भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस प्रदेश की शिवराज सरकार को भ्रष्टाचार के आरोपों में घेरने में जुटी हुई है. कांग्रेस ने आजीविका मिशन में करोड़ों के घोटाले को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस और ग्रामीण अजीविका मिशन के सीईओ एलएम बेलवाल के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई है. रतलाम से पूर्व विधायक पारस सकलेचा के साथ पूर्व मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण यादव लोकायुक्त कार्यालय पहुंचे.
पोषण आहार में 500 करोड़ का घोटाला: लोकायुक्त में शिकायत के बाद कांग्रेस ने सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर जमकर हमला बोला. कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुए राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि ''सीएजी की रिपोर्ट में पोषण आहार में 500 करोड़ का घोटाला सामने आया था. रिपोर्ट में इस पूरे मामले की प्रदेश भर में जांच कराने के लिए भी कहा गया था, लेकिन शिवराज सरकार ने इसको लेकर कोई जांच ही नहीं कराई.''
विवेक तन्खा बोले-सिर्फ एक हफ्ता इंतजार: सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि ''प्रदेश के इतिहास में ऐसा समय नहीं आया कि किसी को भी लोकायुक्त में जाकर शिकायत देनी पड़ी हो.'' उन्होंने कहा कि ''इकबाल सिंह बैस 2014 में मुख्यमंत्री के सचिव बने थे. 2017 के बाद उन्होंने एलएम बेलकाल को ग्रामीण आजीविका मिशन का सीईओ बनाया, जो पोषण आहार का काम भी देखता था. यह व्यवस्था 2018 तक चलती रही. 2018 में वे रिटायर्ड हो गए. कमलनाथ सरकार के समय गड़बडी की आशंकाओं को देखते हुए पोषण आहार का काम सभी 7 कंपनियों से वापस ले लिया था. लेकिन कांग्रेस सरकार के जाने के बाद एलएम बेलवाल को प्रतिनियुक्ति पर फिर सीईओ बना दिया गया.''
जांच में सही पाई गई थी शिकायत: सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि ''पूरा घपला सीएजी की रिपोर्ट में सामने आया, जिसमें बताया गया कि करीब 500 करोड़ का घपला हुआ है.'' उन्होंने कहा कि ''मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद की एडिशनल सीईओ रही नेहा मारव्या ने भी बेलवाल के खिलाफ भर्ती में फर्जीवाड़े की शिकायत की जांच की और शिकायत को सही पाया था. 366 भर्तियों की जांच उन्होंने की थी, लेकिन बाद में सरकार ने उन्हें हटा दिया.'' विवेक तन्खा ने कहा कि ''पोषण आहार में गड़बड़ी की जांच आखिर अभी तक क्यों नहीं हुई. हमने अपनी शिकायत लोकायुक्त में दर्ज करा दी है. हमें पूरी आशा है कि लोकायुक्त इस मामले में कार्रवाई करेगा, हम एक हफ्ता देखेंगे.'' कार्रवाई न होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ''हम सब कुछ करेंगे, लेकिन अपने समय से करेंगे.''
नेता प्रतिपक्ष बोले-सदन में नहीं कराई चर्चा: उधर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोंवद सिंह ने आरोप लगाया कि ''पोषण आहार में गड़बड़ी को लेकर विपक्ष ने कई बार विधानसभा में मामला उठाया. इस मामले को लेकर सरकार से चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार ने इस पर कोई चर्चा नहीं कराई.'' उन्होंने आरोप लगाया कि ''प्रदेश में पूरा भ्रष्टाचार मुख्यमंत्री शिवराज के संरक्षण में हो रहा है.''
सीएजी की रिपोर्ट में सामने आई थी गड़बड़ी: राज्य के महालेखाकार की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश के टेक होम स्कीम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की बात सामने आई थी. रिपोर्ट में सामने आया था कि 110 करोड़ रुपए का पोषण आहार सिर्फ कागजों में ही बांट दिया गया. जिन ट्रकों से 1100 टन के पोषण आहार का परिवहन बताया गया, वह नंबर सीएजी की जांच में मोटर साइकिल, स्कूटर, कार और ऑटो के निकले. जांच रिपोर्ट में भोपाल, छिंदवाड़ा, धार, झाबुआ, रीवा, सागर और शिवपुरी जिलों में करीबन 97 हजार मैट्रिक टन पोषण आहार स्टॉक में होना बताया गया था, लेकिन करीब 87 हजार मैट्रिक टन पोषण आहार ही बांटना बताया गया. यानी करीबन 10 हजार टन आहार गायब हो गया. इसी तरह की कई और गड़बड़ियां सामने आई थी. रिपोर्ट में इस पूरे मामले की प्रदेश भर में जांच कराने के लिए कहा गया था.