भोपाल। एमपी में हिंदु राजनीति के पोस्टर बॉय बन चुके पंडित धीरेंद्र शास्त्री एक बार फिर चर्चा में है. इस बार चर्चा का कारण है कि उनके द्वारा अगले माह एमपी के सतना जिले स्थित मैहर में आयोजित की जानें वाली कथा निरस्त कर दी गई. ऐसा पहली बार हुआ जब उनकी कोई कथा निरस्त हुई लेकिन इस निर्णय से मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी खासे कुपित हैं. त्रिपाठी बोले कि भाजपा के बड़े नेता नहीं चाहते विंध्य की धरती पर अलग कथा हो इसलिए अब मैं वहां हनुमान चालीसा का पाठ करुंगा.
शास्त्री ने स्थगित की कथा: पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कथा रद्द करने का वीडियो अपनी ऑफिसियल अकाउंट बागेश्वर धाम के ऊपर दोपहर 12 बजे अपलोड किया. इसमें उन्होंने कहा कि इस वीडियो के माध्यम से हम आप सभी को अवगत कराना चाहते हैं कि मई में 3 मई से होने वाली जो कथा थी वो अति व्यस्तता के कारण संतो की आज्ञा के कारण कथा का समय आगे बढ़ाया जाता है. वहां के विधायक नारायण त्रिपाठी के माध्यम से जो आयोजन होना था, वह जनवरी मध्य में होना निश्चित हुआ है. लगभग आज से दो दिन पहले संतो की आज्ञा मिली और उनकी आज्ञा की अवहेलना नहीं की जा सकती है. उस आज्ञा के कारण इस कथा को स्थगित करके जनवरी में समय सुनिश्चित करके आप सभी की सेवा और दर्शन करने हम आएंगे. इस बीच में भगवती को प्रणाम करने अवश्य आएंगे.
इस कथा को कैंसिल न मानकर के तारीख आगे बढ़ी हुई मानी जाए. ” इस वीडियो में धीरेंद्र शास्त्री ने जिक्र किया है कि दो दिन पहले ही उन्हें संतो की आज्ञा मिली है. सवाल यह उठ रहा है कि दो दिन पहले ही उनसे एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच साझा किया था और इसके बाद से ही यह चर्चा आम हो गई थी कि संभवत: पंडित शास्त्री की कथा मैहर में नहीं होगी. कथा निरस्त होने की बात पर खुद विधायक नारायण त्रिपाठी ने सोशल मीडिया के जरिए मुहर लगा दी है. उन्होंने कहा कि योजना की तैयारियां अंतिम पड़ाव पर थी और कथा निरस्त हो गई. 15 अप्रैल को कथा आयोजन स्थल पर टेंट लगाने का भूमिपूजन होना था. अब उसी स्थान पर 15 अप्रैल की शाम से हनुमान चालीसा का आयोजन किया जाएगा.
नई पार्टी बनाने के बाद से हैं भाजपा पार्टी के निशाने पर: नारायण त्रिपाठी लंबे समय से विंध्य प्रदेश की मांग उठा रहे हैं और लगातार इसको लेकर बयान बाजी भी करते रहे हैं लेकिन हाल ही में जब उन्होंने भाजपा से बगावत करके विंध्य जनता पार्टी के नाम से नई पार्टी बनाने की घोषणा की तो वे भाजपा के निशाने पर आ गए. इसी पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा करवा रहे थे. लगभग सारी बातें तय हो गई थी कि इसी बीच पंडित शास्त्री की कथा का आयोजन विदिशा में हुआ और मुख्यमंत्री ने मंच साझा किया. इसके ठीक दो दिन बाद यह बयान आया. ऐसे में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी इमेज बचाने के लिए कथा एकदम निरस्त करने की बजाय इसकी तारीख आगे बढ़ाने की बात कही है.
नारायण क्या कहते हैं और क्या करते हैं: सतना में 9 अप्रैल को विंध्य प्रीमियर लीग के दूसरे सीजन क्रिकेट टूर्नामेंट के समापन समारोह में नारायण त्रिपाठी ने कहा कि अलग विंध्य प्रदेश बनाकर अभियान तेज करना होगा. इसके लिए अलग विंध्य जनता पार्टी बनाई जाएगी. इसी बयान के बाद भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का सतना पहुंचना हुआ तो उन्हाेंने सीधे कह दिया कि नारायण क्या चाहते हैं यह तो वही जानें कभी कुछ कहते हैं और फिर कुछ करते हैं.
30 सीटों के लिए मशक्कत: नारायण त्रिपाठी आने वाले 2023 के चुनाव में अलग विंध्य प्रदेश पार्टी बनाकर 30 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारना चाहते हैं. इसको लेकर वे खुला बयान दे चुके हैं. इनमें सतना के साथ रीवा, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, पन्ना, छतरपुर जिलों की मिलाकर कुल 30 सीटें हैं. इसमें भी सतना और सिंगरौली का औद्योगिक मुख्य टारगेट पर हैं. नारायण त्रिपाठी का वर्चस्व रीवा संभाग में अच्छा खासा है.