भोपाल। भले ही रामचरित मानस तुलसीदास ने लिखी हो, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी लड़की से मिला रहे हैं, जिसने मिरर इमेज में रामचरित मानस को एक महीने में लिख डाला है. उनकी लिखावट को आमतौर पर सीधे नहीं, सिर्फ शीशे में ही पढ़ा जा सकता है. इसको हम दूसरी भाषा में रिवर्स राइटिंग भी कह सकते हैं. यह युवती है भोपाल में रहने वाली कनिष्का. जिन्हें बचपन से ही मिरर राइटिंग का शौक रहा है.
कनिष्का का अद्भुत हुनर
क्या आप ने कभी किसी को उलटे अक्षरों में किताबें लिखते हुए देखा है. लेकिन हम आपको मिलवाते हैं कनिष्का से जिसने रामचरित मानस को एक महीने में उल्टा लिखा है, और यदि आपको पढ़ना है तो उसके लिए आपको आईने की जरूरत पड़ेगी. कनिष्का को सीधे लिखने से ज्यादा गति उलटे अक्षरों की है. लिखने का अलग और अद्भुत हुनर है. यह हुनर है मिरर राइटिंग का. यह युवती भोपाल के कटारा हिल्स पर रहती है और लगभग सात साल की उम्र से रामचरित मानस को मिरर राइटिंग में लिख रही है.
किताब राम मंदिर में रखी जाने की इच्छा
यकीन करना मुश्किल होगा लेकिन आज हम आपको दिखाएंगे की युवती कैसे मिरर राइटिंग करती है. शब्दों की कारीगरी करने वाली कनिष्का का कहना है कि, ''मुझे ईश्वर से यह हुनर मिला है. मैं हनुमान और भगवान राम की भक्त हूं और अब मैं चाहती हूं कि जिस राम चरित मानस को मैंने रिवर्स में लिखा है उसको अलग पहचान मिले और वो अयोध्या के राम मंदिर के पास किसी म्यूजियम में रखा जाए. इससे हमारे जैसे कई लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.''
मिरर राइटिंग में राम चरित मानस
कनिष्का ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव से उनकी किताब को अयोध्या मंदिर में रखने की अपील की है. बता दें कि पिछले कई सालों से कनिष्का अपनी इस कला को पन्नों पर उकेर रही हैं. अपनी इस कला के कारण कनिष्का ने मात्र तीन साल में मिरर राइटिंग कर राम चरित मानस को लिखा है.