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बीसीसीआई को संजीव गुप्ता के मेल की जांच करनी चाहिए: आदित्य वर्मा

एमपीसीए के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता के द्वारा किए गए मेल को लेकर आईपीएल के याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने कहा कि बीसीसीआई को मामले की तुरंत जांच करनी चाहिए.

BCCI should check Sanjeev Gupta's mail
बीसीसीआई
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Published : Jul 14, 2020, 6:11 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता को कई क्रिकेटरों के खिलाफ हितों के टकराव का मामला उठाने के लिए जाना जाता है. उन्होंने शुक्रवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया और संजय जगदाले को एक मेल भेजा था. जिसमें उन्होंने विराट कोहली के खिलाफ हितों के टकराव की जांच की मांग की है. गुप्ता ने स्वीकार किया है कि उन्हें कई लोगों ने ड्राफ्ट मेल के लिए कहा था. अब आईपीएल के याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा का मानना है कि बीसीसीआई को तुरंत इस मामले की जांच करनी चाहिए. वर्मा ने बताया कि यह न केवल एमपीसीए में गुप्ता के मेल को लेकर है, बल्कि उन मेल के बारे में भी जो कि गुप्ता ने मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों को लेकर किया है.

याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने कहा कि यह मेल संजीव गुप्ता द्वारा निश्चित रूप से स्वीकार किया गया है कि वह अपने एसोसिएशन में व्यक्तियों के खिलाफ तुच्छ मुद्दों को उठाने का काम कर रहा है और वही चीजें जो उन्हें बीसीसीआई में भी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह न्याय के प्रशासन के साथ हस्तक्षेप है और यह न केवल बीसीसीआई और राज्य संघों के काम को बाधित कर रहा है. बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ईमानदारी से लागू करने के साथ भी खेल रहा है. जिससे असंतुष्ट लोग उक्त आदेशों का दुरुपयोग कर रहे हैं और इस तरह के दुरुपयोग के लिए संजीव गुप्ता उनके हथियार बन गए हैं.

जांच के लिए पैनल का हो गठन

वर्मा ने कहा कि अदालत को इस गंभीर मामले की जांच का आदेश देना चाहिए. मैं सौरव गांगुली और जय शाह से भी अनुरोध करता हूं कि वे इसकी जांच के लिए तुरंत एक पैनल का गठन करें और देखें कि इसके पीछे कौन है. ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जो बीसीसीआई इसके पदाधिकारियों, क्रिकेटरों और अन्य राज्य संघों को दागदार करने में लोगों की मदद कर रहे हैं. भारतीय क्रिकेट सर्वोपरि है और किसी का व्यक्तिगत एजेंडा क्रिकेट से बड़ा नहीं हो सकता. वर्मा ने आगे कहा कि गुप्ता ने पहले भी गांगुली, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, तो क्या वे भी किसी और के इशारे पर थे.

उन्होंने कहा कि इससे पहले गुप्ता ने तेंदुलकर, लक्ष्मण, द्रविड़ और अन्य दिग्गज खिलाड़ियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज की थी. अब एक सवाल पूछने की जरूरत है कि क्या वे शिकायतें किसी और के इशारे पर दायर की गई थीं. क्या गुप्ता का नाम केवल एक मोहरा था और इसके पीछे कोई और था. यह जानना दिलचस्प होगा कि सभी ने आज तक अपनी सेवाओं का इस्तेमाल किसके लिए किया है. वर्मा ने कहा कि मैं एक बार फिर से एमपीसीए के अधिकारियों से गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील करता हूं. क्योंकि एमपीसीए, बीसीसीआई की एक संबद्ध इकाई है और अगर गुप्ता का आजीवन सदस्य बीसीसीआई के हितों के खिलाफ काम कर रहा है, तो उन्हें तुरंत निष्कासित कर दिया जाना चाहिए.

भोपाल। मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता को कई क्रिकेटरों के खिलाफ हितों के टकराव का मामला उठाने के लिए जाना जाता है. उन्होंने शुक्रवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया और संजय जगदाले को एक मेल भेजा था. जिसमें उन्होंने विराट कोहली के खिलाफ हितों के टकराव की जांच की मांग की है. गुप्ता ने स्वीकार किया है कि उन्हें कई लोगों ने ड्राफ्ट मेल के लिए कहा था. अब आईपीएल के याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा का मानना है कि बीसीसीआई को तुरंत इस मामले की जांच करनी चाहिए. वर्मा ने बताया कि यह न केवल एमपीसीए में गुप्ता के मेल को लेकर है, बल्कि उन मेल के बारे में भी जो कि गुप्ता ने मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों को लेकर किया है.

याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने कहा कि यह मेल संजीव गुप्ता द्वारा निश्चित रूप से स्वीकार किया गया है कि वह अपने एसोसिएशन में व्यक्तियों के खिलाफ तुच्छ मुद्दों को उठाने का काम कर रहा है और वही चीजें जो उन्हें बीसीसीआई में भी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह न्याय के प्रशासन के साथ हस्तक्षेप है और यह न केवल बीसीसीआई और राज्य संघों के काम को बाधित कर रहा है. बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ईमानदारी से लागू करने के साथ भी खेल रहा है. जिससे असंतुष्ट लोग उक्त आदेशों का दुरुपयोग कर रहे हैं और इस तरह के दुरुपयोग के लिए संजीव गुप्ता उनके हथियार बन गए हैं.

जांच के लिए पैनल का हो गठन

वर्मा ने कहा कि अदालत को इस गंभीर मामले की जांच का आदेश देना चाहिए. मैं सौरव गांगुली और जय शाह से भी अनुरोध करता हूं कि वे इसकी जांच के लिए तुरंत एक पैनल का गठन करें और देखें कि इसके पीछे कौन है. ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जो बीसीसीआई इसके पदाधिकारियों, क्रिकेटरों और अन्य राज्य संघों को दागदार करने में लोगों की मदद कर रहे हैं. भारतीय क्रिकेट सर्वोपरि है और किसी का व्यक्तिगत एजेंडा क्रिकेट से बड़ा नहीं हो सकता. वर्मा ने आगे कहा कि गुप्ता ने पहले भी गांगुली, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, तो क्या वे भी किसी और के इशारे पर थे.

उन्होंने कहा कि इससे पहले गुप्ता ने तेंदुलकर, लक्ष्मण, द्रविड़ और अन्य दिग्गज खिलाड़ियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज की थी. अब एक सवाल पूछने की जरूरत है कि क्या वे शिकायतें किसी और के इशारे पर दायर की गई थीं. क्या गुप्ता का नाम केवल एक मोहरा था और इसके पीछे कोई और था. यह जानना दिलचस्प होगा कि सभी ने आज तक अपनी सेवाओं का इस्तेमाल किसके लिए किया है. वर्मा ने कहा कि मैं एक बार फिर से एमपीसीए के अधिकारियों से गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील करता हूं. क्योंकि एमपीसीए, बीसीसीआई की एक संबद्ध इकाई है और अगर गुप्ता का आजीवन सदस्य बीसीसीआई के हितों के खिलाफ काम कर रहा है, तो उन्हें तुरंत निष्कासित कर दिया जाना चाहिए.

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