भोपाल। जिला न्यायालय ने आज मानहानि के मामले में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को जमानत दे दी. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का आरोप लगाया था. विष्णु दत्त शर्मा का आरोप था कि दिग्विजय सिंह ने 4 जुलाई 2014 को इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के सामने उनके खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके द्वारा व्यापमं घोटाले में बिचौलिए का काम किया गया.
दिग्विजय पर 2022 में दर्ज हुआ था केसः जिस समय यह आरोप लगाए गए थे, उस समय विष्णु दत्त शर्मा एबीवीपी के महामंत्री थे. इससे उनकी छवि आम लोगों में धूमिल हुई है. कोर्ट ने 5 दिसंबर 2022 को धारा 500 के तहत दिग्विजय सिंह पर केस दर्ज किया है. इसके पहले पेशी में दिग्विजय सिंह के न पहुंचने पर न्यायालय में उन्हें नोटिस जारी किया था. इसके तहत उन्हें 3 फरवरी को न्यायालय में उपस्थित होना था. राज्यसभा का सत्र चलने की वजह से वह आज न्यायालय में उपस्थित हुए, जहां से उन्हें जमानत दे दी गई है. स्पेशल जज से जमानत मिलने के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरे ऊपर चार राज्यों में मानहानि के मुकदमे चल रहे हैं.इनके पास इसके अलावा कुछ बचा नहीं है. इसलिए मैंने अपनी जमानत करा ली है. उन्होंने बताया कि बहुत सारी चिट्ठीयां 2014-15 में लिखी थीं. जिनमें अब मामले दर्ज हुए हैं. इस प्रकरण में हमने जो सीबीआई जांच की मांग की थी. वह सब स्वीकार हुई हैं.
भाजपा के वीडी शर्मा ने दायर किया था केसः इस पूरे मामले में कई लोग ऐसे हैं, जो कि आरोपी हैं, एक्यूज है. इसके बावजूद उन्हें शिवराज सरकार ने आज तक हटाया नहीं है. अभी भी सरकारी मकानों में रह रहे हैं. यह सब शिवराज सरकार और उनके दलालों की मिलीभगत है, जिन्होंने इस प्रदेश को केवल लूटा है. मानहानि मामले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को भोपाल की जिला कोर्ट से जमानत मिल गई है. अब 20 मार्च को इस पूरे मामले की अगली सुनवाई होगी. आपको बता दें कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के खिलाफ दिए गए एक बयान के बाद वीडी शर्मा ने भोपाल की जिला अदालत में दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. जिस पर कोर्ट ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था. शुक्रवार को कोर्ट में पेश होना था. वे किसी वजह से कल की बजाय आज कोर्ट में पेश हो सके. कोर्ट ने दिग्विजय के वकीलों की अपील पर जमानत मंजूर की है. जमानत के बाद दिग्विजय सिंह ने इस पूरे मामले को फर्जी करार देते हुए व्यापमं के सही आरोपियों को सजा देने की मांग की है.