भोपाल। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके शनिवार को भोपाल पहुंची और लेखक प्रलय श्रीवास्तव की पुस्तक “मध्यप्रदेश में चुनाव और नवाचार“ का विमोचन किया (MP Me Chunav aur Navachar Book Release). समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव ने की. इस अवसर विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत एवं विशेष अतिथि के रूप में पूर्व मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मप्र जेएस माथुर, वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह, विजयदत्त श्रीधर उमेश त्रिवेदी, रमेश शर्मा एवं गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर उपस्थित थीं. कार्यक्रम के दौरान अनुसुइया उईके ने सभी अतिथियों, वरिष्ठ पत्रकारों, विधायक कृष्णा गौर, और लेखक प्रलय श्रीवास्तव को छत्तीसगढ़ की कलाकृति एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया.
जनता का कल्याण करने वाली सरकार चुनें: अनुसुइया उड़के ने कहा कि ''आगामी दिनों में भारतीय मतदाताओं की बड़ी जिम्मेदारी होगी कि वे देश और प्रदेश को सही दिशा देने वाली और जनता का कल्याण करने वाली सरकार चुनें. यह तभी संभव होगा, जब हमारे देश का प्रत्येक मतदाता अपनी जिम्मेदारी को समझेगा और अपने एक वोट के महत्व को जानेगा''. उन्होंने कहा कि ''यह नहीं भूलें कि अटल बिहारी की सरकार मात्र एक वोट से गिर गई थी''. वरिष्ठ पत्रकार स्व. सत्यनारायण श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि वे आदर्शों वाले पत्रकार थे और उन्हें खुशी है कि उनके बेटों ने उन्हीं का रास्ता अपनाया है.
चुनाव आयोग ने देश के मतदाता को मजबूत किया: भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि ''देश पर कौन राज करेगा, यह निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया से ही संभव है. पूरे विश्व में भारत की चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष माना जाता है, यह उपलब्धि भारत ने मात्र 1 डॉलर प्रति वोटर के खर्च पर हासिल की है, जबकि विदेशों में प्रति वोटर 20-25 डॉलर का खर्च होता है. साथ ही भारतीय चुनाव आयोग ने देश के मतदाता को मजबूत किया है. आयोग ने वर्ष 2018 में सी विजिल एप बनाया है, जिससे किसी भी मतदाता की शिकायत पर 100 मिनट के भीतर कड़ी कार्यवाही होती है''. उन्होंने बताया कि ''मध्यप्रदेश में 4 करोड़ 86 लाख मतदाताओं को आधारकार्ड के माध्यम से जोड़ा गया है और यह एक बड़ी उपलब्धि है. चुनाव में नवाचार होते रहते हैं और उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय सेना के जवानों को भी मतदान में भाग लेने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है''.
लेखक प्रलय श्रीवास्तव की सराहना: वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव ने कहा कि ''भारतीय निर्वाचन आयोग ने देश के मदमस्त राजनेताओं को अंकुश में रखा है. उन्होंने लेखक प्रलय श्रीवास्तव की सराहना करते हुए कहा कि प्रलय ने अपने प्रशासनिक जीवन में प्राप्त अनुभवों को लिपिबद्ध कर समाज को अर्जित ज्ञान बांटने का काम किया है. शासन की नौकरी करते हुए, जो संभव नहीं है, ऐसे राजनीतिक विश्लेषणों पर उन्हें आगे जाकर फिर एक पुस्तक लिखनी चाहिए''.
किताब का लंबे समय से इंतजार: इस मौके पर एनके सिंह ने कहा कि ''उन्हें इस किताब का लंबे समय से इंतजार था. जनसंपर्क के लंबे प्रशासनिक अनुभवों के बाद लेखक की इस पुस्तक का दिलचस्प होना अपेक्षित था. भारतीय चुनाव आयोग को मजबूत बनाने में स्व. टीएन शेषन की महत्वपूर्ण भूमिका को याद करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव में शुचिता एवं निष्पक्षता एक बड़ी चुनौती होती है. हमारे देश में मध्यम वर्ग चुनाव में ठीक से शामिल नहीं होता, जबकि पिछड़े और कमजोर तबकों के लोग इस मामले में बेहतर समझ रखते हैं''. जेएस माथुर ने कहा कि ''प्रदेश के चुनावी इतिहास में सूचना प्रौद्यौगिकी और तकनीक को पहले से ही प्रोत्साहित किया जाता रहा है और इसीलिए चुनाव प्रक्रिया में परिवर्तन होते रहे हैं. उन्होंने चुनाव और नवाचार पर सारगर्भित रूप से लिखने के लिए लेखक की प्रशंसा की''.