भोपाल। राजधानी पुलिस द्वारा ऐसे तीन लोगों को को पकड़ा गया है जो कि बल्क में नकली सिम राजस्थान और मध्यप्रदेश के अपराधियों को उपलब्ध कराते थे. यह लोग सिम लेने आए ग्राहक के पहचान पत्र का उपयोग कर उसके नाम से कई सिमे एक्टिवेट कर लेते थे और अपराधियों को सिमे उपलब्ध कराते थे, फिलहाल अब पुलिस ने इन्हें मध्यप्रदेश के सीधी और सिंगरौली से गिरफ्तार किया है. दरसअल इस पूरे मामले में भोपाल के एक युवक को इन्हीं में से एक सिम से धर्मांतरण के लिए फोन किया गया था और धमकी दी गई थी.
जानिए क्या है पूरा मामला: कुछ दिन पहले राजधानी भोपाल के कोतवाली थाना क्षेत्र के गुर्जर पुरा में रहने वाले नीरज सोनी को एक अज्ञात मोबाइल नंबर 8305083019 से फोन आता है. नीरज को धर्म परिवर्तन करने की धमकी दी जाती है. जिस नंबर से फरियादी को फोन किया जाता है, उसकी लोकेशन राजस्थान भरतपुर के नजदीक आती है. टीम रवाना होकर भरतपुर में उस अज्ञात नंबर की लोकेशन पर आरोपी को तलाश करती है, लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाती है. बाद में मोबाइल नंबर की तलाश के लिए टीम सीधी सिंगरौली रवाना होती है, जहां एक कैफे चालक प्रवेश निवासी अंबेडकर वार्ड थाना सरई जिला सिंगरौली के पास नंबर मिलता है. जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ करती है तो वह बताता है कि उसने ब्रजेश से एक ही सिम कार्ड लिया है.
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ऐसे बेचते थे सिम: इस संबंध में बृजेश को तलब कर पुलिस ने पूछताछ की गई तो बृजेश (निवासी-घुरबधा थाना भूईमाड़, जिला- -सीधी) के द्वारा जानकारी दी गई. "मेरे पास JIO तथा VI की एजेंट आईडी है, जिससे जब कोई कस्टमर VI सिम उपलब्ध कराने आता है तो मैं कस्टमर का फिंगर दूसरी बार लगवाकर साथ ही एक JIO की सिम एक्टिवेट कर लेता था. JIO की एक्टिवेट की गई सिम को मैं अवैध लाभ कमाने के लिए अनिल जायसवाल, नितिन गुप्ता एवं रमेश को बेच देता था. अनिल जायसवाल, नितिन गुप्ता एवं रमेश पीओएस एजेंट है, जो फर्जी तरीके से एक्टिवेट किए गए सिम को बल्क में राजस्थान व अन्य राज्यों के आरापियों को बेच देते है, इन सिमों को उपयोग साइबर अपराध व अन्य अपराधों में किया जाता है."