भोपाल। घर में बच्चा होने पर किन्नर आकर नाच-गाना करते हैं. लेकिन भोपाल में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी ने स्वयं किन्नरों को बुलाया और उनके लिए भोज का आयोजन किया. भोपाल के दीपक सिंह ने अपने बेटे के पैदा होने पर यह आयोजन किया. दीपक ने भोपाल के लगभग 200 से अधिक किन्नरों को भोज में बुलाया. वे भी नाच-गाकर दीपक की खुशी में शामिल हुए. इनका कहना था कि ऐसा सम्मान पहली बार मिल रहा है और उन्हें उम्मीद है कि इससे लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी.
किन्नरों के लिए विशेष आयोजन
भोपाल में एक दंपति ने बेटा पैदा होने पर किन्नरों के लिए भोज का आयोजन किया. दीपक सिंह की पत्नी आशा जब 6 महीने की गर्भवती थीं, तब उन्हें कोरोना हुआ था. ठीक होने के बाद आशा ने बेटे काे जन्म दिया. तब कोरोना के कारण किन्नर बधाई गाने नहीं आ पाए थे. इसलिए अब दीपक ने उनके लिए विशेष कार्यक्रम किया. जिसमें भोपाल के चारों स्थान मंगलवारा, बुधवारा, इतवारा और अहमदपुर में रहने वाले किन्नर समुदाय के लोगों को बुलाया गया. किन्नरों ने इनकी भावनाओं का मान रखा और आयोजन में बड़ी संख्या में पहुंचे. उनका कहना था कि ऐसे सम्मान पाकर बड़ा अच्छा लग रहा है, इससे लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी.
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किन्नरों को समाज में उचित स्थान देने के लिए पहल
दीपक और आशा ने बताया कि 'सदियों से हम देखते आ रहे हैं कि किन्नर समुदाय हर खुशी के मौके पर समाज को दुआएं देता है, गाना-बजाना भी करता है. लेकिन किन्नरों के लिए समाज की ओर से अब तक ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है. हम उन्हें समाज में और उचित स्थान देने के लिए यह आयोजन कर रहे हैं.' इधर कार्यक्रम में पहुंचे किन्नरों ने अपने अंदाज में दीपक और आशा के बच्चों को बधाई दी.