसा नहीं था. हेड मास्टर सुभाष सक्सेना के 'एक मिनट रुक जा' जनसहयोग ने इस स्कूल को किसी भी प्राइवेट स्कूल से बेहतर बना दिया है.

हेडमास्टर सुभाष सक्सेना बताते हैं कि स्कूल में पहले कम्प्यूटर भी नहीं था, इसलिए वो खुद का कम्प्यूटर स्कूल लाते थे और दस-दस बच्चों को कम्प्यूटर चलाना सिखाते थे. उन्होंने बताया कि इस अभियान के जरिए कोई उन्हें आर्थिक रूप से मदद करता है, तो कोई किताबें जैसी जरूरी चीजे मुहैया करा कर मदद करता है.

Intro:समय के साथ-साथ सरकारी स्कूल की व्यवस्थाएं भी बदल रही है जरूरत से सकारात्मक सोच और नए विचार की हेड मास्टर जी ने लोगों की मदद से स्कूल का कायाकल्प कर दिया बेहतर बैठक व्यवस्था और उत्कृष्ट बुनियादी सुविधा के साथ आधुनिक तरीके से शिक्षा देने का लिया संकल्प


Body:राजधानी के भदभदा क्षेत्र स्थित सूरज नगर के एक प्राइमरी स्कूल है लगभग आधा एकड़ में फैले स्कूल किसी छोटे प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर नजर आता है यहां की बाउंड्री वॉल पर आदिवासी संस्कृति से जुड़े चित्र बनाए गए हैं चार दीवार के आसपास करीब 50 पौधे रोपे गए हैं इस स्कूल में 9 कमरे हैं इनमें से 8 में 40000 की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं प्रत्येक कक्षा में ट्यूब लाइट और पंखे भी लगाए गए हैं करीब 250 विद्यार्थियों के स्कूल में पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है इस वजह से 50 बच्चे पांचवी क्लास में अच्छे नंबरों से पास हुए हैं विद्यालय के 3 साल से लोगों के सहयोग से इस विद्यालय को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं विद्यालय के हेड मास्टर सुभाष सक्सेना ने बताया कि बीते 3 साल से या लोगों के सहयोग से इस विद्यालय को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं पहले उन्होंने अपने एक माह की सैलरी स्कूल के लिए दी इसके बाद अन्य लोग भी आगे आए अब करीब 2 से 3 लॉक इस विद्यालय पर खर्च हो चुके हैं यहां कलेक्टर सुदाम खाडे जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र शर्मा समेत कई अधिकारियों ने भ्रमण किया और इस साल से नर्सरी kg1 kg2 की कक्षाएं भी प्रारंभ करने का कहा है इस स्कूल में नर्सरी से अंग्रेजी और पहली से कंप्यूटर शिक्षा दी जाएगी शिक्षकों का मानना है कि प्रतिस्पर्धा के युग में बच्चों को अंग्रेजी और कंप्यूटर का ज्ञान होना जरूरी है शहर में ऐसे और भी स्कूल है जिन्हें हेड मास्टर और बाहर वासियों के सहयोग से स्मार्ट बनाया जा रहा है

प्रधानाध्यापक सुभाष सक्सेना


Conclusion:राजधानी का सरदार वल्लभभाई शासकीय स्कूल प्राइवेट स्कूल से कई बेहतर इस स्कूल में छात्रों को न केवल अच्छी शिक्षा दी जाती है बल्कि प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर स्मार्ट क्लासेस कंप्यूटर क्लासेस समेत अन्य गतिविधियां भी सिखाई जाती है सरकारी स्कूल में स्कूल के गेट से हरे क्लास रूम में लगे कैमरे या बताते हैं किया सरकारी स्कूल किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है यहां के बच्चे कक्षा पहली से कंप्यूटर क्लासेस का लाभ ले रहे हैं साथ ही स्कूल में स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी सिखाई जाती है
Last Updated : May 7, 2019, 7:23 PM IST

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