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मंत्रालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 15 लाख की ठगी, पुलिस ने आरोपियों को रायपुर से किया गिरफ्तार - नौकरी के नाम पर ठगी

Cheating for job in ministry: भोपाल की क्राइम ब्रांच पुलिस ने दो ऐसे भाइयों को गिरफ्तार किया है जो मंत्रालय में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगने का काम करते थे. 15 लाख की ठगी के एक मामले में दोनों को रायपुर से गिरफ्तार किया गया है.

Cheating job in ministry
नौकरी के नाम पर ठगी,रायपुर से गिरफ्तारी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 4, 2024, 5:54 PM IST

भोपाल। एमपी में लोगों को कई प्रकार से ठगने की वारदातें बढ़ती ही जा रही हैं. हाल में आए एक ऐसे ही मामले में भोपाल क्राइम ब्रांच पुलिस ने दो भाइयों को गिरफ्तार किया है जो लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगते थे. इसमें इनके पिता के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इनके दोनों आरोपी के पिता अरुण मिश्रा मंत्रालय में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं. वहीं ये दोनों आरोपी भाई भी अपने आपको एमपी विधानसभा में लिपिक के पद पर कार्य करना बताते थे.

किसने की शिकायत: भोपाल क्राइम ब्रांच के आयुक्त श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि राजधानी के ही रहने वाले एक व्यक्ति गणपत सिंह ने आकर शिकायत दर्ज कराई थी कि भोपाल के बल्लभ भवन के पीछे शासकीय आवास में रहने वाले अरुण मिश्रा जो कि खुद को मंत्रालय का कर्मचारी बताता है और उसके बेटे प्रमोद मिश्रा और प्रकाश मिश्रा ने उसे अपने पिता से मिलवाया था और भोपाल के बल्लभ भवन में वनपाल के पद पर उसकी नौकरी लगवाने की बात कही थी.

15 लाख लेकर दिया नियुक्ति पत्र: आरोपियों ने गणपत को भरोसे में लेने के लिए स्वयं के छोटे बेटे प्रकाश का एक कूटरचित नियुक्ति पत्र भी दिखाया था. इसके बाद जब उसे विश्वास हो गया तो प्रमोद और प्रकाश ने गणपत से वनपाल की नौकरी के नाम पर 15 लाख रुपये की मांग की थी. गणपत ने नवंबर 2022 तक अलग-अलग तरीके से दोनों भाइयों को 15 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था. इसके बाद उनके द्वारा काफी समय तक नियुक्ति पत्र के लिए टालामटोली की गई. दबाव देने पर दोनों भाइयों ने उसे एक कूटरचित नियुक्ति पत्र और एक पहचान पत्र दिया. गणपत नियुक्ति पत्र लेकर जब ज्वाइनिंग देने पहुंचा तो मालूम पड़ा कि यह दोनों ही दस्तावेज फर्जी हैं जिसके बाद उसने थाने पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई.

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रायपुर से पकड़े गए आरोपी: थाने में शिकायत होने की जानकारी मिलते ही दोनों भाई भोपाल से फरार हो गए थे. इसके बाद पुलिस ने उनकी तलाश में कई जगह दबिश दी थी लेकिन यह दोनों रायपुर में प्राइवेट नौकरी कर रहे थे. क्राइम ब्रांच की टीम इन्हें रायपुर से गिरफ्तार कर भोपाल ले आई है. इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद उनके पिता अरुण मिश्रा जो कि मंत्रालय में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं उनके खिलाफ भी पुलिस मामला दर्ज करेगी.

भोपाल। एमपी में लोगों को कई प्रकार से ठगने की वारदातें बढ़ती ही जा रही हैं. हाल में आए एक ऐसे ही मामले में भोपाल क्राइम ब्रांच पुलिस ने दो भाइयों को गिरफ्तार किया है जो लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगते थे. इसमें इनके पिता के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इनके दोनों आरोपी के पिता अरुण मिश्रा मंत्रालय में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं. वहीं ये दोनों आरोपी भाई भी अपने आपको एमपी विधानसभा में लिपिक के पद पर कार्य करना बताते थे.

किसने की शिकायत: भोपाल क्राइम ब्रांच के आयुक्त श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि राजधानी के ही रहने वाले एक व्यक्ति गणपत सिंह ने आकर शिकायत दर्ज कराई थी कि भोपाल के बल्लभ भवन के पीछे शासकीय आवास में रहने वाले अरुण मिश्रा जो कि खुद को मंत्रालय का कर्मचारी बताता है और उसके बेटे प्रमोद मिश्रा और प्रकाश मिश्रा ने उसे अपने पिता से मिलवाया था और भोपाल के बल्लभ भवन में वनपाल के पद पर उसकी नौकरी लगवाने की बात कही थी.

15 लाख लेकर दिया नियुक्ति पत्र: आरोपियों ने गणपत को भरोसे में लेने के लिए स्वयं के छोटे बेटे प्रकाश का एक कूटरचित नियुक्ति पत्र भी दिखाया था. इसके बाद जब उसे विश्वास हो गया तो प्रमोद और प्रकाश ने गणपत से वनपाल की नौकरी के नाम पर 15 लाख रुपये की मांग की थी. गणपत ने नवंबर 2022 तक अलग-अलग तरीके से दोनों भाइयों को 15 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था. इसके बाद उनके द्वारा काफी समय तक नियुक्ति पत्र के लिए टालामटोली की गई. दबाव देने पर दोनों भाइयों ने उसे एक कूटरचित नियुक्ति पत्र और एक पहचान पत्र दिया. गणपत नियुक्ति पत्र लेकर जब ज्वाइनिंग देने पहुंचा तो मालूम पड़ा कि यह दोनों ही दस्तावेज फर्जी हैं जिसके बाद उसने थाने पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई.

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रायपुर से पकड़े गए आरोपी: थाने में शिकायत होने की जानकारी मिलते ही दोनों भाई भोपाल से फरार हो गए थे. इसके बाद पुलिस ने उनकी तलाश में कई जगह दबिश दी थी लेकिन यह दोनों रायपुर में प्राइवेट नौकरी कर रहे थे. क्राइम ब्रांच की टीम इन्हें रायपुर से गिरफ्तार कर भोपाल ले आई है. इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद उनके पिता अरुण मिश्रा जो कि मंत्रालय में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं उनके खिलाफ भी पुलिस मामला दर्ज करेगी.

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