ETV Bharat / state

Congress Allegations BJP: आदिवासी पंचायत प्रतिनिधियों की ट्रेनिंग के नाम पर 8.42 करोड़ की गडबडी, कांग्रेस का आरोप- शिवराज सरकार ने केंद्र को भेजा फर्जी सर्टिफिकेट - कांग्रेस का शिवराज सरकार पर आरोप

कांग्रेस ने मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पर पंचायती राज निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के नाम पर 8 करोड़ 42 लाख रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

Corruption in training of tribal panchayat
आदिवासी पंचायत प्रतिनिधि ट्रेनिंग में भ्रष्टाचार
author img

By

Published : Jul 17, 2023, 4:43 PM IST

Updated : Jul 17, 2023, 4:54 PM IST

कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने लगाए आरोप

भोपाल। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ''भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने साल 2019 में मध्यप्रदेश के आदिवासी वर्ग के पंचायती राज निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के सभी जिलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने हेतु 8 करोड़ 42 लाख की राशि आवंटित की थी. लेकिन यह प्रशिक्षण सभी जिलों में न कराकर सिर्फ तीन जिलों सिवनी, बड़वानी और धार में कराने का निर्णय लिया गया. बाद में यह प्रशिक्षण सिर्फ कागजों पर कर दिया गया.'' कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ''पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने अवैधानिक तरीके से इसका प्रशासकीय अनुमोदन किया था.''

Corruption in training of tribal panchayat
कांग्रेस ने लगाए शिवराज सरकार पर आरोप

सभी 52 जिलों में होना था प्रशिक्षण: कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा और आरटीआई सेल के अध्यक्ष पुनीत टंडन ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर आरोप लगाया कि ''भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय की योजना के इंप्लीमेंटेशन में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता. केंद्र सरकार द्वारा 'ट्राइबल सब स्कीम' के तहत 8 करोड़ 42 लाख रुपए की राशि मध्यप्रदेश को आवंटित की गई थी. इस राशि का उपयोग प्रदेश के सभी 52 जिलों के आदिवासी पंचायती राज निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण पर खर्च होना था.''

Corruption in training of tribal panchayat
आदिवासी पंचायत प्रतिनिधि ट्रेनिंग में भ्रष्टाचार
Congress Allegations BJP
ट्राइबल सब स्कीम

तीन जिलों में करवाई ट्रेनिंग: केके मिश्रा ने कहा कि ''केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में 12 मार्च 2020 को पत्र जारी किया गया था. लेकिन महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास के संचालक और पंचायत राज संस्थान जबलपुर के प्रस्ताव पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने सीधे नोट शीट तैयार कर सिर्फ सिव, धार और बड़वानी में ट्रेनिंग पर 8.42 करोड की राशि खर्च करने की नोटशीट पर अपना अनुमोदन दे दिया.'' कांग्रेस ने कहा ''सामान्य प्रोटोकॉल प्रोसीजर और परंपरा के अनुसार, किसी भी प्रकरण की प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव मंत्रालय के माध्यम से ही प्राप्त होने पर प्रशासकीय स्वीकृति दी जाती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया.''

Also Read: इन खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें

फर्जी उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजा दिल्ली: कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि ''केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई राशि के उपयोग में भ्रष्टाचार के लिए जहां पहले 52 जिलों में ट्रेनिंग ना कराकर 3 जिलों में ट्रेनिंग कराने का प्रस्ताव तैयार कराया गया. बाद में यह ट्रेनिंग सिर्फ कागजों पर ही हो गई. ट्रेनिंग प्रोग्राम में गड़बड़ियों की शिकायत के बाद जब विभाग ने मामले की जांच कराई तो इन जिलों में कोई भी ट्रेनिंग होना नहीं पाया गया.'' कांग्रेस का कहना है कि ''इस मामले में सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है की विभाग ने राशि खर्च करने के पहले ही जुलाई 2021 में भारत सरकार को राशि के पूर्ण उपयोग का फर्जी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेज दिया. इस तरह केंद्र सरकार के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखा दिया गया.''

कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने लगाए आरोप

भोपाल। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ''भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने साल 2019 में मध्यप्रदेश के आदिवासी वर्ग के पंचायती राज निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के सभी जिलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने हेतु 8 करोड़ 42 लाख की राशि आवंटित की थी. लेकिन यह प्रशिक्षण सभी जिलों में न कराकर सिर्फ तीन जिलों सिवनी, बड़वानी और धार में कराने का निर्णय लिया गया. बाद में यह प्रशिक्षण सिर्फ कागजों पर कर दिया गया.'' कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ''पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने अवैधानिक तरीके से इसका प्रशासकीय अनुमोदन किया था.''

Corruption in training of tribal panchayat
कांग्रेस ने लगाए शिवराज सरकार पर आरोप

सभी 52 जिलों में होना था प्रशिक्षण: कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा और आरटीआई सेल के अध्यक्ष पुनीत टंडन ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर आरोप लगाया कि ''भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय की योजना के इंप्लीमेंटेशन में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता. केंद्र सरकार द्वारा 'ट्राइबल सब स्कीम' के तहत 8 करोड़ 42 लाख रुपए की राशि मध्यप्रदेश को आवंटित की गई थी. इस राशि का उपयोग प्रदेश के सभी 52 जिलों के आदिवासी पंचायती राज निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण पर खर्च होना था.''

Corruption in training of tribal panchayat
आदिवासी पंचायत प्रतिनिधि ट्रेनिंग में भ्रष्टाचार
Congress Allegations BJP
ट्राइबल सब स्कीम

तीन जिलों में करवाई ट्रेनिंग: केके मिश्रा ने कहा कि ''केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में 12 मार्च 2020 को पत्र जारी किया गया था. लेकिन महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास के संचालक और पंचायत राज संस्थान जबलपुर के प्रस्ताव पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने सीधे नोट शीट तैयार कर सिर्फ सिव, धार और बड़वानी में ट्रेनिंग पर 8.42 करोड की राशि खर्च करने की नोटशीट पर अपना अनुमोदन दे दिया.'' कांग्रेस ने कहा ''सामान्य प्रोटोकॉल प्रोसीजर और परंपरा के अनुसार, किसी भी प्रकरण की प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव मंत्रालय के माध्यम से ही प्राप्त होने पर प्रशासकीय स्वीकृति दी जाती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया.''

Also Read: इन खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें

फर्जी उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजा दिल्ली: कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि ''केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई राशि के उपयोग में भ्रष्टाचार के लिए जहां पहले 52 जिलों में ट्रेनिंग ना कराकर 3 जिलों में ट्रेनिंग कराने का प्रस्ताव तैयार कराया गया. बाद में यह ट्रेनिंग सिर्फ कागजों पर ही हो गई. ट्रेनिंग प्रोग्राम में गड़बड़ियों की शिकायत के बाद जब विभाग ने मामले की जांच कराई तो इन जिलों में कोई भी ट्रेनिंग होना नहीं पाया गया.'' कांग्रेस का कहना है कि ''इस मामले में सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है की विभाग ने राशि खर्च करने के पहले ही जुलाई 2021 में भारत सरकार को राशि के पूर्ण उपयोग का फर्जी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेज दिया. इस तरह केंद्र सरकार के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखा दिया गया.''

Last Updated : Jul 17, 2023, 4:54 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.