भोपाल। भोपाल क्राइम ब्रांच की सायबर सेल की उपनिरीक्षक किरण मरावी ने बताया कि 78 साल के रामयश गोस्वामी भोपाल के जाटखेड़ी के डायमंड देवालय में रहते हैं. वे एनआरआई हैं. पिछले कई साल वह अमेरिका में रहे हैं. वो दो महीने पहले 1 नंवबर को ही अमेरिका से भोपाल वापस लौटे हैं. उन्होंने शिकायत में बताया कि उनका यहां पर एक बैंक खाता था. जिसमें वे समय-समय पर पैसे जमा करते रहते थे. जब वह भोपाल आए तो उन्हें कुछ पैसों की जरूरत पड़ी तो वे पैसे निकालने के लिए बैंक पहुंचे.
बैंक पहुंचने पर फर्जीवाड़े की जानकारी लगी : बैंक पहुंचने पर जब चेक के माध्यम से पैसे निकालने का प्रयास किया तो बैंक कर्मचारी ने खाते में पैसा न होने की बात कही. उन्होंने बैंक मैनेजर से इस बारे में शिकायत की. बैंक मैनेजर ने उन्हें बताया कि उनके खाते में पैसा नहीं है. इस बात का पता चलने पर उन्होंने बैंक से अपने अकाउंट की पूरी जानकारी मांगी तो पता चला कि उनके खाते में किसी ने जालसाजी कर एक मोबाइल नंबर लिंक करा रखा है, जोकि उनका नहीं है. उसी मोबाइल नंबर से आरोपी ने आधार पर क्रेडिट कार्ड बनवाया और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मार्च 2019 से जून 2020 के बीच 14 लाख 60 हजार रुपए निकाल लिए.
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पुलिस मामले की जांच में जुटी : इस पूरे मामले में मोबाइल नंबर कैसे इस खाते से लिंक हुआ, यह बात अभी तक संदिग्ध लग रही है. क्योंकि जिसको यह जानकारी है कि गोस्वामी के खाते में पैसे जमा होते रहते हैं पर निकाले नहीं जाते, वही इस घटना को अंजाम दे सकता है. यह पता चलते ही गोस्वामी ने मामले की शिकायत सायबर क्राइम शाखा में कर दी. इस शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने बैंक अकाउंट में लिंक मोबाइल नंबर धारक के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.