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बालमित्र थाने का हुआ शुभारंभ, बच्चों को नशामुक्त कर मुख्यधारा से जोड़ने की पहल - बालमित्र थाने

भोपाल में दूसरे बालमित्र थाने का शुभारंभ किया गया. यह बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के लिए प्रेरित करने और उन्हें नशामुक्त कराने का काम करेगा.

Balamitra police station
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Published : Sep 6, 2019, 8:44 AM IST

भोपाल। संत नगर बैरागढ़ में बच्चों को बुरी आदतों से बचाने के लिए बालमित्र थाने का शुभारंभ किया गया. यह भोपाल का दूसरा बालमित्र थाना है. बैरागढ़ क्षेत्र में बनाए गए बालमित्र थाने में सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. यहां बच्चों को शिक्षा के लिए भी प्रेरित किया जाएगा, ताकि वह अपने भविष्य को सही दिशा में ले जा सकें.

बालमित्र थाने का हुआ शुभारंभ

बालमित्र थाने का शुभारंभ एडिशनल एसपी दिनेश कौशल ने किया. थाने को एक एनजीओ को दिया गया है, जो अपनी देखरेख में बच्चों को सुधारने का काम करेगा. वहीं बच्चों के मानसिक विकास के लिए भी समय-समय पर अलग-अलग तरह के आयोजन भी करता रहेगा. जिसमें बच्चों को गुड-टच और बैड-टच के बारे में भी समय-समय पर जानकारी दी जाएगी .

एडिशनल एसपी दिनेश कौशल ने बताया कि यह भोपाल का दूसरा बालमित्र थाना है. हम इसे पूरी तरह से हाईटेक बनाना चाहते हैं ताकि शहर में जो बच्चे सिगरेट, गांजा और अन्य प्रकार के नशे में लिप्त हैं, उन बच्चों को इन सब बुरी आदतों से छुटकारा दिलाया जा सके ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें.

एडिशनल एसपी ने बताया कि इस तरह के थाने बनाए जाने से एक बड़ा फायदा यह होता है कि यदि किसी बच्चे को अपने ऊपर हुए अपराध की शिकायत दर्ज करानी है तो उसे अब पुलिस थाने नहीं आना पड़ेगा. वह बालमित्र थाने में आकर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है. यहां उसे एक ऐसा माहौल मिलेगा जिससे उसे पुलिस का किसी प्रकार का भय ना रहे.

एनजीओ संचालिका निधि दुबे ने बताया कि भोपाल में बालमित्र थाना बच्चों के विकास के लिए कारगर कदम साबित हो रहा है. हमारा उद्देश्य है कि बालमित्र थाने में आने वाले बच्चे के साथ हम कितने प्रेम व्यवहार के साथ पेश आते हैं. पुलिस विभाग का इस नवाचार में काफी बड़ा योगदान रहा है.

भोपाल। संत नगर बैरागढ़ में बच्चों को बुरी आदतों से बचाने के लिए बालमित्र थाने का शुभारंभ किया गया. यह भोपाल का दूसरा बालमित्र थाना है. बैरागढ़ क्षेत्र में बनाए गए बालमित्र थाने में सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. यहां बच्चों को शिक्षा के लिए भी प्रेरित किया जाएगा, ताकि वह अपने भविष्य को सही दिशा में ले जा सकें.

बालमित्र थाने का हुआ शुभारंभ

बालमित्र थाने का शुभारंभ एडिशनल एसपी दिनेश कौशल ने किया. थाने को एक एनजीओ को दिया गया है, जो अपनी देखरेख में बच्चों को सुधारने का काम करेगा. वहीं बच्चों के मानसिक विकास के लिए भी समय-समय पर अलग-अलग तरह के आयोजन भी करता रहेगा. जिसमें बच्चों को गुड-टच और बैड-टच के बारे में भी समय-समय पर जानकारी दी जाएगी .

एडिशनल एसपी दिनेश कौशल ने बताया कि यह भोपाल का दूसरा बालमित्र थाना है. हम इसे पूरी तरह से हाईटेक बनाना चाहते हैं ताकि शहर में जो बच्चे सिगरेट, गांजा और अन्य प्रकार के नशे में लिप्त हैं, उन बच्चों को इन सब बुरी आदतों से छुटकारा दिलाया जा सके ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें.

एडिशनल एसपी ने बताया कि इस तरह के थाने बनाए जाने से एक बड़ा फायदा यह होता है कि यदि किसी बच्चे को अपने ऊपर हुए अपराध की शिकायत दर्ज करानी है तो उसे अब पुलिस थाने नहीं आना पड़ेगा. वह बालमित्र थाने में आकर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है. यहां उसे एक ऐसा माहौल मिलेगा जिससे उसे पुलिस का किसी प्रकार का भय ना रहे.

