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MP के 4 युवकों ने ढूंढ़ी गूगल की 500 से अधिक कमियां, मिले 162 करोड़ रुपये

यदि आप किसी की गलती बताएं तो शायद वो नाराज हो जाएगा, लेकिन 4 इंजीनियरिंग स्टूडेंट ने गूगल की 500 से अधिक खामियों को ढूंढा तो उन्हें बदले में 162 करोड़ रुपए मिल गए. यह कहानी है भोपाल के इंजीनियरिंग कॉलेज मैनिट से पढ़े हुए उन 4 स्टूडेंट की, जो इन दिनों इंदौर में अपनी कंपनी चला रहे हैं. एक साल पहले भी यह लोग गूगल की खामियों को ढूंढकर करोड़ाे रुपए कमा चुके हैं.

Google Bugs Expert Story
गूगल खामियां ढूंढने पर करोड़ों की पुरुस्कार राशि
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Published : Feb 24, 2023, 5:19 PM IST

Updated : Feb 24, 2023, 5:30 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के मैनिट इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक (Bachelor of Technology) तक की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 2021 में अपनी कंपनी शुरू करने वाले चार युवक अब करोड़ पति बन गए हैं. इन चारों ने बस एक ही काम किया गूगल की गलतियों को ढूंढना. खामियां ढूंढकर इन्होंने थोड़े बहुत नहीं, बल्कि अब तक 162 करोड़ रुपए कमा लिए हैं. ठीक एक साल पहले भी इन्हें खामियां ढूंढने के बदले गूगल ने 66 करोड़ रुपए दिए थे. इस साल इन्हें 96 करोड़ रुपए मिलेंगे. इनमें से कंपनी के खास सदस्य अमन पांडेय ने बताया कि इंदौर में बग्समिरर नाम की कंपनी शुरू की थी.

खुद गूगल ने की घोषणा: अमन पांडेय ने बताया कि, पहली बार हमने 300 गलतियां ढूंढी थी. करीब 66 करोड़ रुपए का इनाम फरवरी 2022 में दिया. इस साल 200 से अधिक गलतियों को ढूंढा है तो उन्हें 96 करोड़ रुपए मिलेंगे. इसकी घोषणा खुद गूगल ने अपने ब्लॉग गूगल सिक्योरिटी ब्लॉग पर की है. इस टीम में अमन पांडेय के अलावा उदय शंकर, बृजेश और मानस जैन शामिल हैं.

कॉलेज में पढ़ते समय शुरू कर दिया बग्स तलाशना: टीम के सदस्य उदय शंकर ने बताया कि, जब वे मैनिट में पढ़ाई कर रहे थे तो उन्होंने वर्ष 2019 में ही बग्स पर काम शुरू कर दिया था. वर्ष 2021 में उनका बीटेक कंप्लीट होते ही उन्होंने जनवरी 2021 में कंपनी रजिस्टर्ड करवा ली. प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया. फरवरी 2022 में उन्हें 300 खामियां ढूंढने पर 66 करोड़ रुपए प्रोजेक्ट के लिए मिले. उन्होंने बताया कि हमारी टीम के सभी सदस्य एमपी के बाहर से हैं. उदयशंकर खुद आंध्रप्रदेश के रहने वाले हैं तो अमन पांडेय झारखंड, मानस जैन राजस्थान और बृजेश गोरखपुर उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं. इनमें से अमन ने 12वीं तक की पढ़ाई बोकारो से की है और फिर भोपाल आ गए. अभी भी वे गूगल के सिक्योरटी प्रोग्राम में सबसे बड़े कॉन्ट्रिब्यूटर रहे. गूगल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, 'अमन पांडेय पिछले साल टॉप-रिसर्चर रहे. इनके यहां कुल 15 लोगों का स्टॉफ है. इनमें सभी 25 साल से कम उम्र के हैं. अमन का कहना है कि हम खुद ही बच्चों को ट्रेंड करते हैं

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गूगल खामियां ढूंढने वाले को देता है अवार्ड मनी: अमन, उदय की कंपनी बग्स मिरर एंड्रॉइड वल्नरेबिलिटी रिवॉर्ड प्रोग्राम (वीआरपी) के लिए 280 से ज्यादा वल्नरेबिलिटी के बारे में रिपोर्ट कर चुके हैं. इसके अलावा इनकी कंपनी बग्स मिरर गूगल, एप्पल और अन्य कंपनियों को उनके सिक्योरिटी सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करती है. चूंकि इन्हें पता था कि, गूगल खामियां ढूंढने के बदले राशि देता है, इसलिए इन्होंने इसी पर पूरा फोकस किया.

भोपाल। राजधानी भोपाल के मैनिट इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक (Bachelor of Technology) तक की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 2021 में अपनी कंपनी शुरू करने वाले चार युवक अब करोड़ पति बन गए हैं. इन चारों ने बस एक ही काम किया गूगल की गलतियों को ढूंढना. खामियां ढूंढकर इन्होंने थोड़े बहुत नहीं, बल्कि अब तक 162 करोड़ रुपए कमा लिए हैं. ठीक एक साल पहले भी इन्हें खामियां ढूंढने के बदले गूगल ने 66 करोड़ रुपए दिए थे. इस साल इन्हें 96 करोड़ रुपए मिलेंगे. इनमें से कंपनी के खास सदस्य अमन पांडेय ने बताया कि इंदौर में बग्समिरर नाम की कंपनी शुरू की थी.

खुद गूगल ने की घोषणा: अमन पांडेय ने बताया कि, पहली बार हमने 300 गलतियां ढूंढी थी. करीब 66 करोड़ रुपए का इनाम फरवरी 2022 में दिया. इस साल 200 से अधिक गलतियों को ढूंढा है तो उन्हें 96 करोड़ रुपए मिलेंगे. इसकी घोषणा खुद गूगल ने अपने ब्लॉग गूगल सिक्योरिटी ब्लॉग पर की है. इस टीम में अमन पांडेय के अलावा उदय शंकर, बृजेश और मानस जैन शामिल हैं.

कॉलेज में पढ़ते समय शुरू कर दिया बग्स तलाशना: टीम के सदस्य उदय शंकर ने बताया कि, जब वे मैनिट में पढ़ाई कर रहे थे तो उन्होंने वर्ष 2019 में ही बग्स पर काम शुरू कर दिया था. वर्ष 2021 में उनका बीटेक कंप्लीट होते ही उन्होंने जनवरी 2021 में कंपनी रजिस्टर्ड करवा ली. प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया. फरवरी 2022 में उन्हें 300 खामियां ढूंढने पर 66 करोड़ रुपए प्रोजेक्ट के लिए मिले. उन्होंने बताया कि हमारी टीम के सभी सदस्य एमपी के बाहर से हैं. उदयशंकर खुद आंध्रप्रदेश के रहने वाले हैं तो अमन पांडेय झारखंड, मानस जैन राजस्थान और बृजेश गोरखपुर उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं. इनमें से अमन ने 12वीं तक की पढ़ाई बोकारो से की है और फिर भोपाल आ गए. अभी भी वे गूगल के सिक्योरटी प्रोग्राम में सबसे बड़े कॉन्ट्रिब्यूटर रहे. गूगल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, 'अमन पांडेय पिछले साल टॉप-रिसर्चर रहे. इनके यहां कुल 15 लोगों का स्टॉफ है. इनमें सभी 25 साल से कम उम्र के हैं. अमन का कहना है कि हम खुद ही बच्चों को ट्रेंड करते हैं

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Last Updated : Feb 24, 2023, 5:30 PM IST
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