भोपाल। गैस कांड मामले में डाउ केमिकल कंपनी को भोपाल जिला अदालत ने समन जारी किया है. जिसमें मंगलवार को प्रस्तुत होना है. जिसकी तामील कराने में गैस पीड़ित संगठन अपनी सफलता मान रहे हैं. गैस पीड़ितों ने मांग की है कि CBI पिछले 22 सालों से एक भगोड़े अपराधी को शरण देने के लिए यूनियन कार्बाइड के मालिक अमरीकी डाउ केमिकल को ऐसी सजा दिलवाए, कि वह एक मिसाल बने.
36 साल में पहली बार कोई विदेशी देगा जवाब: 36 सालों में पहली बार कोई विदेशी आरोपी भोपाल गैस हादसे के आपराधिक मामले का जवाब देने के लिए अदालत में पेश होगा. अमरीकी सांसद के 12 सदस्यों द्वारा दिए गए समर्थन के कारण ही यह संभव हुआ है. भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्षा रशीदा बी ने कहा की "इससे इंसाफ की उम्मीद जगी है. भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव के अनुसार विश्व के सबसे बड़े औद्योगिक हादसे के लिए 1987 में सीबीआई ने यूनियन कार्बाइड पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया था. जिसमें 10 साल की सजा और जुर्माना का प्रावधान है. फरवरी 1992 में भोपाल जिला अदालत द्वारा यूनियन कार्बाइड को भगोड़ा अपराधी घोषित किया था. 2001 में यूनियन कार्बाइड को अधिग्रहित कर डाउ केमिकल ने भारतीय दंड संहिता की धारा 212 के तहत 3 साल की जेल और जुर्माने का अपराध किया. पिछले 18 साल में भोपाल जिला अदालत के 7 समन के बाद मंगलवार को वे पहली बार पेश होंगे."
भोपाल जिला कोर्ट में पेश होगी डाउ केमिकल कंपनी: सीबीआई ने पुष्टि की है कि यूनियन कार्बाइड के उत्तराधिकारी के रूप में डाउ केमिकल भोपाल जिला अदालत में हत्यारी कार्बाइड के खिलाफ लंबित आरोपों के लिए जवाबदेह है. वास्तव में मंगलवार को भोपाल अदालत में पेश होने वाली कंपनी दंड संहिता की धारा 107 के तहत अपराध के लिए उकसाने के आरोप के लिए भी जवाबदेह है. डाउ-कार्बाइड के खिलाफ बच्चों की नौशीन खान ने कहा की "कार्बाइड ने भारत में अपनी सम्पत्ति बेच दी है, लेकिन डाउ केमिकल के पास देश में पर्याप्त सम्पति है. भोपाल में जो अपराध हुआ है, वो कंपनियों के मुनाफे की हवस में इंसानी जान और सेहत के प्रति आपराधिक लापरवाही का है. औद्योगिक प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन दोनों कॉर्पोरेट अपराधों का प्रतीक है. सीबीआई को अब समझ लेना चाहिए कि अब से पूरी दुनिया इस हादसे के आपराधिक मामले पर नजर रखेगी. भोपाल गैस हादसे के आपराधिक मामले में सीबीआई के सहायता बतौर फरवरी 2004 में भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एंड एक्शन द्वारा दायर आवेदन का ही यह परिणाम है कि द डाउ केमिकल कम्पनी (TDCC)-यूएसए भोपाल जिला अदालत में पेश होगी.