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Bhopal Crime News : 5 सौ फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवा दिए, पुलिस ने गिरोह के दो सदस्य किए गिरफ्तार - और भी हो सकती है गिरफ्तारी

राजधानी भोपाल में क्राइम ब्रांच और साइबर क्राइम लगातार अपात्र लोगों को दिए गए आयुष्मान कार्ड के मामले में कार्रवाई कर रही है. शिवपुरी से गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर दो अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की गई है. पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने प्रदेशभर में 5 सौ फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवाए हैं.

Bhopal Crime News
5 सौ फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवा दिए गिरोह के दो सदस्य किए गिरफ्तार
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Published : Mar 3, 2023, 12:54 PM IST

Updated : Mar 3, 2023, 1:14 PM IST

भोपाल। गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर आरोप है कि अपात्र लोगों को आयुष्मान कार्ड की पात्रता उपलब्ध कराते थे और उन्हें आयुष्मान कार्ड बनाने में सहायता करते थे. क्राइम ब्रांच का मानना है कि पूरे प्रदेश में 500 से अधिक आयुष्मान कार्ड इन लोगों द्वारा बनाए गए हैं. इस पूरे मामले में क्राइम ब्रांच अभी और लोगों की गिरफ्तारी भी कर सकती है. राजधानी सहित पूरे प्रदेश में आयुष्मान कार्ड को लेकर लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं. हालांकि मध्यप्रदेश में इसे लेकर कुछ अस्पतालों को ब्लैक लिस्टेड भी किया गया है. इसके बाद भी अपात्र लोग आयुष्मान योजना के तहत कार्ड बनवा कर उसका लाभ ले रहे थे.

मुख्य आरोपी से पूछताछ: क्राइम ब्रांच के उपायुक्त अमित कुमार ने बताया कि लिखित शिकायत प्राप्त हुई थी. जिसकी जांच के दौरान अपात्र लोगों को आयुष्मान योजना के कार्ड बनाने वाले एक व्यक्ति अनुराग श्रीवास्तव को मध्यप्रदेश के शिवपुरी से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि उसने अपात्र लोगों को लगभग 500 आयुष्मान योजना के कार्ड बनवाए. इसके साथ ही उसने इस मामले में लिप्त लोगों के बारे में भी जानकारी दी थी. दरअसल, नौकरी जाने के बाद भी ये लोग अपात्र लोगों के आयुष्मान योजना के आवेदनों को स्वीकृति प्रदान करते थे. अनुराग श्रीवास्तव से मिली जानकारी के आधार पर भोपाल क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह के दो अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी की है. इनके नाम हैं राहत खान निवासी मुंगावली, अशोकनगर और प्रकाश पंथी गंजबासौदा विदिशा.

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और भी हो सकती है गिरफ्तारी : पुलिस का कहना है कि अभी इनसे पूछताछ की जा रही है और क्राइम ब्रांच जल्द ही इस पूरे मामले में कुछ अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी कर सकती है. शुरुआती पूछताछ में इन लोगों ने स्वीकार किया है कि ये लोग महज ₹200 प्रतिकार्ड के अनुसार पैसा लेकर जिन लोगों के आवेदन निरस्त हो जाते थे, उन लोगों के आवेदनों को स्वीकृति प्रदान कर देते थे. इस पूरे मामले में अनुराग के नौकरी के हटने के बाद भी उसको नहीं हटाया गया. उसकी आईडी चालू थी, जिस पर स्वीकृति प्रदान करने के लिए ओटीपी आता था. उसी का फायदा उठाकर ये लोग अपात्र लोगों से पैसा लेकर उन्हें आयुष्मान कार्ड बनवा देते थे. जिसके कारण कई अपात्र लोगो को उपलब्ध कराए गए कार्डों के आधार पर लोगों का इलाज किया गया है और शासन को लाखों रुपयों का नुकसान पहुंचाया गया है.

भोपाल। गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर आरोप है कि अपात्र लोगों को आयुष्मान कार्ड की पात्रता उपलब्ध कराते थे और उन्हें आयुष्मान कार्ड बनाने में सहायता करते थे. क्राइम ब्रांच का मानना है कि पूरे प्रदेश में 500 से अधिक आयुष्मान कार्ड इन लोगों द्वारा बनाए गए हैं. इस पूरे मामले में क्राइम ब्रांच अभी और लोगों की गिरफ्तारी भी कर सकती है. राजधानी सहित पूरे प्रदेश में आयुष्मान कार्ड को लेकर लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं. हालांकि मध्यप्रदेश में इसे लेकर कुछ अस्पतालों को ब्लैक लिस्टेड भी किया गया है. इसके बाद भी अपात्र लोग आयुष्मान योजना के तहत कार्ड बनवा कर उसका लाभ ले रहे थे.

मुख्य आरोपी से पूछताछ: क्राइम ब्रांच के उपायुक्त अमित कुमार ने बताया कि लिखित शिकायत प्राप्त हुई थी. जिसकी जांच के दौरान अपात्र लोगों को आयुष्मान योजना के कार्ड बनाने वाले एक व्यक्ति अनुराग श्रीवास्तव को मध्यप्रदेश के शिवपुरी से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि उसने अपात्र लोगों को लगभग 500 आयुष्मान योजना के कार्ड बनवाए. इसके साथ ही उसने इस मामले में लिप्त लोगों के बारे में भी जानकारी दी थी. दरअसल, नौकरी जाने के बाद भी ये लोग अपात्र लोगों के आयुष्मान योजना के आवेदनों को स्वीकृति प्रदान करते थे. अनुराग श्रीवास्तव से मिली जानकारी के आधार पर भोपाल क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह के दो अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी की है. इनके नाम हैं राहत खान निवासी मुंगावली, अशोकनगर और प्रकाश पंथी गंजबासौदा विदिशा.

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और भी हो सकती है गिरफ्तारी : पुलिस का कहना है कि अभी इनसे पूछताछ की जा रही है और क्राइम ब्रांच जल्द ही इस पूरे मामले में कुछ अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी कर सकती है. शुरुआती पूछताछ में इन लोगों ने स्वीकार किया है कि ये लोग महज ₹200 प्रतिकार्ड के अनुसार पैसा लेकर जिन लोगों के आवेदन निरस्त हो जाते थे, उन लोगों के आवेदनों को स्वीकृति प्रदान कर देते थे. इस पूरे मामले में अनुराग के नौकरी के हटने के बाद भी उसको नहीं हटाया गया. उसकी आईडी चालू थी, जिस पर स्वीकृति प्रदान करने के लिए ओटीपी आता था. उसी का फायदा उठाकर ये लोग अपात्र लोगों से पैसा लेकर उन्हें आयुष्मान कार्ड बनवा देते थे. जिसके कारण कई अपात्र लोगो को उपलब्ध कराए गए कार्डों के आधार पर लोगों का इलाज किया गया है और शासन को लाखों रुपयों का नुकसान पहुंचाया गया है.

Last Updated : Mar 3, 2023, 1:14 PM IST
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