भोपाल। क्राइम ब्रांच ने नकली पुलिस बनकर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को दबोचा है उन्होंने महाराष्ट्र राजस्थान उत्तरप्रदेश व दिल्ली में वारदातों को अंजाम दिया है. आरोपियों ने भोपाल से 600 किलोमीटर दूर वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस ने इस पूरे मामले में तीनों आरोपियों और 11 लाख रुपए नगद सहित वारदात में इस्तेमाल की गई गाड़ी जयपुर पुलिस को सुपुर्द कर दिया है.
ये था पूरा मामला: भोपाल में क्राइम ब्रांच अतिरिक्त उपायुक्त शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि गुजरात के रहने वाले विपुल भाई ने थाना कोतवाली उत्तर जयपुर राजस्थान शिकायत की थी. फरियादी अपने बैग में 20 लाख रुपये लेकर कहीं जा रहा था. आरोपियों ने अपने आप को पुलिसकर्मी होने का परिचय देते हुए ड्रग्स चेकिंग के नाम पर युवक का बैग चेक किया. आरोपियों ने पीड़ित से अपने मालिक को बुलाने के लिये कहा तो वह मालिक को फोन करने लगा. उसी समय मौका पाकर दोनों युवक बैग लेकर भाग गए. बैग में 20 लाख रुपये रखे हुए थे. फरियादी ने दो बाइक पर चार व्यक्तियों भागते हुये देखने के बाद जयपुर पुलिस से शिकायत की.
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सीसीटीवी फुटेज से हुई पहचान: जयपुर पुलिस ने घटना एवं घटना के बाद आरोपियों के भागने के फुटेज सभी राज्यों की पुलिस को भेजे. गये फुटेजों को देखने के बाद संदेही की पहचान भोपाल के ईरानी डेरे में रहने वाले कासिम के रूप में हुई. क्राइम ब्रांच ने मुखबिर के जरिए तस्दीक की इसमें पता चला कि कासिम बाहर कहीं कोई बड़ी घटना करके आया है जिसके साथ बाहर के दो लोग देखे गये हैं. उनके पास से उत्तर प्रदेश का एक वाहन भी है. इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने हाथीखाना तलैया स्थित मकान पर दबिश दी. जहां से कासिम कामरान तथा नदीम वेग निवासी बरौन फर्रुखाबाद को पकड़ा गया. जिनसे पूछताछ करने पर जयपुर में नकली पुलिस बनकर 20 लाख की ठगी की घटना को करना स्वीकार कर लिया. उनके पास से नगदी 11 लाख रुपये नगद व एक चार पहिया वाहन बरामद किया गया है.