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काली मिर्च में मिलावट कर किया 72 करोड़ का घोटाला, EOW ने शुरू की जांच - कई बिंदुओं पर जांच करेगा

EOW ने काली मिर्च में मिलावट करने वाली मुंबई की एक कंपनी नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. कंपनी पर आरोप है कि उसने काली मिर्च में मिलावट करके कुल 72 करोड़ रुपए का घोटाला किया है.

EOW भोपाल
कार्यालय EOW भोपाल
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Published : Jan 2, 2020, 7:35 PM IST

भोपाल। EOW ने काली मिर्च में मिलावट करने वाली कंपनी नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) मुंबई के सीईओ आर रामाशेषन के खिलाफ प्राथमिक जांच पंजीबद्ध की है. आरोप है कि काली मिर्च में मिलावट को लेकर इस कंपनी ने कुल 72 करोड़ का घोटाला किया है. संभवत ये पहली बार है कि, जब काली मिर्च में हुई आर्थिक अपराध की जांच EOW करेगा.

अब मिलावट मामले में जांच


मध्यप्रदेश EOW ने काली मिर्च में मिलावट को लेकर हुए 72 करोड़ के घोटाले में प्राथमिक जांच पंजीबद्ध की है. इस मामले में NCDEX के सीईओ आर रामाशेषन और अन्य को आरोपी बनाया है. NCDEX कंपनी खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की गारंटी लेता है और अलग-अलग ग्रेड तय कर गुणवत्ता का प्रमाण पत्र देता है. आरोप है कि 1729.91 टन मिलावटी काली मिर्च को ए ग्रेड का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया.


इस काली मिर्च में मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक जला हुआ ऑयल मिलाया गया था. कंपनियों ने जब ये मिलावटी काली मिर्च बेची तो कई कंपनियों के अरबों रुपए बाजार में फंस गए. इस मामले में बैतूल ऑयल लिमिटेड कंपनी के 72 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं बैतूल की इसी कंपनी ने EOW से इस मामले की शिकायत की है.


बता दें कि NCDEX सामग्री का मुख्य विक्रेता है. NCDEX से खरीदी जाने वाली सामग्री उच्च गुणवत्ता की होने की गारंटी प्रबंधन लेता है. इसकी विश्वसनीयता के कारण ही देशभर की कंपनियां और सरकारें NCDEX की वेबसाइट से ऑक्शन दरों पर सामग्री खरीदते हैं. बताया जा रहा है कि, इस मामले में पहले भी केरल सरकार ने जांच करवाई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब EOW इस मामले में हुए भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी सहित कई बिंदुओं पर जांच करेगा. माना जा रहा है कि जल्द ही EOW इसमें एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी करेगा.

भोपाल। EOW ने काली मिर्च में मिलावट करने वाली कंपनी नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) मुंबई के सीईओ आर रामाशेषन के खिलाफ प्राथमिक जांच पंजीबद्ध की है. आरोप है कि काली मिर्च में मिलावट को लेकर इस कंपनी ने कुल 72 करोड़ का घोटाला किया है. संभवत ये पहली बार है कि, जब काली मिर्च में हुई आर्थिक अपराध की जांच EOW करेगा.

अब मिलावट मामले में जांच


मध्यप्रदेश EOW ने काली मिर्च में मिलावट को लेकर हुए 72 करोड़ के घोटाले में प्राथमिक जांच पंजीबद्ध की है. इस मामले में NCDEX के सीईओ आर रामाशेषन और अन्य को आरोपी बनाया है. NCDEX कंपनी खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की गारंटी लेता है और अलग-अलग ग्रेड तय कर गुणवत्ता का प्रमाण पत्र देता है. आरोप है कि 1729.91 टन मिलावटी काली मिर्च को ए ग्रेड का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया.


इस काली मिर्च में मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक जला हुआ ऑयल मिलाया गया था. कंपनियों ने जब ये मिलावटी काली मिर्च बेची तो कई कंपनियों के अरबों रुपए बाजार में फंस गए. इस मामले में बैतूल ऑयल लिमिटेड कंपनी के 72 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं बैतूल की इसी कंपनी ने EOW से इस मामले की शिकायत की है.


बता दें कि NCDEX सामग्री का मुख्य विक्रेता है. NCDEX से खरीदी जाने वाली सामग्री उच्च गुणवत्ता की होने की गारंटी प्रबंधन लेता है. इसकी विश्वसनीयता के कारण ही देशभर की कंपनियां और सरकारें NCDEX की वेबसाइट से ऑक्शन दरों पर सामग्री खरीदते हैं. बताया जा रहा है कि, इस मामले में पहले भी केरल सरकार ने जांच करवाई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब EOW इस मामले में हुए भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी सहित कई बिंदुओं पर जांच करेगा. माना जा रहा है कि जल्द ही EOW इसमें एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी करेगा.

Intro:भोपाल- इओडब्ल्यू ने काली मिर्च में मिलावट करने वाली कंपनी नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज यानी कि एनसीडीईएक्स मुंबई के सीईओ आर रामाशेषन के खिलाफ प्राथमिक जांच पंजीबद्ध की है। आरोप है कि काली मिर्च मैं मिलावट को लेकर इस कंपनी ने कुल 72 करोड़ का घोटाला किया है। संभवत यह पहली बार है कि जब काली मिर्च में हुई आर्थिक अपराध की जांच ईओडब्ल्यू करेगा।


Body:मध्य प्रदेश इओडब्ल्यू ने काली मिर्च मैं मिलावट को लेकर हुए 72 करोड़ के घोटाले में प्राथमिक जांच पंजीबद्ध की है। इस मामले में एनसीडीईएक्स के सीईओ आर रामाशेषन और अन्य को आरोपी बनाया है। एनसीडीईएक्स कंपनी खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की गारंटी लेता है और अलग-अलग ग्रेड तय कर गुणवत्ता प्रमाण पत्र देता है। आरोप है कि 1729.91 टन मिलावटी काली मिर्च को ए ग्रेड गका प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इस काली मिर्च में मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक जला हुआ ऑयल मिलाया गया था। कंपनियों ने जब यह मिलावटी काली मिर्च बेची तो कई कंपनियों के अरबों रुपए बाजार में फंस गए। इस मामले में बेतूल ऑयल लिमिटेड कंपनी के 72 करोड रुपए फंसे हुए। बैतूल की इसी कंपनी ने इओडब्ल्यू से इस मामले की शिकायत की है।


Conclusion:बता दें कि एनसीडीईएक्स सामग्री का मुख्य विक्रेता है एनसीडीईएक्स से खरीदी जाने वाली सामग्री उच्च गुणवत्ता की होने की गारंटी प्रबंधन लेता है। इसकी विश्वसनीयता के कारण ही देश भर की कंपनियां और सरकारें एनसीडीईएक्स की वेबसाइट से ऑक्शन दरों पर सामग्री खरीदते हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में पहले भी केरल सरकार ने जांच करवाई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई अब ईओडब्ल्यू इस मामले में हुए भ्रष्टाचार धोखाधड़ी सहित कई बिंदुओं पर जांच करेगा। माना जा रहा है कि जल्द ही ईओडब्ल्यू इसमें एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी करेगा।
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