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कलेक्टर ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर, समस्या करें व्हाट्सएप, जल्द मिलेगा समाधान

लॉकडाउन की स्थिति और अनलॉक होने के बाद भी कई ऐसे कामकाज और परेशानियां हैं जो लोगों को हो रही हैं, ऐसे में भोपाल कलेक्टर ने व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर जारी किया है जिस पर लोगों अपनी समस्याएं भेज सकते हैं.

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Published : Jun 16, 2020, 11:58 AM IST

भोपाल| कोरोना वायरस के चलते करीब 85 दिनों से प्रदेश में लाकडाउन लागू है, हालांकि सरकार की ओर से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य अब कई तरह की छूट भी दी जा रही हैं. जिसके तहत लगातार बाजार भी खुलने लगे हैं तो वहीं दूसरी ओर शासकीय कार्यालय में भी कामकाज पहले की तरह शुरू हो चुका है, लेकिन ऐसी स्थिति में लोग संक्रमण से बचने के लिए घर पर ही रहना पसंद कर रहे हैं, जरूरी काम होने पर ही लोग बाहर निकलना पसंद करते हैं लेकिन भोपाल में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग शासकीय कार्यालयों से दूरी बना रहे हैं.

ऐसी स्थिति में लोगों के सामने एक बड़ी समस्या लगातार बनी हुई थी कि वह अपनी शिकायत संबंधित अधिकारी तक कैसे पहुंचे, जिसे दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन के द्वारा एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया गया है जिस पर लोग अपनी समस्या बता सकते हैं. शहर के नागरिकों की सहूलियत और आमजनों की जन सुनवाई के लिए भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने व्हाट्सएप नंबर 9425888585 जारी किया है.

इस नंबर पर भोपाल जिले के लोग अपनी शिकायतें और समस्याएं लिखित में भेज सकते हैं इसके अलावा कलेक्टर ने एक ईमेल आईडी भी सार्वजनिक की है आवेदनकर्ता इन माध्यमों से अपने आवेदन भेज सकते हैं उनके आवेदनों पर अधिकारी तत्काल सुनवाई एवं कार्रवाई करते हुए समस्या का समाधान करेंगे. शहर के लोग इस नंबर पर अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर और समस्या लिखकर भेज सकते हैं. इस पर त्वरित कार्रवाई करने के साथ आवेदनकर्ता को उसका लिखित जवाब भी आवेदक के व्हाट्सएप नंबर पर तत्काल प्रभाव से भेजा जाएगा. कलेक्टर ने यह व्यवस्था शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कराने और आमजनों की सहूलियत के लिए शुरू की है.

वहीं राजधानी में मानसून की आहट दिखाई देने लगी है और दो-तीन दिनों के बाद मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगा, इसे देखते हुए भोपाल कलेक्टर ने समस्त अधिकारियों की कलेक्टर कार्यालय में बैठक भी ली है, इस बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बारिश को देखते हुए शहर की जर्जर इमारतों को तत्काल चिन्हित करने का काम शुरू किया जाए.

बता दें कि मानसून सक्रिय होने के बाद राजधानी की कई पुरानी इमारतें अक्सर बड़े हादसे का कारण बन जाती हैं, हालांकि प्रशासन सालभर इन जर्जर इमारतों पर ध्यान नहीं देता है लेकिन जैसे ही मानसून सक्रिय होता है तो उन्हें इन जर्जर इमारतों की याद आ जाती है, हालांकि इन जर्जर इमारतों को हटाना प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती है क्योंकि इन जर्जर इमारतों में रहने वाले लोग इन घरों को छोड़कर दूसरी जगह नहीं जाना चाहते हैं.

भोपाल| कोरोना वायरस के चलते करीब 85 दिनों से प्रदेश में लाकडाउन लागू है, हालांकि सरकार की ओर से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य अब कई तरह की छूट भी दी जा रही हैं. जिसके तहत लगातार बाजार भी खुलने लगे हैं तो वहीं दूसरी ओर शासकीय कार्यालय में भी कामकाज पहले की तरह शुरू हो चुका है, लेकिन ऐसी स्थिति में लोग संक्रमण से बचने के लिए घर पर ही रहना पसंद कर रहे हैं, जरूरी काम होने पर ही लोग बाहर निकलना पसंद करते हैं लेकिन भोपाल में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग शासकीय कार्यालयों से दूरी बना रहे हैं.

ऐसी स्थिति में लोगों के सामने एक बड़ी समस्या लगातार बनी हुई थी कि वह अपनी शिकायत संबंधित अधिकारी तक कैसे पहुंचे, जिसे दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन के द्वारा एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया गया है जिस पर लोग अपनी समस्या बता सकते हैं. शहर के नागरिकों की सहूलियत और आमजनों की जन सुनवाई के लिए भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने व्हाट्सएप नंबर 9425888585 जारी किया है.

इस नंबर पर भोपाल जिले के लोग अपनी शिकायतें और समस्याएं लिखित में भेज सकते हैं इसके अलावा कलेक्टर ने एक ईमेल आईडी भी सार्वजनिक की है आवेदनकर्ता इन माध्यमों से अपने आवेदन भेज सकते हैं उनके आवेदनों पर अधिकारी तत्काल सुनवाई एवं कार्रवाई करते हुए समस्या का समाधान करेंगे. शहर के लोग इस नंबर पर अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर और समस्या लिखकर भेज सकते हैं. इस पर त्वरित कार्रवाई करने के साथ आवेदनकर्ता को उसका लिखित जवाब भी आवेदक के व्हाट्सएप नंबर पर तत्काल प्रभाव से भेजा जाएगा. कलेक्टर ने यह व्यवस्था शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कराने और आमजनों की सहूलियत के लिए शुरू की है.

वहीं राजधानी में मानसून की आहट दिखाई देने लगी है और दो-तीन दिनों के बाद मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगा, इसे देखते हुए भोपाल कलेक्टर ने समस्त अधिकारियों की कलेक्टर कार्यालय में बैठक भी ली है, इस बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बारिश को देखते हुए शहर की जर्जर इमारतों को तत्काल चिन्हित करने का काम शुरू किया जाए.

बता दें कि मानसून सक्रिय होने के बाद राजधानी की कई पुरानी इमारतें अक्सर बड़े हादसे का कारण बन जाती हैं, हालांकि प्रशासन सालभर इन जर्जर इमारतों पर ध्यान नहीं देता है लेकिन जैसे ही मानसून सक्रिय होता है तो उन्हें इन जर्जर इमारतों की याद आ जाती है, हालांकि इन जर्जर इमारतों को हटाना प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती है क्योंकि इन जर्जर इमारतों में रहने वाले लोग इन घरों को छोड़कर दूसरी जगह नहीं जाना चाहते हैं.

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