भोपाल। एक कहावत है मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसले से उड़ान होती है. इस कहावत को सच कर दिखा रहे हैं दिव्यांग खिलाड़ी (Divyang Cricket Tournament in Bhopal). अगर ईश्वर आपसे कुछ छीन लेता है तो कुछ देता भी है, ऐसे में इन खिलाड़ी दिव्यांग खिलाड़ियों के अंदर खेल भावना की मिसाल देखते बनती है. दिव्यांग खिलाड़ियों के व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ आज रविवार को भोपाल के ओल्ड कैंपियन मैदान पर किया गया. इस टूर्नामेंट में देश भर से दिव्यांग खिलाड़ी आये हुए है.
खिलाड़ियों को फाइनेंशियल सपोर्ट की आस: टूर्नामेंट का पहला मैच एमपी और उड़ीसा की टीमों के बीच खेला गया, जिसे मध्य प्रदेश की टीम ने 9 विकेट से जीत (Madhya Pradesh beat Odisha) लिया, ईश्वरी प्रसाद को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया. मध्य प्रदेश टीम के कप्तान शैलेंद्र बताते हैं कि इस खेल के लिए ज्यादा मेहनत करते हैं, क्योंकि इसमें बैलेंस बनाने के साथ ही संभलना पड़ता है. खिलाड़ी दीपक शर्मा कहते हैं कि अगर इस खेल में फाइनेंशियल सपोर्ट मिल जाए तो निश्चित ही खिलाड़ी और आगे आ सकते हैं, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेल खेला जाता है, ईश्वरी प्रसाद का कहना है कि भले ही यह दिव्यांग हैं लेकिन इनका जोश आज भी हर सामान्य खिलाड़ी की तरह है.
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प्रतिभा को मंच प्रदान करना सबसे महत्वपूर्ण: इस राष्ट्रीय टूर्नामेंट की आयोजक दीपती पटवा और एसोसिएशन की को-फाउंडर गजल खान कहती हैं कि इन खिलाड़ियों में भी बहुत प्रतिभा है, लेकिन उस प्रतिभा को मंच प्रदान करना सबसे महत्वपूर्ण है और उससे भी ज्यादा इनके जज्बातों और जोश को बरकरार रखना. इसमें 6 टीमों ने हिस्सा लिया है, उसमें मेजबान मध्यप्रदेश के साथ उड़ीसा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की टीम शामिल हैं. दिव्यांगों के इस व्हीलचेयर क्रिकेट में पिच की दूरी भी कम रखी जाती है, जबकि ग्राउंड का एरिया भी कम होता है, वहीं 15-15 ओवर का एक मैच खेला जा रहा है.