भोपाल। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में नर्स और सहायक नर्स के लिए भर्ती का आवेदन निकला है जिसमें 12वीं में बायोलॉजी होना अनिवार्य बताया गया है, लेकिन इस नियम के तहत मध्यप्रदेश में काम करने वाली अधिकतर एएनएम फॉर्म नहीं भर पाएंगी और वह इस परमानेंट नौकरी से वंचित रह जाएंगी. ऐसा इसलिए क्योंकि कि जो ANM पिछले कई सालों से काम कर रही हैं, वह अन्य सब्जेक्ट से 10वीं और 12वीं पास होकर आई थीं। फिलहाल इसी नियम में बदलाव को लेकर आज सभी ANM ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी के बंगले के बाहर धरना दिया और जमकर नारेबाजी की. उनका कहना है कि "नए भर्ती नियम में बायोलॉजी से 12वीं मांगी गई है, जबकि पिछले 10- 15 साल से जो ANM काम कर रही हैं वह अन्य विषयों से हैं. ऐसे में वो परमनेनेट नौकरी के लिए कैसे आवेदन कर पायेगी, अब इसमें बदलाव करना चाहिए."
ANM को मिला संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का साथ: बता दें कि अब ANM के समर्थन में अन्य संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी भी मैदान में आ गए और वे सभी मंत्री के बंगले के बाहर पहुंचकर धरने में शामिल हुए. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष जितेंद्र भदौरिया का कहना है कि "विभागीय संशोधन के पूर्व भर्ती नियम 1989 के अनुसार एएनएम नियुक्ति प्रशिक्षण हेतु शैक्षणिक योग्यता 12वीं निर्धारित थी, जिसके अनुसार 2019 के पूर्व में शासकीय प्रशिक्षण केंद्रों से 18 माह का प्रशिक्षण भर्ती नियम 1989 द्वारा निर्धारित उम्मीदवारों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया था. इसके तहत प्रशिक्षण प्राप्त सभी एएनएम उम्मीदवार पात्रता रखते हैं और संविदा में पूर्व कई वर्षो से अपनी सेवाएं भी दे रहे हैं. वर्तमान प्रचलित भर्ती नियम के साथ ही, पूर्व में 1989 भर्ती नियम अनुसार ANM 18 माह प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवार भी एएनएम नियुक्ति हेतु आवेदन कर सकें, जो पूर्व से ही कार्यरत हैं. उनको भी अवसर मिले एवं गणित समूह से जिन फार्मासिस्ट ने 12वीं की है, उनको भी वंचित रखा जा रहा है, जो उचित नहीं है. इस हेतु संशोधन आदेश जारी करने का स्वास्थ्य विभाग से निरंतर निवेदन किया जा रहा है, परंतु आज दिनांक तक कार्रवाई ना होने के कारण प्रदेश के ANM संवर्ग में काफी आक्रोश व्याप्त है."
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क्या है ANM की मांग: फिलहाल ANM ने चेतावनी दी है कि अगर समय सीमा में निराकरण नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन होगा. प्रदेश के हजारों ANM इस विज्ञापन के फॉर्म को भरने से वंचित रह जाएंगे, इससे उनको इसका लाभ नहीं मिल पाएगा. महासंघ के समस्त पदाधिकारियों ने मांग की है कि विभाग द्वारा शीघ्र ही कार्रवाई कर ANM को भर्ती प्रक्रिया में मौका देकर उनको लाभ प्रदान किया जाए .अन्यथा प्रदेश व्यापी उग्र आंदोलन करने के लिए इन्हें बाध्य होना पड़ेगा. ANM कर्मचारियों का कहना है कि नर्स के लिए जो सरकार की ओर से आवेदन आया है उसे भरने की अंतिम तिथि 29 मार्च है, ऐसे में 2 से 3 दिन के अंदर अगर इस को बदला नहीं गया तो यह सभी काम बंद कर सड़कों पर उतर आएंगे. इसके अलावा जब सभी कर्मचारी स्वास्थ्य मंत्री के बंगले के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे तो मंत्री इस दौरान रायसेन में थे. जानकारी के अनुसार वह अपने क्षेत्र में दौरे के लिए पहले से ही निकल चुके थे.
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सरकार न्यायालय के इस आदेश को प्रदेश की सभी एएनएम बहनों पर लागू करते हुए भर्ती विज्ञापन में संशोधन करे ताकि सभी एएनएम बहनों को नियमित पदों में परीक्षा देने का मौका मिल सके।
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">सरकार न्यायालय के इस आदेश को प्रदेश की सभी एएनएम बहनों पर लागू करते हुए भर्ती विज्ञापन में संशोधन करे ताकि सभी एएनएम बहनों को नियमित पदों में परीक्षा देने का मौका मिल सके।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 27, 2023सरकार न्यायालय के इस आदेश को प्रदेश की सभी एएनएम बहनों पर लागू करते हुए भर्ती विज्ञापन में संशोधन करे ताकि सभी एएनएम बहनों को नियमित पदों में परीक्षा देने का मौका मिल सके।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 27, 2023
कमलनाथ बोले-ANM बहनों का भविष्य दावं पर: मध्य प्रदेश की ANM के समर्थन में अब कांग्रेस भी आ गई है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर इनका समर्थन किया है. उन्होंने ANM की भर्ती परीक्षा में संसोधन की मांग की है. कमल नाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ''ANM बहनों के सामने रोजी-रोटी का संकट है. सरकार ने भर्ती परीक्षा का विज्ञापन किया है. 7 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी ANM बहनों का भविष्य दावं पर है. ANM बहने पिछले 15 सालों से जन स्वस्थ्य व्यवस्था का अभिन्न अंग हैं, मेरी मांग है कि उन्हें नियमित पदों में परीक्षा देने का मौका मिले. मेरी छिंदवाड़ा की ANM बहनों से बात हुई थी उन्होंने बताया कि न्यायालय के आदेश पर उन्हें परीक्षा देने की अनुमति मिली है, ऐसे में इस आदेश को पूरे मध्यप्रदेश में लागू करते हुए सभी बहनों को परीक्षा देने की अनुमति दी जाए''.