एनजीओ संचालिका निधि दुबे ने बताया कि भोपाल में बालमित्र थाना बच्चों के विकास के लिए कारगर कदम साबित हो रहा है. हमारा उद्देश्य है कि बालमित्र थाने में आने वाले बच्चे के साथ हम कितने प्रेम व्यवहार के साथ पेश आते हैं. पुलिस विभाग का इस नवाचार में काफी बड़ा योगदान रहा है.

Intro:नशे की लत में फंसे बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए हुआ बालमित्र थाने का शुभारंभ

भोपाल | राजधानी के संत नगर बैरागढ़ में बच्चों को बुरी आदतों से बचाने के लिए बालमित्र थाने का शुभारंभ किया गया . यह राजधानी का दूसरा बालमित्र थाना है . बैरागढ़ क्षेत्र में बनाए गए बालमित्र थाने में सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है . यहां बच्चों को पढ़ाई लिखाई के लिए भी प्रेरित किया जाएगा ताकि वह अपने भविष्य को सही दिशा में ले जा सके . बालमित्र थाने का शुभारंभ एडिशनल एसपी दिनेश कौशल ने किया . बालमित्र थाने को एक एनजीओ को दिया गया है जो अपनी देखरेख में बच्चों को सुधारने का काम करेगा . Body:एडिशनल एसपी दिनेश कौशल ने बताया कि यह भोपाल का दूसरा बालमित्र थाना है . हम इसे पूरी तरह से हाईटेक बनाना चाहते हैं ताकि शहर में जो बच्चे सिगरेट ,गांजा व अन्य प्रकार के नशे में लिप्त हैं , उन बच्चों को इन सब बुरी आदतों से छुटकारा दिलाया जा सके ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें . हमारा उद्देश्य है कि वे बच्चे जो अपने बचपन को किन्ही कारणों से आज खराब कर रहे हैं उन्हें शिक्षित कर एक योग्य व्यक्ति बनाया जा सके ताकि वह बड़े होकर देश के विकास में अपना अभिन्न योगदान दे सकें. कई बच्चे ऐसे हैं जिनकी पढ़ाई लिखाई में बेहद रूचि है , लेकिन किन्ही कारणों की वजह से या तो वे नशे की लत में पड़ गए हैं या फिर मजबूरी बस कहीं काम कर रहे हैं .
उन्होंने बताया कि इस बालमित्र थाने में बच्चों को पढ़ाने के लिए सभी आधुनिक सामग्री का इस्तेमाल किया गया है ताकि बच्चों में पढ़ाई लिखाई की जिज्ञासा और ज्यादा बढ़े हमारी कोशिश होगी कि इस क्षेत्र के जितने भी ऐसे बच्चे हैं जो स्कूल जाना चाहते हैं पर किसी वजह से नहीं जा पाते हैं उन्हें यहां लाकर शिक्षा दी जाए इस बालमित्र थाने में बच्चों के मानसिक विकास के लिए भी समय-समय पर अलग-अलग तरह के आयोजन आयोजित किए जाएंगे . Conclusion:उन्होंने बताया कि इस तरह के थाने बनाए जाने से एक बड़ा फायदा यह होता है कि यदि किसी बच्चे को अपने ऊपर हुए अपराध की शिकायत दर्ज करानी है तो उसे अब पुलिस थाने नहीं आना पड़ेगा वह बालमित्र थाने में आकर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है यहां उसे एक ऐसा माहौल मिलेगा जिससे उसे पुलिस का किसी प्रकार का भय ना रहे उन्होंने कहा कि इस थाने में उन बच्चों को भी लाया जाएगा जो किन्ही कारणों से अपराध कर चुके हैं उन्हें सुधारने के लिए भी यह बालमित्र थाना एक कारगर स्थान साबित होगा . साथ ही यहां पर जागरूकता के लिए भी कई तरह के आयोजन किए जाएंगे . जिसमें बच्चों को गुड -टच और बैड -टच के बारे में भी समय-समय पर जानकारी दी जाएगी .
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में कई जिलों में इसी तरह के बालमित्र थाने जल्द खोले जाने हैं . भोपाल में यह दूसरा थाना है जिसका शुभारंभ किया गया है . इसके अलावा हनुमानगंज क्षेत्र में एवं गोविंदपुरा क्षेत्र में भी जल्द बालमित्र थाने का शुभारंभ किया जाएगा . इस तरह से भोपाल में कुल 4 बालमित्र थाने हो जाएंगे .

एनजीओ संचालिका निधि दुबे ने बताया कि भोपाल में बालमित्र थाना बच्चों के विकास के लिए एक कारगर स्थान साबित हो रहा है एक थाने पहले ही भोपाल में संचालित किया जा रहा है तो वहीं अब बैरागढ़ में भी दूसरा थाना प्रारंभ हो गया है इसके अलावा विदिशा जिले में भी चार बालमित्र थाने बनाए जाना है . हमारा उद्देश्य ही है कि बालमित्र थाने में आने वाले बच्चे के साथ हम कितने प्रेम व्यवहार के साथ पेश आते हैं पुलिस विभाग का इस नवाचार में काफी बड़ा योगदान रहा है .
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